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Bulandshahr News: विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ भारतीय संस्कृति - परम्पराओ की भी शिक्षक दे जानकारी: बृजेश सिंह

Bulandshahr News: कार्यक्रम के दौरान 'गीता सार: क्या भगवद गीता की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं' आयोजित किया गया, जिसमें कक्षा 3 से 5 तक के विद्यार्थियों ने गीता की वर्तमान में प्रासंगिकता और उसके अनुप्रयोग को प्रस्तुत किया।

Sandeep Tayal
Published on: 26 Oct 2024 8:17 PM IST
Bulandshahr News ( Pic- Newstrack)
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Bulandshahr News ( Pic- Newstrack)

Bulandshahr News: ग्रेटर नोएडा (वेस्ट) – द मिलेनियम स्कूल में आयोजित वार्षिक समारोह में यूपी के लोक निर्माण मंत्री बृजेश सिंह ने कहा कि छात्र छात्राओं को किताबी शिक्षा के साथ साथ भारतीय संस्कृति, भारतीय परंपराओं का भी शिक्षक ज्ञान दें, जिससे भारतीय संस्कृति की जानकारी भावी पीढ़ियों को भी रहे।

कैरियर को लेकर बच्चों पर न बनाए मानषिक दवाब: मंत्री

कार्यक्रम के दौरान 'गीता सार: क्या भगवद गीता की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं?' आयोजित किया गया, जिसमें कक्षा 3 से 5 तक के विद्यार्थियों ने गीता की वर्तमान में प्रासंगिकता और उसके अनुप्रयोग को प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री बृजेश सिंह ने श्लोकों के उच्चारण के साथ दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने छात्रों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए अभिवावकों से बच्चों पर अनावश्यक दबाव न डालने तथा भारतीय मूल्यों और परंपराओं को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।

स्वस्थ रहने के बताए गुर

अतिथि विशेष अभिषेक कुमार (सह-संस्थापक – लंग केयर फाउंडेशन) ने फेफड़ों के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता किया। उन्होंने फेफड़ों को किस तरह योगाभ्यास और आहार से स्वास्थ्य रख सकते है इसकी जानकारी दी।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों से मचाया धमाल

विद्यार्थियों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, नाटकों, संगीत प्रदर्शनियों तथा नृत्यों के माध्यम से गीता के शाश्वत संदेशों को प्रस्तुत किया, जिनमें वर्तमान समस्याओं, जैसे कि स्क्रीन टाइम और पढ़ाई के बीच असंतुलन, संघर्ष प्रबंधन, साथियों द्वारा विद्यालय में हो रहा उत्पीड़न, आत्म-छवि के प्रति चिंता और माता-पिता की अपेक्षाओं के साथ व्यक्तिगत आकांक्षाओं को संतुलित करने के तरीकों को दिखाया गया। हर प्रस्तुति कृष्ण-अर्जुन संवाद के साथ समाप्त हुई। मुख्य आकर्षण में तालवाद्य, कथक, योग और ताइक्वांडो प्रदर्शन शामिल थे। छात्रों ने भारतीय परंपराओं के वैज्ञानिक आधार को एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से उपस्थित दर्शकों को समझाया।

विद्यार्थियों की प्रस्तुतियों को सरहाया

प्रधानाचार्या डॉ. हिमानी त्यागी ने प्राचीन ज्ञान और आधुनिक समस्याओं को जोड़ने के लिए छात्रों की सराहना की और उनके प्रयासों पर गर्व व्यक्त किया कार्यक्रम का समापन एक संगीतमय प्रस्तुति के साथ हुआ। वार्षिक समारोह को अनेक अतिथियों ने भी संबोधित किया। आयोजकों न अतिथियों को प्रतीक चिन्ह भेंट किए।



Shalini Rai

Shalini Rai

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