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#BUDGET2019 : जानिए क्या है बनारस के बुनकरों की मांग ?

मोदी सरकार शुक्रवार को अपना अंतरिम बजट पेश करने जा रही है। मौसम चुनावी है, लिहाजा लोक-लुभावन बजट की चर्चा हो रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बुनकर भी उम्मीद भी निगाहों से बजट की ओर देख रहे हैं। लंबे समय से मंदी की मार झेल रहे बुनकरों को उम्मीद है कि जाते-जाते सरकार उनके खाते में कुछ देकर जाएगी।

Rishi
Published on: 31 Jan 2019 2:06 PM GMT
#BUDGET2019 : जानिए क्या है बनारस के बुनकरों की मांग ?
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वाराणसी : मोदी सरकार शुक्रवार को अपना अंतरिम बजट पेश करने जा रही है। मौसम चुनावी है, लिहाजा लोक-लुभावन बजट की चर्चा हो रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बुनकर भी उम्मीद भी निगाहों से बजट की ओर देख रहे हैं। लंबे समय से मंदी की मार झेल रहे बुनकरों को उम्मीद है कि जाते-जाते सरकार उनके खाते में कुछ देकर जाएगी। बुनकरों की मांग है कि हैंडलूम इंडस्ट्री को जीएसटी के दायरे से बाहर किया जाए।

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बजट से क्या है बुनकरों की उम्मीद ?

बुनकरों की मांग है कि इनकम टैक्‍स में छूट के साथ 80सी के तहत लिमिट को भी बढ़ाना चाहिए ताकि छोटे कारोबारियों को फायदा मिल सके। इसके अलावा एक्‍सपोर्ट के मोर्चे पर भी कारोबारी राहत चाहते हैं। बुनकरों के मुताबिक सरकार को एक्‍सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्‍साहन स्‍कीम शुरू करनी चाहिए।

एक्सपोर्टर मकबूल हसन कहते हैं कि अगर बुनकर को जीएसटी से अलग नहीं किया गया तो परेशानी बनी रहती है. हैंडलूम को लेकर बहुत क्लियर पॉलिसी बननी चाहिए। हैंडलूम इंडस्ट्री को ग्रीन उद्योग का दर्जा दिया जाना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि चूंकि मोदी सरकार का ये आखिरी बजट है, साथ ही चुनावी बजट है। तो खासतौर से हैंडलूम एक्सपोर्टर को राहत मिलनी चाहिए। सबसे बड़ी राहत होगी की हैंडलूम को जीएसटी से अलग कर दिया जाए। कपड़ा मार्केट में चीन हमारा सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी है। अगर सरकार चाहती है कि इस उद्योग को बढ़ावा मिले तो हैंडलूम को जीएसटी से बाहर निकालना होगा।

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बुनकरों के लिए स्किल डेवलपमेंट स्कीम चलाने की मांग

साड़ी उद्योग के लिए काफी मात्रा में कच्चे माल की जरुरत होती है। ऐसे में बुनकरों के लिए कच्चा माल खरीदना सबसे बड़ी समस्या होती है। बुनकरों की मांग है कि कच्चा माल खरीदने के लिए उन्हें सस्ते दर पर लोन दिया जाए, ताकि उनका व्यापार आगे बढ़ सके। मकबूल हसन के मुताबिक सरकार की स्किल डेवलपमेंट स्‍कीम के तहत बुनकरों को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है। इसलिए सरकार को चाहिए कि बजट में बुनकरों के स्किल डेवलपमेंट की दिशा में भी पहल किया जाए। साथ ही महिला बुनकर व शिल्पियों के स्किल डेवलपमेंट के लिए खास ध्यान हो। इससे महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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