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पाकिस्तान सैनिकों ने तोड़ा संघर्ष विराम, गोलीबारी में BSF का एक जवान शहीद
जम्मू और कश्मीर के आरएस पुरा सेक्टर के अरनिया में गुरुवार को बीती देर रात पाकिस्तान की ओर से सीजफायर का उल्लंघन कर की गई गोलीबारी में बीएसएफ के कांस्टेबल बिजेंद्र बहादुर शहीद हुए।
बलिया : जम्मू और कश्मीर के आरएस पुरा सेक्टर के अरनिया में गुरुवार को बीती देर रात अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास पाकिस्तानी सैनिकों ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। वहीं सीमा पार से हुई फायरिंग में बीएसएफ के कांस्टेबल बिजेंद्र बहादुर शहीद हुए।
कांस्टेबल बहादुर (32 वर्ष) उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के विद्या भवन नारायणपुर गांव के निवासी थे। शुक्रवार (15 सितंबर) सुबह मोबाइल पर यह सूचना जैसे ही परिवार तक पहुंची गांव में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है ।
क्या कहा शहीद की पत्नी ने?
शहीद बृजेन्द्र की पत्नी सुष्मिता ने कहा, बृजेन्द्र ने कल रात ही व्हाट्सएप से फोन कर घर का हाल-चाल लिया था। सुष्मिता ने कहा कि उसके पति राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पित व्यक्ति थे। सुष्मिता कहती है कि राजनेता आराम कर रहे हैं और देश के सैनिक शहीद हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि रोजाना बात होती है कि पाक को कड़ा जबाब देंगे, लेकिन केवल बातों से ही काम चलाया जाता है।
पिता को है गर्व
वहीं उसके पिता अशोक सिंह को अपने बेटे की शहादत पर गर्व है। उन्होंने बताया अपने शहीद बेटे से आमतौर पर फोन पर बातचीत होती रहती थी। बेटे ने उनसे दीपावली में आने का वादा किया था। सुबकते हुए अशोक कहते हैं कि उनके और भी बेटे होते तो उन्हें भी वह राष्ट्र के लिये न्यौछावर कर देते। अशोक ने कहा कि उनके दो पौत्र है, उन्हें भी वह सेना में देश की रक्षा के लिये भेजेंगे। वह कहते हैं कि अब पाकिस्तान को मुंहतोड़ जबाब देने का समय आ गया है । पाक भारत से छद्म युद्ध कर रहा है। भारत को पाक के साथ सीधा युद्ध करके उसको मटियामेट कर देना चाहिए।
पीएम से जताई नाराजगी
शहीद बृजेन्द्र की मां राजकुमारी देवी पीएम मोदी से बेहद नाराज नजर आई। उन्होंने कहा कि देश मे जब से मोदी जी की सरकार बनी है, सैनिक मारे जा रहे हैं । मां ने कहा कि उसने बहुत कष्ट के साथ अपने बेटे का पालन किया था।
गांव में आक्रोश
गांव में बृजेन्द्र की शहादत की सूचना मिलने पर ग्रामीणों का सैलाब उमड़ पड़ा। ग्रामीणों ने भारत माता की जय और पाकिस्तान मुर्दाबाद का नारा लगाकर पाक के प्रति अपने आक्रोश का इजहार किया।
शहीद बृजेंद्र अपने पिता के इकलौते पुत्र थे। उनकी दो बहन भी है, जो विवाहित है। बृजेन्द्र अपने पीछे अपने माता, पिता और पत्नी के साथ ही दो छोटे-छोटे मासूम बच्चों भूपेंद्र (6) और संतराज (3) को छोड़ गए हैं। बृजेंद्र साल 2005 में भर्ती हुए थे। दो माह पहले ही उनकी तैनाती जोधपुर से कश्मीर हुई थी ।