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Bulandshahr News: स्कूल में बच्चो को किताब कॉपी की जगह थमा दी झाड़ू, होली से पहले क्लासरूम की धुलाई का वीडियो वायरल
Bulandshahr News: स्कूल में होली से पहले क्लास रूम की पानी डालकर धुलाई करते और नल से बाल्टी में पानी भरकर ले जाते बच्चों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
Bulandshahr News: परिषदीय स्कूलों में कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने की लिए सरकार भले ही करोड़ों रुपए व्यय कर रही हो, लेकिन कुछ शिक्षक सरकार की मंशा पर पानी फेरने में जुटे हैं। ताजा मामला यूपी के बुलंदशहर का है, जहां पहासू ब्लाक के महुआ खेड़ा प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों ने बच्चों के हाथ में किताब कॉपी की जगह झाड़ू थमा दी, स्कूल में होली से पहले क्लास रूम की पानी डालकर धुलाई करते और नल से बाल्टी में पानी भरकर ले जाते बच्चों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसके बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। हालांकि मामले को लेकर बुलंदशहर के बीएसए ने वीडियो की जांच कराकर कार्यवाही करने का दावा किया है।
शिक्षक के फरमान पर बच्चो से कराई गई क्लासरूम की धुलाई!
बुलंदशहर जनपद के पहासू ब्लाक के महुआ खेड़ा प्राथमिक विद्यालय में छात्र-छात्राएं रोजाना की तरह स्कूल पहुंचे, तो स्कूल में मौजूद शिक्षक ने होली से पहले स्कूल और क्लासरूम की सफाई करने का फरमान बच्चों को सुना डाला। बताया जाता है कि शिक्षक के फरमान पर स्कूल में पढ़ने आए बच्चे बाल्टी लेकर क्लास रूम की सफाई करने में जुट गए। छोटे-छोटे बच्चे जहां स्कूल में लगे नल से पानी भरने में लग गए, तो वहीं कुछ बच्चे पानी से भरी बाल्टियां क्लास रूम में ले जाकर उसे धोने में लग गए, यही नहीं छात्र झाड़ू से क्लास रूम की धुलाई भी करने लगे। स्कूल में सफाई और धुलाई का वीडियो किसी ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिसके बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।
बच्चो से स्कूल में सफाई कराना गलत, होगी कार्रवाई - बीएसए
बुलंदशहर के बीएसए बीके शर्मा ने बताया कि स्कूल में बच्चों से सफाई कराना बेहद ही गंभीर मामला है। मामले की जांच क्षेत्रीय खंड शिक्षा अधिकारी को दी गई है और जांच आख्या 24 घंटे में तलब की गई है। मामले में जांच आख्या के आधार पर दोषी शिक्षक के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।
बच्चो से सफाई कराने पर अभिभावकों में रोष
स्कूल में पढ़ने के बच्चों से सफाई कराने का वीडियो वायरल होने के बाद अभिभावकों में भी रोष व्याप्त है। ग्रामीणों का दावा है कि बच्चों को स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा जाता है स्कूल की सफाई कराने के लिए बच्चों को नहीं भेजते। यदि यही आलम रहा तो फिर बच्चों को प्राइवेट विद्यालय में पढ़ाने को मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने जिलाधिकारी से मामले की जांच कराकर दोषी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।