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Mayawati: एमपी में दलितों के आवास पर बुलडोजर चलने पर भड़कीं मायावती, शिवराज सरकार पर साधा निशाना

MP News: मध्य प्रदेश में अतिक्रमण हटाने के सरकार ने सख्त निर्देश दिए हैं। इस दौरान हुए बुलडोजर एक्शन में करीब आधा दर्जन दलित जरूरतमंदों के पीएम आवास भी ढहा दिए गए। मायावती ने इसे लेकर शिवराज सरकार पर निशाना साधा है।

Krishna Chaudhary
Published on: 23 Jun 2023 7:35 AM GMT
Mayawati: एमपी में दलितों के आवास पर बुलडोजर चलने पर भड़कीं मायावती, शिवराज सरकार पर साधा निशाना
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Mayawati (Image: Social Media)

Mayawati on MP Bulldozer Action: मध्य प्रदेश के सागर जिले में दलितों के आवास पर अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के तहत बुलडोजर चलाने का मामला गरमाया हुआ है। वन विभाग की टीम ने 21 जून को जिले के रैपुरा गांव में दलितों के घर को ढहा दिया था। कार्रवाई की जद में पीएम आवास योजना के तहत मकान भी आए, जिसकी जानकारी सामने आने के बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया। मुख्य विपक्षी कांग्रेस के साथ-साथ अब बहुजन समाज पार्टी भी सत्तारूढ़ बीजेपी पर हमलावर है।

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने एमपी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, मध्य प्रदेश सरकार की विध्वंसकारी द्वेषपूर्ण बुलडोजर राजनीति लोगों के घर व स्कूल तोड़ते-तोड़ते अब पीएम आवास योजना के अन्तर्गत बने गरीबों के मकान भी तोड़ने लगी है, जो अति-निन्दनीय। इसी क्रम में सागर जिले में पीएम योजना के तहत् बने सात दलित परिवारों के घरों का ध्वंस शर्मनाक।

मायावती इससे पहले भी देश की भाजपा सरकारों द्वारा अपनाई गई बुलडोजर रणनीति की मुखालफत कर चुकी हैं। उन्होंने कहा था कि यूपी, एमपी, असम और गुजरात की सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा था कि इन राज्यों में चल रहे बुलडोजर की विध्वंसक और विभाजक खेल को बंद करना चाहिए। बसपा चीफ ने सवालिया लहजे में कहा था कि सरकारें गरीबों का ही आशियाना क्यों उजाड़ती हैं ?

क्या है सागर का पूरा मामला ?

एमपी के सागर जिले के रैपुरा ग्राम में पिछले दिनों वन विभाग की टीम ने राजस्व और पुलिस विभाग के अमले के साथ दलितों के मकान पर बुलडोजर चला दिया। आरोप था कि वन विभाग के जमीन पर अतिक्रमण कर घर बनाए गए थे। कार्रवाई के जद में पीएम आवास योजना के तहत मकान भी आए। मामला सरकार के एक प्रभावशाली कैबिनेट मंत्री के विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा होने के कारण इसने जल्द सियासी रूख अख्तियार कर लिया।

दरअसल, ये क्षेत्र शिवराज सरकार में सिंधिया समर्थक कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के क्षेत्र सुरखी के तहत आता है। सीनियर कांग्रेस लीडर और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने इस मुद्दे को लपकते हुए मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि ये कार्रवाई उनके भाई के इशारे पर हुई है। दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज से मंत्री समेत जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। बता दें कि गोविंद सिंह राजपूत उन कांग्रेस विधायकों में शामिल हैं, जो साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे, जिसके कारण कमलनाथ सरकार चली गई थी।

गोविंद सिंह राजपूत ने किया पलटवार

कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने दिग्विजय सिंह के आरोपों पर पलटवार किया है। उन्होंने उनके ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, दिग्विजय जी आप वरिष्ठ नेता हैं। आपके द्वारा इतनी हल्की और झूठी बात लिखना शोभा नहीं देती कि मेरे भाई ने दबाव देकर ग्रामीणों से वीडियो बनवाया। आपने सारी जिंदगी झूठ बोला है, कम से कम इस उम्र में तो सच बोलना शुरू कर दें।

वहीं, एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी दिग्विजय सिंह पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि वो राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम करते हैं। जिन लोगों के मकान टूटे हैं, उनको दूसरे मकान बनाकर देने का काम चल रहा है।
बता दें कि मध्य प्रदेश हिंदी पट्टी के उस बड़े राज्यों में शुमार है, जहां इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। 2018 की तरह इस बार भी यहां बीजेपी – कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने की संभावना सियासी जानकारों द्वारा जताई जा रही है।

Krishna Chaudhary

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