Bulandshahr: मासूम से दरिंदगी करने वाला अंतिम सांस तक रहेगा जेल में, 1.25 लाख के अर्थदंड की मिली सजा

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Sandeep Tayal
Published on: 9 Jun 2022 3:01 PM GMT
Bulandshahr News Today
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Bulandshahr News Today - Photo - Social Media

Bulandshahr News Today: बुलंदशहर न्यायालय विशेष न्यायधीश (पॉस्को अधिनियम) अपर सत्र न्यायालय की न्यायाधीश डॉ. पल्लवी अग्रवाल ने महज 7 महीने में 12 साल की मासूम बच्ची से रेप कर हत्या का प्रयास करने वाले 50 साल के दरिंदे छत्तरपाल को दोषी करार देते हुए अंतिम।सांस तक जेल में रखने व 1.25 लाख रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनायी है।

जानिए क्या था पूरा मामला

बुलंदशहर न्यायालय विशेष न्यायधीश (पॉस्को अधिनियम) (POSCO Act) अपर सत्र न्यायालय के विशेष लोक अभियोजक भारत शर्मा ने बताया कि 15.10 2021 को अहमदगढ़ थाने में एक पिता ने रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि वह अपनी पत्नी के साथ खेत पर गया था घर पर उसकी तीन मासूम पुत्र गया अकेली थी गांव में ही रहने वाले छत्तरपाल पुत्र राजेंद्र उसकी सबसे बड़ी 12 वर्षीय पुत्री को उठाकर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया यही नहीं दरिंदे ने मासूम बच्ची का गला दबाकर उसकी हत्या की भी कोशिश की दूसरी बहनों ने मामले की जानकारी अपने चाचा को दी जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर पीड़िता को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा।

दरिंदगी की शिकार पीड़िता न बोलती है न चल पाती है

बुलंदशहर न्यायालय विशेष न्यायधीश (पॉस्को अधिनियम) अपर सत्र न्यायालय के विशेष लोक अभियोजक भारत शर्मा ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट में बच्ची के गुप्तांगों में गंभीर चोटें आई गले पर सूजन थी बच्ची सामान्य नहीं थी पीड़िता दरिंदे की हवस का शिकार होने के बाद ना पैरों से चल पाती है नहीं बोल पाती है पीड़िता को उसकी गंभीर हालत के चलते दिल्ली के अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया जहां वह लगभग 6 महीने अस्पताल में उपचाराधीन रही आज भी पीड़ित बच्ची सामान्य नहीं है वह न बोल पाती है न चल पाती है। भारत शर्मा ने बताया छत्रपाल धारा 302 का दोष सिद्ध अपराधी है और जेल से जमानत पर छूटा था।

महज 7 महीने में हुई सजा मुकर्रर

बुलंदशहर न्यायालय विशेष न्यायधीश (पॉस्को अधिनियम) अपर सत्र न्यायालय के विशेष लोक अभियोजक भारत शर्मा ने बताया पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया तथा 15 दिसंबर 2021 को आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया जिसके बाद न्यायालय ने महज 7 महीने में मामले की सुनवाई कर सजा मुकर्रर कर दी

50 साल के दरिंदे को ये हुई सजा मुकर्रर

बुलंदशहर न्यायालय विशेष न्यायधीश (पॉस्को अधिनियम) अपर सत्र न्यायालय के विशेष लोक अभियोजक भारत शर्मा ने बताया कि न्यायालय की न्यायाधीश डॉ. पल्लवी अग्रवाल ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के बयानों का अवलोकन करने के बाद आज 50 साल के दरिंदे छत्रपाल पुत्र राजेंद्र निवासी थाना क्षेत्र अहमदगढ़ को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है साथ ही ₹125000 का अर्थदंड भी मुकर्रर किया है।

जानिये न्यायालय ने क्या कहा

बुलंदशहर न्यायालय विशेष न्यायधीश (पॉस्को अधिनियम) अपर सत्र न्यायालय के विशेष लोक अभियोजक भारत शर्मा ने बताया की प्रकरण की सुनवाई के दौरान न्यायालय की न्यायाधीश डॉ. पल्लवी अग्रवाल ने कहा अभियुक्त छत्तरपाल धारा 302 का सिद्ध दोष अपराधी है, जो जेल से जमानत पर बाहर आ गया था, इन परिस्थितियों में बिना किसी पश्चाताप के उसने छोटी बच्ची के साथ अपराधिक कृत्य किया, जो दर्शित करता है कि अभियुक्त किसी भी प्रकार से सभ्य समाज में निवास करने लायक नहीं है, बल्कि अभियुक्त को पूर्ण रूप से समाज से पृथक रखना आवश्यक है।

अतः न्यायालय यह उचित समझता है कि अभियुक्त को 3/4(2) पोस्को अधिनियम के अधीन आजीवन कारावास के दंड से दंडित किया जाए, जिसमें आजीवन कारावास के तातपर्य यह कि अभियुक्त का शेष प्राकृत जीवन से होगा। अर्थात दोषी छत्तरपाल को अंतिम सांस तक जेल में रखने की सजा मुकर्रर की गई है।

Shashi kant gautam

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