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BRD मेडिकल कॉलेज: फायर फाइटिंग सिस्टम पूरी तरह फेल, अधिकारियों ने भी झाड़ा पल्ला

नेहरु चिकित्सालय के ड्रग स्टोर में जो आग लगी थी तभी फायर फाइटिंग सिस्टम की कमी खाली थी। उसके बाद लखनऊ के केजीएमसी के ट्रामा सेंटर में लगी आग में कईयों की मौत हो गई थी जिसके बाद प्रदेश सरकार ने आनन फानन में सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने का आदेश दिया। जिस पर करोड़ों, अरबों रुपए पानी की तरह बहा भी दिए गए थे।

priyankajoshi
Published on: 9 Jan 2018 12:32 PM GMT
BRD मेडिकल कॉलेज: फायर फाइटिंग सिस्टम पूरी तरह फेल, अधिकारियों ने भी झाड़ा पल्ला
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गोरखपुर: नेहरु चिकित्सालय के ड्रग स्टोर में जो आग लगी थी तभी फायर फाइटिंग सिस्टम की कमी खाली थी। उसके बाद लखनऊ के केजीएमसी के ट्रामा सेंटर में लगी आग में कईयों की मौत हो गई थी जिसके बाद प्रदेश सरकार ने आनन फानन में सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने का आदेश दिया। जिस पर करोड़ों, अरबों रुपए पानी की तरह बहा भी दिए गए थे।

लेकिन जब कल बीआरडी के प्राचार्य के कक्ष में लगी आग को बुझाने के लिए बाहर लगे फायर फाइटिंग सिस्टम की मदद ली गई तो वो हाथी का दांत साबित हुआ, करोड़ों की लागत से लगा फायर फाइटिंग सिस्टम पूरी तरह से फेल नजर आया।

अधिकारियों ने भी पल्ला झाड़ा

मेडिकल कॉलेज परिसर में फायर फाइटिंग सिस्टम जगह-जगह लगवा दिया गया है। लाल रंग के डिब्बे और मोटी पाइप लगी दिख रही है लेकिन जब आग लगी और मौजूद कर्मचारियों ने इस फायर फाइटिंग सिस्टम का उपयोग करना चाहा तो वह नाकाफी साबित हुई। जब फायर फाइटिंग सिस्टम के पाइप को निकालकर देखा तो उसमें पानी का प्रेशर ना के बराबर था। अगर वह काम कर रहा होता तो आग कुछ ही समय बाद बुझा दी गई होती। शायद इतना नुकसान भी नहीं हुआ होता। फिलहाल, यह पूरा मामला जांच का है और बड़े अधिकारी भी से इस पूरे मुद्दे से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं।

मुख्य अग्निशमन अधिकारी डी.के. सिंह ने बताया कि जब आग लगने की सूचना मिली तो मैं भी मौके पर पहुंच गया। हमारी 7 गाड़ियां लगी हुई थी, लेकिन जो यहां फायर फाइटिंग सिस्टम लगा हुआ था वो पूरी तरह से फेल साबित हुआ। हम लोगों के पास पर्याप्त संसाधन थे जिससे हम आग पर जल्दी ही काबू पाने में सफलता मिल गई थी।

अलार्म तक नहीं बजा

मेडिकल कॉलेज परिसर में मिला दी फायर फाइटिंग सिस्टम कॉल अलार्म तक आग लगने के बाद नहीं बजा। अगर बच गया होता तो शायद आग से इतना नुकसान नहीं हुआ होता। वहीं अलार्म सिस्टम नहीं बजने से कर्मचारी भी काफी नाखुश दिखे। कई ने तो यहां तक कहा कि यहां सब कुछ में हेरा-फेरी की गई है। आग लगने के बावजूद अलार्म क्यों नहीं बजा इसके जो भी जिम्मेदार हैं आखिर उन्होंने क्यों नहीं पहले इसे चेक किया, यह भी जांच का विषय है।

ऑक्सीजन कांड की जल गई फाइलें

प्राचार्य कक्ष में रखी ऑक्सीजन कांड की जांच की 40 फायदे भी जलकर खाक हो गए। हालांकि, अधिकारियों की दबी जुबान में कहना है कि ओरिजिनल कागज जांच टीम के पास मौजूद है। ऑफिस में सिर्फ उसकी फोटो कॉपी रखी गई थी।

आप को बता दें कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अगस्त 2017 में ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाने से 72 घंटे में 68 बच्चों की मौत हो गई थी। इस मामले में यूपी सरकार ने जांच के आदेश दिए थे और आरोपी जेल में है जिनकी अभी भी जांच चल रही है।

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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