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BRD मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल और उनकी पत्नी गिरफ्तार
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों को मौत के आरोपी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य राजीव मिश्रा और उनकी पत्नी पूर्णिमा को एसटीएफ ने कानपुर से
गोरखपुर/कानपुर: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों को मौत के आरोपी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य राजीव मिश्रा और उनकी पत्नी पूर्णिमा को एसटीएफ ने कानपुर से गिरफ्तार कर लिए गये हैं। मंगलवार (29 अगस्त) की दोपहर दोनों को के साकेत नगर इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया है।
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राजीव मिश्रा और उनकी पत्नी कानपुर में किसी वकील के घर रुके हुए थे। शरण देने वाले वकील पर भी कानूनी कार्रवाई हो सकती है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मौतों के मामले में रविवार(27 अगस्त) को लखनऊ के हजरतगंज थाने में 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इनमें पहली एफआईआर भ्रष्टाचार, दूसरी लापरवाही बरतने और तीसरी एफआईआर प्राइवेट प्रैक्टिस के खिलाफ दर्ज की गई है।
यूपी के डीजी हेल्थ केके गुप्ता के तरफ से दी गई तहरीर के बाद पुलिस ने इस सभी लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 409,308,120B,420 भष्टाचार निवारण अधिनियम धारा 8, इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट 1956 की धारा 15आईटी एक्ट, 2000 की धारा 66 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
एसटीएफ के डीआईजी मनोज तिवारी ने दोनों की गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी है।
गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में 10 अगस्त की रात को ऑक्सिजन की सप्लाई में बाधा से बच्चों की मौत नहीं हुई, क्योंकि वैकल्पिक उपाय मौजूद नहीं थे। डॉक्टर और ऑक्सिजन सप्लायर, ऑक्सिजन खत्म होने के लिए दोषी हैं। उन्हें पता था कि इसकी वजह से मौतें हो सकती हैं।
गोरखपुर के अस्पताल में बच्चों की मौत पर यूपी सरकार की जांच रिपोर्ट का यही सार निकलकर सामने आया। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अगस्त के दूसरे हफ्ते में छह दिनों में 63 लोगों की मौत हो गई थी। जिनमें 10 और 11 अगस्त को ही 30 बच्चों की मौत हो गई थी। जान गंवाने वालों में नवजात बच्चे भी शामिल थे।
बाल चिकित्सा केंद्र में बच्चों की मौतों के लिए इंफेक्शन और ऑक्सीजन की सप्लाई में दिक्कत को जिम्मेदार ठहराया गया था। लेकिन अस्पताल और जिला प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी को मौत का कारण मानने से इनकार किया था।