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Loksabha Election 2024: एक और बसपा सांसद पाला बदलने को तैयार, मायावती को आज लग सकता है डबल झटका
बसपा के कई और सांसद पाला बदलने के लिए तैयार बैठे हैं। उनकी भाजपा, सपा और कांग्रेस से बातचीत चल रही है।
Loksabha Election 2024. अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान करने वालीं बसपा सुप्रीमो मायावती की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। चुनाव तारीखों के ऐलान से पहले ही पार्टी में भगदड़ जैसी स्थिति हो गई है। एक-एक कर बसपा सांसद पाला बदलते जा रहे हैं। अंबेडकरनगर सीट से सांसद रितेश पांडे ने सुबह बसपा से इस्तीफा दिया और महज कुछ ही देर में बीजेपी में शामिल हो गए।
इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि एक और बसपा सांसद आज ही पाला बदलने की तैयारी में हैं। इससे पहले गाजीपुर सीट से 2019 में बीएसपी के टिकट पर चुनाव जीतने वाले कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को समाजवादी पार्टी ने अबकी बार टिकट थमाया है। इसी प्रकार बसपा से निष्कासित अमरोहा सांसद दानिश अली भी कांग्रेस से इस बार चुनाव मैदान में होंगे, इसमें कोई संशय नहीं रह गया है।
जानें अब कौन देगा मायावती को झटका
जौनपुर से बहुजन समाज पार्टी के सांसद श्याम सिंह यादव के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा जोरों पर है। यादव आज यानी रविवार शाम को ही बसपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। जौनपुर सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में भी शामिल हो चुके हैं। इतना ही नहीं उ्न्होंने यात्रा को लेकर राहुल गांधी की तारीफ भी की। बताया जा रहा है कि श्याम सिंह यादव आगामी लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की ओर से जौनपुर से ही मैदान में होंगे। आज अखिलेश यादव भी आगरा में इस यात्रा में शामिल होंगे और साल 2017 के बाद पहली बार दोनों नेता यूपी में एकसाथ नजर आएंगे।
कई और सांसद बदल सकते हैं पाला
बहुजन समाज पार्टी के तीन सांसद खुलेआम बगावत कर दूसरी पार्टी में जा चुके हैं। चौथे सांसद का भी जाना तय है। बाकी के बचे छह सांसद भी नई राह तलाश रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इनमें से कुछ बीजेपी, तो कुछ सपा और कांग्रेस से डील फाइनल करने में लगे हुए हैं। टिकट मिलने का आश्वासन मिलने के साथ ही वे बसपा को अलविदा कह देंगे।
संसद के अंदर और बाहर अक्सर मोदी सरकार की तारीफ कर विपक्ष पर तीखा प्रहार करने वाले बिजनौर सांसद मलूक नागर के बीजेपी में जाने की अटकलें हैं। इसी प्रकार लालगंज की सांसद संगीता आजाद और श्रावस्ती सांसद राम शिरोमणि वर्मा भी बीजेपी के बड़े नेताओं से संपर्क साधे हुए हैं। सूत्रों की मानें तो बीएसपी के कम से कम पांच सांसद भाजपा में जाने के लिए तैयार बैठे हैं।
बसपा के टिकट पर जीत की गारंटी नहीं!
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा में किसी भी पार्टी से गठबंधन करने की अटकलों को हमेशा खारिज किया है। उनका ये फैसला उन्हीं के सांसदों के गले नहीं उतर रहा। 2022 के विधानसभा परिणाम ने बीएसपी के सिकुड़ते जनाधार को बयां कर दिया है। यही वजह है कि बसपा सांसदों को समझ में आ गया है कि पीएम मोदी की अगुवाई वाली भाजपा और इंडिया गठबंधन के सामने उनका जीतना मुश्किल है।
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा शून्य सीटों पर सिमट गई थी। 2019 में बसपा-सपा-रालोद ने मिलकर चुनाव लड़ा था। इसका सबसे अधिक फायदा किसी को मिला तो वह बसपा को मिला। पार्टी के 10 उम्मीदवार जीतने में सफल रहे। वहीं, सपा पांच सीट पर ही अटकी रही, जबकि रालोद का एकबार फिर खाता नहीं खुला।