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Judge Jyotsna Rai: महिला जज के मोबाइल में मौत का राज! पीएम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, विपक्ष ने योगी राज पर बोली ये बात
Judge Jyotsna Rai: महिला जज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की घटना से यूपी की सियासत में भी उबाल है। समाजवादी पार्टी से लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस मामले पर योगी सरकार की कानून व्यवस्था सवालिया निशान खड़ा किया है।
Judge Jyotsna Rai: जिले में संदिग्धावस्था में महिला जज ज्योत्सना राय की मौत की गुत्थी उलझती ही जा रही है। एक तरफ जहां पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हैंगिंग की पुष्टि हुई है। वहीं ज्योत्सना राय के सुसाइड करने की बात परिजनों के गले नहीं उतर रही है। परिजनों ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं महिला जज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की घटना से यूपी की सियासत में भी उबाल है। समाजवादी पार्टी से लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस मामले पर योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा किया है।
सपा बोलीं- दोषियों के खिलाफ हो कार्रवाई
समाजवादी पार्टी ने बदायूं में महिला जज की आत्महत्या के मामले को दुखद बताया है। सपा के ऑफिशियल सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर योगी सरकार को घेरते हुए लिखा गया है कि अगर प्रदेश में महिला जज भी सुरक्षित नहीं हैं तो आम महिलाएं खुद को सुरक्षित कैसे महसूस करेंगी? साथ ही मांग की गयी है कि इस घटना की उच्चस्तरीय जांच करायी जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
प्रियंका गांधी बोलीं- यूपी महिलाओं के लिए पूरी तरह असुरक्षित
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी महिला जज ज्योत्सना राय की मौत को लेकर यूपी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि यूपी के बाँदा जनपद में कुछ हफ्ते पहले एक महिला जज ने इच्छा मृत्यु मांगी थी। वहीं अब बदायूँ में एक दूसरी महिला जज का शव उनके घर में पाया गया है, जिसकी जांच पर उनके परिवार ने गंभीर सवाल उठाए हैं। भाजपा राज में महिला जजों की सुरक्षा का ये हाल है तो सोचिए कि एक सामान्य लड़की हर दिन किस भय के साथ जीती होगी।
एनसीआरबी के मुताबिक, महिलाओं के खिलाफ अपराध में उत्तर प्रदेश नंबर-1 है। हर घंटे 8 महिलाएं अपराध का शिकार बनती हैं। यूपी महिलाओं के लिए पूरी तरह असुरक्षित हो चुका है, क्योंकि सुरक्षा के सारे बड़े-बड़े दावे सिर्फ विज्ञापनों में हैं। महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध के आंकड़े यह दिखाते हैं कि सरकार असल में महिला सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर है। अब महिलाओं की और समाज की जागरूकता ही उन्हें दमन और हिंसा के इस भंवर से निकालेगी।
तीन डॉक्टरों के पैनल से कराया गया पोस्टमार्टम
बदायूं में सिविल जज ज्योत्सना राय के शव का पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों के पैनल से कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह हैंगिंग की पुष्टि हुई है। शव के पोस्टमार्टम के लिए उझानी सीएचसी से डॉ. हरीश कुमार, जिला अस्पताल से डॉ. राजेश कुमार वर्मा और डॉ. अनामिका सिंह को बुलाया गया। संयुक्त रूप से तीनों चिकित्सकों ने शव का पोस्टमार्टम किया। इस दौरान वीडियोग्राफी भी कराई गई। सूत्रों के मुताबिक पीठ पर नीले निशान देखे गए थे, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह निशान शव के काफी देर तक लटके होने की वजह से भी हो सकते हैं। इसके आलवा शरीर पर कोई और चोट का निशान की पुष्टि नहीं हुई है।
मोबाइल से ही मिल सकता है महिला जज के सुसाइड केस में सुराग
सिविल जज ज्योत्सना राय के सुसाइड की पीछे की वजह की तलाश में पुलिस जुटी हुई है। क्योंकि मौके से मिले सुसाइड नोट में अंग्रेजी में ’फीलिंग एलोन’ और ’फीलिंग अनहैप्पी’ भी लिखा मिला है। लेकिन परिजनों और कोर्ट के कर्मचारियों को यह बात नहीं समझ आ रही है कि आखिर महिला जज किस बात से परेशान थीं। वहीं पड़ोसियों के मुताबिक सुसाइड से पहले शुक्रवार रात को ज्योत्सना राय किसी से फोन पर तेज आवाज में बात कर रही थी। अब पुलिस को मोबाइल फोन के जरिए ही कोई सुराग मिल सकता है। पुलिस ने मोबाइल फोन कब्जे में लेकर नंबर सर्विलांस पर लगा दिया है। फोन में मिले नंबर की कॉल डिटेल निकलवाई जा रही है। पुलिस मामले की गंभीरता से छानबीन कर रही है।