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Sengol Controversy: सेंगोल विवाद पर मायावती ने सपा को घेरा, कह दी ये बड़ी बात
Sengol Controversy: मायावती ने कहा कि सेंगोल को संसद में लगाना या नहीं, इस पर बोलने के साथ-साथ सपा के लिए यह बेहतर होता कि यह पार्टी देश के कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों के हितों में तथा आम जनहित के मुद्दों को भी लेकर केन्द्र सरकार को घेरती।
Sengol Controversy: संसद में लगे सेंगोल पर समाजवादी पार्टी सांसद आरके चौधरी की टिप्पणी पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने करारा प्रहार किया है। मायवती ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि बेहतर होता कि अगर समाजवादी पार्टी देश के कमजोर और उपेक्षित वर्गों के हित में केंद्र सरकार को घेरती। यही नहीं मायावती ने पार्टी नेताओं को सपा के हथकंडों से सावधान रहने को भी कहा है।
बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि सेंगोल को संसद में लगाना या नहीं, इस पर बोलने के साथ-साथ सपा के लिए यह बेहतर होता कि यह पार्टी देश के कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों के हितों में तथा आम जनहित के मुद्दों को भी लेकर केन्द्र सरकार को घेरती।
सपा के हथकंडों से रहें सावधान: मायावती
वहीं मायावती ने एक्स पर दूसरी पोस्ट में लिखा कि जबकि सच्चाई यह है कि यह पार्टी अधिकांश ऐसे मुद्दों पर चुप ही रहती है तथा सरकार में आकर कमजोर वर्गों के विरूद्ध फैसले भी लेती है। इनके महापुरूषों की भी उपेक्षा करती है। इस पार्टी के सभी हथकण्डों से जरूर सावधान रहें।
सेंगोल पर क्यों हो रहा विवाद?
मोहनलालगंज सीट से सपा सांसद आरके चौधरी ने संसद भवन में सेंगोल स्थापित किए जाने का विरोध करते हुए इस सिलसिले में प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को एक पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने सेंगोल को राजशाही का प्रतीक बताते हुए उसके स्थान पर संविधान की विशाल प्रति स्थापित करने की मांग की थी। सपा सांसद की इसी मांग के बाद सिसायत गरमाई हुई है।