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Buddhist Conclave Lucknow 2022: भगवान बुद्ध के वचनों की गूंज, अंतरराष्ट्रीय त्रिपिटक गायन और बुद्धिस्ट कॉन्क्लेव

Buddhist Conclave Lucknow 2022: लखनऊ में गुरुवार को बौद्ध धर्म के विद्वानों ने भगवान के बुद्ध के वचनों का पाठ किया।

Raj Kumar Singh
Published on: 3 Nov 2022 9:54 AM GMT (Updated on: 3 Nov 2022 10:03 AM GMT)
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Buddhist Conclave Lucknow 2022

Buddhist Conclave Lucknow 2022: लखनऊ में गुरुवार को बौद्ध धर्म के विद्वानों ने भगवान के बुद्ध के वचनों का पाठ किया। देश और विदेश से आए इन विद्वानों ने गोमती नगर के अंबेडकर पार्क में शोभा यात्रा निकाली और बौद्ध धर्म के ग्रंथों का पठन पाठन किया।

ये आयोजन लाइट ऑफ बुद्ध धर्म फाउण्डेशन इन्टरनेशनल तथा इन्टरनेशनल त्रिपटिक चैन्टिंग काउंसिल के तत्वावधान में समन्वय सेवा संस्थान एवं मध्यम मार्ग ऑनलाइन बुध्दिस्ट मैगजीन के संयोजन में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के सौजन्य से आयोजित किया गया।


इन देशों के बौद्ध भिक्खु एवं श्रदालु उपासक उपासिकाएं ने लिया भाग

विश्व शान्ति के लिए भगवान बुद्ध के वचनों के संगायन के इस भव्य आयोजन की शुरुआत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से हुई है, जिसमें भारत सहित थाइलैण्ड, लाओस, म्यानमार, अमेरिका आदि देशों के बौद्ध भिक्खु एवं श्रदालु उपासक उपासिकाएं ने भाग लिया।


भगवान बुद्ध का प्रतिमा स्थल पर पूरा वातावरण भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से गूंजमय

डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल, गोमती नगर परिसर में स्थित चार दिशात्मक भगवान बुद्ध का प्रतिमा स्थल पर पूरा वातावरण भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से गूंज उठा। अन्तरराष्ट्रीय त्रिपिटक संगायन में थाईलैण्ड के वरिष्ठ भिक्खु डा. फ्रा चरन सुथी मुख्य अतिथि रहे तथा अमेरिका से लाइट ऑफ़ बुद्ध धर्म फाउण्डेशन की निदेशक श्रीमती वांगमो डिक्सी एवं ख्येन्त्से फाउण्डेशन के निदेशक डा. रिचर्ड डिक्सी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। भारत का प्रतिनिधित्व पूज्य भदन्त ज्ञानज्योति जी ने किया।


भगवान बुद्ध की शिक्षाओं के विराट संग्रह को त्रिपिटक कहते हैं। त्रिपिटक के तीन अंग हैं:

  • विनय पिटक
  • सुत्त पिटक
  • अभिधम्म पिटक

सुत्त पिटक के पांच अंग हैं

  • दीघ निकाय
  • मज्झिमनिकाय
  • अंगुत्तर निकाय
  • संयुक्त निकाय
  • खुद्दक निकाय

प्रदेश के पांच स्थानों पर आयोजित होने में वाले बुद्धिस्ट कानक्लेव के उद्घाटन सत्र में लखनऊ में सुत्त पिटक के खुद्दक निकाय के धम्मपद का सम्पूर्ण अखण्ड पाठ हुआ। प्रात:कालीन सत्र का शुभारम्भ 500 मीटर की धम्मध्वजा की शोभा यात्रा के साथ हुआ।

भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित

भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने के बाद त्रिपिटक संगायन हुआ। दोपहर बाद फिर से त्रिपिटक संगायन का पाठ हुआ। इसमें विश्व-शान्ति के लिए परित्त पाठ तथा मंगलकामना की गई। कार्यक्रम में लखनऊ समेत पूरे प्रदेश से भगवान बुद्ध के मानने वाले और बौद्ध धर्म के विद्वान भी शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन समन्वय सेवा संस्थान के अध्यक्ष राजेश चंद्रा और अंतरराष्ट्रीय त्रिपटक संगायन समिति की महासचिव नीलम चंद्रा ने किया।


भगवान बुद्ध से जुड़े ये स्थल

लखनऊ के बाद महासंघ प्रदेश के अन्य चार स्थानों पर त्रिपिटक संगायन के लिए प्रस्थान करेगा। भगवान बुद्ध से जुड़े ये स्थल हैं- संकिसा, श्रावस्ती, कुशीनगर तथा सारनाथ। संकिसा में 5 नवम्बर, श्रावस्ती में 7 नवम्बर, कुशीनगर में 9 नवम्बर और सारनाथ में 15 नवम्बर को ये कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

Deepak Kumar

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