अपनी ही सरकार पर फिर भड़के आजम, कहा-नहीं चाहिए SC में सरकारी वकील

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Published on: 30 Sep 2016 12:23 PM GMT
अपनी ही सरकार पर फिर भड़के आजम, कहा-नहीं चाहिए SC में सरकारी वकील
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अनुराग शुक्ला

लखनऊः बुलंदशहर गैंगरेप केस में नोटिस तामील न होने पर सुप्रीम कोर्ट की टेढ़ी नजरों का ताप झेल रहे प्रदेश सरकार के कद्दावर मंत्री आजम खान अब इस मामले मे अपनी ही सरकार पर एक बार फिर भड़क गए हैं। बुंलदशहर मामले में पैरवी को लेकर न्याय विभाग को लिखी चिट्टी में आज़म खान ने कहा कि सरकारी वकील को उनकी पैरवी से हटा लिया जाए।

उन्होंने कपिल सिब्बल को पैरवी के लिए राजी कर लिया है। दरअसल, आजम ने चिट्ठी में लिखा है कि 27 सितंबर को सरकारी वकीलों ने उनकी पैरवी में कुछ नहीं कहकर यह साबित कर दिया कि वह सरकार का अंग नहीं हैं।

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न्याय विभाग के दो शब्दों को लेकर आज़म खान ने नाराजगी भरा पत्र प्रमुख सचिव न्याय को लिखा है। इस पत्र में लिखा है कि इस मामले की ‘प्रभावी पैरवी’ करने को कहा गया है। आजम ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि 27 सितंबर को जिस तरह सुप्रीम कोर्ट में न्याय विभाग ने उन्हें लज्जित होने पर मजबूर किया इसके बाद अब प्रभावी पैरवी का क्या अर्थ है।

क्यों नाराजगी भरा पत्र लिखा आजम ने

प्रदेश सरकार के मुस्लिम चेहरे और सरकार में नंबर दो की हैयिसत रखने वाले आजम खान ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि 27 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार का पक्ष रखने वाले वकीलों ने कह दिया था कि वह प्रतिवादी नंबर 2 यानी आजम की तरफ से उन्हें कुछ भी कहने को अधिकृत नहीं किया गया था।

उन्होंने यह भी लिखा है कि “मेरे लिए चिंतित होकर अथवा दया का पात्र समझकर आप द्वारा मुझ पर जो कृपा की गई है उसके लिए सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट आन रिकार्ड श्री एम आर शमशाद साहब को प्रभावी पैरवी हेतु आबद्ध करने के लिए मैं आपको हृदय से धन्यवाद देता हूं।”

इस चिट्ठी में आज़म ने दी है अपने बयान पर सफाई

आजम खान ने अपनी चिट्ठी में लिखा है बुलंदशहर गैंगरेप को लेकर उन्होंने जो कुछ कहा उसके पीछे पीड़ित परिवार को ठेस पहुंचाने की उनकी मंशा नहीं थी। बल्कि सरकार का वरिष्ठतम मंत्री होने के नाते उन्होंने अपनी जिम्मेदारी समझी थी कि इस घटना के सभी पहलुओं पर गहराई से जांच हो सके इसके लिए अधिकारियों को सार्थक संदेश दे सकूं।

आज़म ने न्याय विभाग को बताया, नहीं चाहिए उसका वकील

आजम खान ने प्रमुख सचिव को लिखी चिट्टी में तंज किया है कि उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को सदमा पहुंचाने के बाद न्याय विभाग अब कौन से प्रभावी पैरवी करना चाहता है। आज़म ने अपनी ही सरकार के न्याय विभाग को बताया कि न्याय विभाग से वह अपने लिए किस हद तक प्रभावी पैरवी करा पाएंगे उन्हें पता नही पर उन्होंने वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल को न्यायाल में पैरवी के लिए राजी क लिया है। साथ ही यह भी कहा कि वह अपने वकील को उनकी तरफ से पैरवी करने का आदेश वापस ले लें। और उन पर किसी तरह की दया न करें।

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