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Mayawati: INDIA गठबंधन में BSP की क्या हैं संभावनाएं, मायावती के बयान के निकाल जा रहे हैं सियासी मायने
Mayawati: भाजपा नेताओं का मानना है कि कांग्रेस के साथ समझौता बसपा के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। इसलिए बसपा मुखिया मायावती इस दिशा में कदम उठा सकती हैं।
Mayawati: 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के सियासी रण में ताकत दिखाने के लिए सभी दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। इस बीच सियासी हल्कों में यह चर्चा भी बनी हुई है कि क्या बसपा विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में शामिल हो सकती है? बसपा मुखिया मायावती की ओर से हाल में दिए गए एक बयान के बाद इन अटकलों में तेजी आई है। मायावती का कहना था कि गठबंधन में शामिल न होने वाले दलों के संबंध में बेवजह कोई टीका-टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए। भविष्य में देश और जनहित में किसी भी दल को किसी की भी जरूरत पड़ सकती है। तब टिप्पणी करने वालों को शर्मिंदगी के सिवा कुछ नहीं मिलेगा।
मायावती के इस बयान के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। बसपा और कांग्रेस के बीच चल रही बातचीत को लेकर सपा भी चिंता जता चुकी है। इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने यह मुद्दा उठाया था जिस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कांग्रेस के सपा के साथ हाथ मिलाने की बात कही थी। वैसे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत कांग्रेस नेताओं का एक खेमा अभी भी बसपा को इंडिया गठबंधन में शामिल करने की वकालत में जुटा हुआ है।
इंडिया गठबंधन की बैठक में भी उठा था मुद्दा
इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव का कहना था कि बसपा से कांग्रेस की बातचीत की स्थिति में सपा का यूपी में इंडिया गठबंधन का साथ देना मुश्किल हो जाएगा। उनका कहना था कि कांग्रेस को इस बाबत अपना रुख पूरी तरह साफ कर देना चाहिए। इस पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बसपा के साथ जाने की संभावनाओं को खारिज कर दिया था।
हालांकि उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के साथ हाईकमान की हाल में हुई बैठक के दौरान भी यह मुद्दा उठा था। उसे समय कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी समेत प्रदेश के कुछ नेताओं ने सपा के साथ हाथ मिलाने की वकालत की थी जबकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत प्रदेश के कुछ नेताओं का मानना था कि कांग्रेस को बसपा के साथ गठजोड़ करना चाहिए।
अजय राय कर रहे बसपा से हाथ मिलाने की वकालत
राहुल गांधी की ओर से सपा-कांग्रेस गठजोड़ की बात कहे जाने के बाद भी अजय राय का बयान सामने आया है। उनका कहना है कि बसपा को विपक्षी दलों के गठजोड़ इंडिया में शामिल करने पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाना चाहिए। एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत के दौरान अजय राय ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में दलितों की स्थिति को देखते हुए इस दिशा में कदम उठाया जाना जरूरी है।
बसपा को बेहतर मान रहे कई कांग्रेसी नेता
अजय राय के साथ ही कांग्रेस नेताओं का एक बड़ा वर्ग यह मानता है कि बसपा कांग्रेस के लिए बेहतर साझेदार साबित हो सकती है। इन नेताओं का कहना है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव बार-बार सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस को आंखें दिखा रहे हैं जबकि बसपा के साथ इस मामले को कायदे से डील किया जा सकता है। कुछ जानकारी का कहना है कि बसपा से गठजोड़ की बात कहकर कांग्रेस सपा पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है ताकि सीट शेयरिंग में अच्छी हिस्सेदारी हासिल की जा सके।
भाजपा को भी बसपा-कांग्रेस गठजोड़ की उम्मीद
दूसरी ओर इस घटनाक्रम पर बार भाजपा नेताओं ने भी नजरे गड़ा रखी हैं। भाजपा नेताओं का भी मानना है कि कांग्रेस और भाजपा के बीच गठजोड़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस बसपा के साथ हाथ मिला सकती है। पश्चिमी यूपी से जुड़े ओबीसी वर्ग के इस भाजपा नेता का कहना है कि हम प्रदेश के सियासी घटनाक्रम पर गहराई से नजर रखे हुए हैं क्योंकि हमारा मानना है कि चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और बसपा एक मंच पर आ सकते हैं।
इस गठजोड़ में कांग्रेस को हो सकता है फायदा
भाजपा नेताओं का मानना है कि कांग्रेस के साथ समझौता बसपा के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। इसलिए बसपा मुखिया मायावती इस दिशा में कदम उठा सकती हैं। हालांकि कुछ नेताओं का यह भी मानना है कि बसपा मुखिया ने चुनाव के बाद की स्थिति के मद्देनजर नया महत्वपूर्ण बयान दिया है। वैसे राजनीति की दुनिया में कोई न तो किसी का स्थायी मित्र होता है और न दुश्मन और ऐसे में प्रदेश में कोई नया गठजोड़ जन्म लेता है तो किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए।