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Bulandshahr News: दो डॉक्टर्स पर उपभोक्ता फोरम ने लगाया ₹ 20 लाख का जुर्माना

Bulandshahr News: मामले को लेकर उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष/न्यायाधीश हसनैन कुरैशी ने किलकारी हॉस्पिटल के संचालक डॉ. योगेंद्र कुमार और बालाजी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल शिकारपुर के संचालक डॉ. रविन्द्र कुमार पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है,

Sandeep Tayal
Published on: 16 Feb 2025 8:51 AM IST
Bulandshahr News (Photo Social Media)
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Bulandshahr News (Photo Social Media)

Bulandshahr News: यूपी के बुलंदशहर में बेहोश किए बिना प्रसूता का ऑपरेशन कर डाला गया, यही नहीं ईलाज मे लापरवाही भी सामने आई। मामले को लेकर उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष/न्यायाधीश हसनैन कुरैशी ने किलकारी हॉस्पिटल के संचालक डॉ. योगेंद्र कुमार और बालाजी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल शिकारपुर के संचालक डॉ. रविन्द्र कुमार पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, 15 लाख रुपये पीड़ित को दिए जाने तथा 5 लाख रुपये उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा कराने के आदेश दिए हैं।

बिन बेहोश किए कर दी ऑपरेशन से डिलीवरी

जिला उपभोक्ता आयोग बुलंदशहर के जन सूचना अधिकारी शेखर वर्मा ने बताया कि शिकारपुर के गांव कैलावन निवासी कृष्णकांत शर्मा ने 19.12.2021 को पत्नी शिल्पी शर्मा को डिलीवरी के लिए CHC शिकारपुर में डॉ.रानी तबस्सुम के निर्देशन में भर्ती कराया था। आरोप है कि इस दौरान शिल्पी की हालत बिगड़ी, तो डॉ.रानी तबस्सुम ने अपने परिचित डॉ.रविंद्र कुमार के बाला जी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल शिकारपुर में भर्ती करा दिया, जहां डॉ. रविंद्र कुमार ने दावा किया था कि अस्पताल में सामान्य व सिजेरियन प्रसव हेतु सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस दौरान डॉ.रविंद्र ने नॉर्मल डिलीवरी कराने की बात कही। डॉक्टर के कहने पर उन्होंने ₹ 10 हजार ऑनलाइन दे दिए।

पेमेंट मिलने के बाद डॉ. रविंद्र कुमार ने बिना एनेस्थीसिया, बिना सर्जन के अपने अप्रशिक्षित स्टाफ से प्रसूता शिल्पी का ऑपरेशन कराया। डिलीवरी के बाद जन्मे नवजात की हालत बिगड़ने लगी थी।

किलकारी हॉस्पिटल ने किया था खेल..CCTV फुटेज और इलाज के रिकॉर्ड गायब किए!

बच्चे की हालत खराब होने पर आरोपी डॉक्टर ने बच्चे को कालाआम स्थित किलकारी चाईल्ड केयर हॉस्पिटल बुलंदशहर के संचालक डॉ.योगेंद्र सिंह के हॉस्पिटल में भर्ती कराने के लिए भेज दिया। किलकारी अस्पताल में पहुंचने पर उन्होंने 23.12.25 को ₹50000 जमा कराते हुए फर्जी बिल तैयार कर दिए। दावा किया गया कि बच्चे के उपचार में दवाओं का प्रयोग नहीं किया गया। जिसके चलते 3.1.2022 को नवजात की स्थिति काफी बिगड़ गई। इसके बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। इस दौरान आरोपियों ने कोविड महामारी की बात कहते हुए बच्चे को देखने नहीं दिया था। जिला अस्पताल में पहुंचने पर जब उन्होंने नवजात को देखा तो वह लड़के के स्थान पर लड़की निकली। इस मामले में डॉ.योगेंद्र से पूछा तो उसने कोई जवाब नहीं दिया। साथ ही आरोपी ने 20.12. 2021 से 23.12. 2021 तक की CCTV फुटेज भी डिलीट कर दी और इलाज के रिकॉर्ड को छिपा दिया गया।

CMO ने की थी कार्रवाई

यहां तक की उपचार के दस्तावेज छीनने का भी प्रयास किया। मौके पर पहुंचे लोगों ने बताया कि डॉ.योगेंद्र पर पहले भी बच्चा बदलने के आरोप लगे थे। जिसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना देते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले को लेकर CMO ने किलकारी चाईल्ड केयर हॉस्पिटल व बालाजी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल शिकारपुर को सील किया था। इसके बाद पीड़ित ने जिला उपभोक्ता आयोग में वाद दायर किया था।

उपभोक्ता फोरम ने ये दिए आदेश

इस मामले में जिला उपभोक्ता फोरम बुलंदशहर के अध्यक्ष/न्यायाधीश हसनैन कुरैशी, सामान्य सदस्य मोहित कुमार त्यागी, महिला सदस्य नीलम कुमारी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद डॉ.योगेंद्र सिंह और डॉ.रविंद्र कुमार को दोषी ठहराया। साथ ही दोनों को आदेश दिए कि पीड़ित कृष्णकांत शर्मा को चिकित्सा व्यय, आर्थिक-मानसिक व शारीरिक क्षतिपूर्ति के लिए 15 लाख रुपये व वाद व्यय के तौर पर 20 हजार रुपये अदा करने के आदेश दिए। साथ ही 5 लाख रुपये उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा करने के आदेश दिए। 30 दिन के अंदर जुर्माने का भुगतान न किए जाने पर 7% ब्याज के साथ जुर्माना देना होगा और दोनों के खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 72 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।



Ramkrishna Vajpei

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