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Bulandshahr News: भट्ठा मजदूर की बेटी ने जीता गोल्ड, तोड़ा 11 साल पुराना रिकॉर्ड
Bulandshahr News: बुलंदशहर की सोनम ने मध्यप्रदेश के इंदौर में हुए खेलों में 2000 स्टीपलचेज में 6:45,71 सेकंड के साथ स्वर्ण दौड़ जीतकर स्वर्ण पदक पर कब्जा कर लिया।
Bulandshahr News: मंज़िल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौंसलों से उड़ान होती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया बुलंदशहर की बेटी सोनम ने, भट्टा मजदूर वीरसिंह की बेटी सोनम ने एमपी में हुए खेलो इंडिया खेलों में 2000 स्टीपलचेज में 11 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए गोल्डमैडल जीत लिया।
बुलंदशहर की सोनम ने मध्यप्रदेश के इंदौर में हुए खेलों में 2000 स्टीपलचेज में 6:45,71 सेकंड के साथ स्वर्ण दौड़ जीतकर स्वर्ण पदक पर कब्जा कर लिया और पारुल चौधरी का 11 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सोनम के गोल्ड मेडल जीतने पर उसके गांव पृथला में खुशी का माहौल है परिजन लड्डू बांटकर खुशी का इजहार कर रहे हैं। हालांकि निर्धन परिवार की गोल्ड मेडलिस्ट बेटी सरकार से ओलंपिक खेलने के लिए बेहतर कोच सुलभ कराने की मांग कर रही है।
डिलीवरी गर्ल ने भरी हौसलों की उड़ान
बुलन्दशहर जनपद के हुरथला गांव में रहने वाले वीरसिँह अपनी पत्नी कश्मीरी देवी के साथ मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते है। खुद सोनम दिल्ली में रहकर कोरियर डिलीवरी गर्ल अर्थात कोरियर को लोगो के घरो तक पहुंचाने का काम करती है। माली हालत ठीक न होने के कारण वीरसिंह अपनी बेटी को उच्च शिक्षा ग्रहण नही करा पाए, लेकिन गरीबी से जूझती हुए सोनम ने हौसलों को ऐसी उड़न भरी की बांधा दौर में गोल्ड मेडल जीत लिया।
गौरतलब है कि 18 साल की सोनम ने मध्यप्रदेश के इंदौर में चल रहे खेलों में 6:45,71 सेकंड के साथ स्वर्ण पदक जीता है। सोनम ने बताया कि एमपी में हुए खेलो इंडिया खेलो के दौरान आयोजित 2000 स्टीपचेज कंपटीशन में गोल्ड पारुल चौधरी का 11 साल पुराना रिकॉर्ड तोडा है।
गांव की सड़को पर शुरू किया था दौड़ना:सोनम
गोल्ड मैडलिस्ट सोनम ने बताया कि जब बुलंदशहर में थीं तो यहां सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं को सुबह सड़कों पर दौड़ लगाते देखती थी, बस उन्ही युवाओं से प्रेरित होकर सोनम ने भी गांव की सड़को पर दौड़ना शुरू कर दिया, और दौड़ते दौड़ते खेलो की तरफ रुख किया, स्टीपलचेज दौड़ में जिला मंडल प्रदेश स्तरीय अनेक पदक जीते। मौका मिले तो दुनिया में भारत का डंका बजा सकती है सोनम, बेहतर कोचिंग की सरकार से दरकार सोनम के पिता वीरसिंह, माता कश्मीरी देवी और कोच संजीव कुमार ने सरकार से आर्थिक हालात अच्छे ना होने के कारण बेटी को बेहतर कोचिंग दिला पाने में असमर्थता व्यक्त कर रहे है, गोल्ड मेडलिस्ट सोनम और उसके परिजनों को जितनी खुशी उसके गोल्ड मेडल जीतने पर है उससे ज्यादा चिंता उसके भविष्य को लेकर है उसके माता-पिता ने सरकार से उसे ओलंपिक में जाने के लिए श्रेष्ठ कोचिंग सुलभ कराने की गुहार लगाई है माता-पिता का मानना है कि यदि सोनम को श्रेष्ठ कोचिंग मिले तो वह दुनिया में देश का डंका बजा सकती है और तिरंगा लहरा सकती है।