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Firozabad News: GST और कोयला रेट में बढ़ोतरी के विरोध में ईंट भट्टा मालिकों ने की हड़ताल, उत्पादन किया बन्द

Firozabad News: फिरोजाबाद जिले के NH2 आगरा रोड़ पर एक बैठक जिला ईट निर्माता संघ ने की जिले से लेकर प्रदेश देश मे ईट निर्माण कार्य बंद कर सभी भट्टा मालिक हड़ताल पर है।

Brajesh Rathore
Published on: 15 July 2022 5:13 PM IST
Brick kiln owners strike in protest against Firozabad GST and coal rate hike, production stopped
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फिरोजाबाद: GST और कोयला रेट में बढ़ोतरी के विरोध में ईंट भट्टा मालिकों ने की हड़ताल

Firozabad News: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद नगर के NH2 आगरा रोड़ (NH2 Agra Road) पर एक बैठक जिला ईंट निर्माता संघ ने GST और कोयला रेट में बढ़ोतरी के विरोध में कर दिया है और ईंटों का उत्पादन बंद कर दिया है।

हड़ताल पर बैठे ईंट निर्माता संघ के राष्ट्रीय महासचिव ओमवीर भाटी ने बताया कि जिले से लेकर प्रदेश-देश में ईंट निर्माण कार्य बंद कर सभी भट्टा मालिक हड़ताल पर हैं। संघ ने बताया कि जीएसटी एक प्रतिशत से छः प्रतिशत, पांच से बारह प्रतिशत बढ़ोतरी, कोयला पांच हजार रूपए प्रति कुंतल से पच्चीस हजार रूपये प्रति कुंतल कर दिया गया है।

लघु उद्योग भट्टा बंदी के कगार पर

ओमवीर भाटी ने कहा कि लेवर कोर्ट विल के नाम उत्पीड़न मिट्टी खनन में जेसीबी का प्रयोग करने पर भयंकर उत्पीड़न पांच से छह लाख रुपये का जुर्माना के कारण लघु उद्योग भट्टा बंदी के कगार पर है इस लिए पूरे जनपद प्रदेश और देश में ईट भट्टा मालिक हड़ताल पर हैं।

आपको बता दें कि कोयले की कीमतों में बढ़ोतरी और जीएसटी में बढ़ोतरी के विरोध में ईंट-भट्ठा मालिक संघ ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। इससे अगले सीजन में ईंटों का उत्पादन ठप पड़ जाएगा। आरोप है कि सरकार की गलत नीतियों के कारण उद्योग मुश्किल समय का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोयला जो पहले 7,000 रुपये प्रति टन था, अब 21,500 रुपये प्रति टन बेचा जा रहा है। इस पर 5 फीसदी जीएसटी भी लगा। उत्पादन में ठहराव के कारण निर्माण और विकास कार्यों के बंद होने का खतरा है, उद्योग से जुड़े पांच लाख से अधिक मजदूर भी प्रभावित होंगे।

भट्ठा मालिकों की मांग है कि ईंटों पर जीएसटी 12 से घटाकर 5 फीसदी किया जाए और कोयला खरीद में राहत दी जाए। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो सितंबर से शुरू होने वाले अगले सीजन में ईंटों का उत्पादन पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा और अगर जरूरत पड़ी तो मालिक पहले से तैयार ईंटों की बिक्री बंद कर देंगे।



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Shashi kant gautam

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