TRENDING TAGS :
Badaun Jama Masjid : अब बदायूं जामा मस्जिद में मांगी पूजा करने की अनुमति, जानिए क्या है पूरा मामला?
Badaun Jama Masjid : अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के प्रदेश संयोजक मुकेश पटेल ने जामा मस्जिद में हिन्दू मंदिर होने का दावा करते हुए कोर्ट में याचिका दायर करके पूजा करने की अनुमति मांगी थी।
Badaun Jama Masjid : राजस्थान की प्रसिद्ध अजेमर दरगाह और संभल की जामा मस्जिद के बाद अब बदायूं में जामा मस्जिद के महादेव मंदिर होने का दावा किया गया है। स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शनिवार को सुनवाई करते हुए मामले को अगली सुनवाई तक स्थगित करने का आदेश दिय है। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 3 दिसंबर की तारीख नियत की है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्पेशल कोर्ट ने हिन्दू पक्ष की याचिका पर सुनवाई के लिए शनिवार मुस्लिम पक्ष को अपनी दलीलें रखने के लिए बुलाया गया था। कोर्ट ने इससे पहले हिन्दू पक्ष की दलीलें सुनी थीं। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अगली सुनवाई तक के लिए मामले को स्थगित कर दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई तीन दिसंबर को होगी।
हिन्दू पक्ष दाखिल करेगा जवाब
अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के प्रदेश संयोजक मुकेश पटेल ने जामा मस्जिद में हिन्दू मंदिर होने का दावा करते हुए कोर्ट में याचिका दायर करके पूजा करने की अनुमति मांगी थी। कोर्ट ने इस मामले में हिन्दू और मुस्लिम, दोनों पक्षों की दलीलें सुनी। इसे मामले में अगली सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से रखी गईं दलीलों के बाद हिन्दू महासभा अपना जवाब दाखिल करेगी।
हिन्दू पक्ष को वाद दायर करने का कोई अधिकार नहीं
वहीं, मुस्लिम पक्ष इंतजामिया कमेटी की ओर से अधिवक्ता अनवर आलम कोर्ट में पेश हुए थे। उन्होंने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जामा मस्जिद 800 से अधिक वर्ष पुरानी है। यहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई है, यह गलत है। उन्होंने कहा कि यह कभी भी कोई मंदिर नहीं था। इसलिए हिन्दू महासभा को वाद दायर करने का कोई अधिकार ही नहीं है।
यहां भी मांगी गई पूजा करने की अनुमति
बता दें कि संभल में जामा मस्जिद में भी मंदिर होने का दावा किया गया है। कोर्ट के आदेश पर एसआई की टीम सर्वे के लिए गई थी, जब वहां से टीम बाहर निकली तो कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया है। यह मामला धीरे-धीरे हिंसा में बदल गया। यहां हिंसा में करीब चार लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है, यहां भी मंदिर होने का दावा करते हुए पूजा करने की अनुमति मांगी गई है।