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Budget 2023: अखिलेश ने कहा- 'भाजपाई बजट महंगाई बढ़ाता है', मायावती बोलीं- 'झूठी उम्मीदें क्यों?'

Budget 2023-24: वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बुधवार को संसद में मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया। इस पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई है।

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Written By aman
Published on: 1 Feb 2023 8:38 AM GMT (Updated on: 1 Feb 2023 8:42 AM GMT)
Union Budget 2023
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Akhilesh Yadav (Social Media)

Union Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (Nirmala Sitharaman) ने बुधवार (01 फरवरी) आम बजट 2023-24 संसद में पेश किया। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का ये अंतिम पूर्णकालिक बजट था। अब इस पर विरोधी दलों की प्रतिक्रिया आने लगी है। आम बजट पेश होने के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav) ने पहली प्रतिक्रिया दी। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने बीते सालों के बजट की याद दिलाते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार पर जमकर भड़ास निकाली।

अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, 'भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है, पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी। भाजपाई बजट महंगाई व बेरोज़गारी को और बढ़ाता है। किसान, मज़दूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुँचाने के लिए बनता है।'

मायावती ने बजट को बताया बेमानी

बजट पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती की भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा, 'देश में पहले की तरह पिछले नौ वर्षों में भी केन्द्र सरकार के बजट आते-जाते रहे जिसमें घोषणाओं, वादों, दावों व उम्मीदों की बरसात की जाती रही, किन्तु वे सब बेमानी हो गए जब भारत का मिडिल क्लास महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि की मार के कारण लोवर मिडिल क्लास बन गया, अति-दुखद।'

..लेकिन झूठी उम्मीदें क्यों?

मायावती बोलीं, 'इस वर्ष का बजट भी कोई ज्यादा अलग नहीं। पिछले साल की कमियाँ कोई सरकार नहीं बताती और नए वादों की फिर से झड़ी लगा देती है जबकि जमीनी हकीकत में 100 करोड़ से अधिक जनता का जीवन वैसे ही दाव पर लगा रहता है जैसे पहले था। लोग उम्मीदों के सहारे जीते हैं, लेकिन झूठी उम्मीदें क्यों?'

मायावती- सरकार की नीतियां संकीर्ण

बसपा चीफ ने कहा, 'सरकार की संकीर्ण नीतियों व गलत सोच का सर्वाधिक दुष्प्रभाव उन करोड़ों गरीबों किसानों व अन्य मेहनतकश लोगों के जीवन पर पड़ता है जो ग्रामीण भारत से जुड़े हैं और असली भारत कहलाते हैं। सरकार उनके आत्म-सम्मान व आत्मनिर्भरता पर ध्यान दे ताकि आमजन की जेब भरे व देश विकसित हो।'

..अमृतकाल को तरस रहे हैं

बसपा सुप्रीमो ने कहा, 'केन्द्र जब भी योजना लाभार्थियों के आंकड़ों की बात करे तो उसे जरूर याद रखना चाहिए कि भारत लगभग 130 करोड़ गरीबों, मजदूरों, वंचितों, किसानों आदि का विशाल देश है जो अपने अमृतकाल को तरस रहे हैं। उनके लिए बातें ज्यादा हैं। बजट पार्टी से ज्यादा देश के लिए हो तो बेहतर।'

क्या बोलीं वित्त मंत्री?

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बुधवार को संसद में आम बजट पेश किया। अपने भाषण में उन्होंने कहा, 'यह अमृत काल में पहला बजट है। आम बजट 2023-24 को पिछले बजट की बुनियाद और 'इंडिया एट 100' के मसौदे पर निर्माण की उम्मीद है। केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी (corona pandemic) के समय 80 करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराकर यह सुनिश्चित किया कि देश में कोई व्यक्ति भूखा न रहे।'

G-20 की अध्यक्षता मिलने से हमारी भूमिका बढ़ी

वित्त मंत्री ने ये भी कहा, 'वैश्विक चुनौतियों के समय G-20 की अध्यक्षता मिलने से हमारे पास वैश्विक व्यवस्था में भारत की भूमिका को मजबूत करने का अवसर मिला है। उन्होंने बताया सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीब लोगों को नि:शुल्क अनाज उपलब्ध कराने की योजना का क्रियान्वयन कर रही है। इस पर एक जनवरी से शुरू कर 2 लाख करोड़ रुपए का व्यय आएगा। 2020-21 में कृषि क्षेत्र में निजी निवेश बढ़कर 9.3 प्रतिशत हो गया है, जो 2019-20 में 7 फीसदी था।'

'भारतीय अर्थव्यवस्था चमकता हुआ सितारा है'

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा, 'दुनिया ने भारतीय अर्थव्यवस्था को चमकता हुआ सितारा माना जा रहा है। पूरी दुनिया में भारत का कद लगातार बढ़ रहा है। इंडियन इकोनॉमी सही दिशा में आगे बढ़ रही है। सुनहरे भविष्य की ओर अग्रसर है। निर्मला सीतारमण ने कहा, हमने कोरोना काल में यह सुनिश्चित किया कि कोई भूखा न सोए। सरकार ने 2 लाख करोड़ रुपए खर्च कर हर व्यक्ति को खाद्यान्न सुनिश्चित किया। 28 महीने तक 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन की व्यवस्था की गई।'

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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