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दलित वोटों के लिए UP में BJP ने किया बुद्धम् शरणम् गच्छामि
लखनऊः यूपी में बीजेपी को चुनौती सत्तारूढ़ सपा से तो है ही, सबसे बड़ी चुनौती वह बीएसपी को मान रही है। बीजेपी नेतृत्व को लग रहा है कि अगर दलित वोटरों को साध लिया, तो उसे राज्य की सत्ता हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता। मायावती के इस वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए उसने अब एक बौद्ध भिक्षु को हथियार बनाया है।
कौन बौद्ध भिक्षु दे रहा बीजेपी का साथ?
-87 साल के बौद्ध भिक्षु का नाम धम्म विरियो महाथेरा है।
-वह अखिल भारतीय भिक्खु महासंघ के नेता हैं।
-24 अप्रैल को सारनाथ से उन्होंने 'धम्म चेतना यात्रा' शुरू की है।
-यह यात्रा यूपी के सभी 75 जिलों में जाएगी।
धम्म चेतना यात्रा का क्या है मकसद?
-धम्म विरियो के अनुसार यात्रा का उद्देश्य लोगों को बौद्ध धर्म और अंबेडकर के बारे में बताना है।
-बीजेपी के सूत्रों के अनुसार यात्रा के दौरान बौद्ध भिक्षु दलितों तक मोदी का संदेश ले जाएंगे।
-दलितों को अंबेडकर के बारे में प्रधानमंत्री के विचार भी भिक्षु बताएंगे।
कितने लोग हैं विरियो के साथ?
-धम्म विरियो के साथ करीब 80 बौद्ध भिक्षु इस यात्रा पर निकले हैं।
-यात्रा में मोदी की दलितों, बौद्ध भिक्षुओं के साथ तस्वीरें भी दिखाई जा रही हैं।
-मोदी के बौद्ध मंदिरों में जाने की तस्वीरें भी भिक्षु लिए हुए हैं।
-विरियो लोगों से कह रहे हैं कि किस तरह मोदी ने अंबेडकर का सम्मान किया है।
-जहां भी यात्रा रुकती है, धम्म विरियो 5 से 7 हजार दलितों-ओबीसी को संबोधित करते हैं।
आरजेडी से निकाले जा चुके हैं वीरियो
-साल 2000 में आरजेडी ने राज्यसभा सांसद बनवाया था।
-लालू ने साल 2001 में पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से वीरियो को निकाल दिया था।
-संसद की विदेश मामलों की समिति के भी सदस्य रहे हैं।