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भाजपा के करोड़ों मेंबर बनने के दावों को फर्जी बता रही बसपा
लखनऊ: बसपा सुप्रीमों मायावती ने भाजपा के करोड़ों सदस्यों के दावों को फर्जी करार दिया है। एसोसिएशन आफ डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) के प्रकाशित ताजा आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा है कि भाजपा को वर्ष 2012 से 2016 तक कुल चन्दे का 92 प्रतिशत अर्थात लगभग 708 करोड़ रुपया कुछ धन्नासेठों से मिला है। यदि बीजेपी के 10 से 12 करोड़ सदस्य हैं तो चंदों में उसके सदस्यों का अंशदान चार वर्षों में 63 करोड़ ही क्यों है? इससे साबित होता है कि बीजेपी के आंकड़े फर्जी व खोखले हैं।
लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं होने पर उठाए सवाल
मायावती ने केंद्र की मोदी सरकार पर भी हमला किया है और बहुचर्चित लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं होने पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इस संबंध में नया कानून लगभग साढे तीन वर्ष पहले देश में लागू हो चुका है। फिर भी भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है।जनहित की बड़ी योजनाएं निजी क्षेत्र को सौंपी जा रही हैं। कल्याणकारी योजनाओं पर सरकारी बजट लगातार कम होता जा रहा है।
चुनाव में पानी की तरह बहाया गया पैसा
मायावती ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा है कि इस प्रकार अन्य श्रोतों से कितना अकूत धन लिया गया होगा, इसका अन्दाजा बीजेपी के शाही चुनावी खर्चों से आसानी से लगाया जा सकता है। वैसे भी यूपी का लोक सभा व विधान सभा चुनाव गवाह है कि बीजेपी ने यहाँ चुनाव किस शाह खर्चों के साथ लडा़ और रूपया किस तरह पानी की तरह बहा कर जनता को वरग़लाने का काम किया गया।
उन्होंने आगे कहा है कि ऐसे में भाजपा सरकार गरीब—हितैषी कैसे हो सकती है।
पूंजीपतियों ने बीजेपी को चन्दा देकर राजनीति व सरकार में अपना बेजा हस्तक्षेप बढ़ाया है।
चुनाव काफी हद तक हथकण्डों का खेल बनकर रह गया है।
लोकतंत्र की इस बुराई से चुनाव आयोग सबसे ज्यादा चिन्तित लगता है।
चुनाव आयुक्त ओपी रावत भी इस पर अपनी चिंता जता चुके हैं।
बीजेपी वास्तव में ही मात्र 31 प्रतिशत वोटों वाली व चुनावी हथकण्डों वाली पार्टी है।
राजनीतिक में इस गिरावट की प्रकृति खतरनाक है।
इसके लिये बीजेपी एण्ड कम्पनी के साथ आरएसएस भी जिम्मेदार है।
देश में वोट हमारा पर राज तुम्हारा की गलती को सुधार करने की जरूरत है।