Bulandshahr: CWC की पहल से बालिका वधु होने से बची नाबालिग, बैरंग लौटी बरात

Bulandshahr News: सरकार भले ही विवाह के लिए युवक और युवती की आयु सीमा निर्धारित कर दी, इसके बावजूद ग्रामीण आंचल में आज भी ऐसे मामले प्रकाश में आ रहे है जहां किशोरी का विवाह परिजन परिस्थिति वश कर रहे हैं।

Sandeep Tayal
Published on: 15 Feb 2024 4:40 PM GMT
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Bulandshahr News (Pic:Social Media)

Bulandshahr News: यूपी के बुलन्दशहर में जिला बाल संरक्षण इकाई ने छापा मारकर एक और किशोरी को बालिका वधु बनाने से बचा लिया। सीडब्ल्यूसी की छापेमार कार्रवाई के बाद बारात को बिना दुल्हन के ही बैरंग लौटना पड़ा। हालांकि सीडब्ल्यूसी ने कन्या पक्ष से किशोरी के बालिग होने तक उसकी शादी न करने का शपथपत्र दाखिल करने के भी निर्देश दिए है।

बिन दुल्हन बैरंग लौटी बरात

सरकार भले ही विवाह के लिए युवक और युवती की आयु सीमा निर्धारित कर दी, इसके बावजूद ग्रामीण आंचल में आज भी ऐसे मामले प्रकाश में आ रहे है जहां किशोरी का विवाह परिजन परिस्थिति वश कर रहे हैं। सीडब्ल्यूसी की बुलंदशहर की अध्यक्ष डा.अंशु बंसल ने बताया कि सिकंदराबाद कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में नाबालिग के विवाह की जानकारी मिलने पर तत्काल थाना पुलिस को साथ लेकर छापेमार कार्रवाई की गई। नाबालिग का विवाह 22 साल से अधिक आयु के युवक से किया जाता उससे पहले ही सीडब्ल्यूसी ने कार्रवाई शुरू कर दी।

दूल्हे पक्ष से लड़की के बालिग होने के बाद ही शादी करने को बात समझकर बारात को लौटा दिया गया। हालांकि किशोरी के परिजनों को बेटी को पढ़ने और विवाह योग्य होने पर ही विवाह करने की बात समझाई। सीडब्ल्यूसी की टीम ने किशोरी के परिजनों ने शपथ पत्र देने को भी कहा है। सीडब्ल्यूसी की बुलंदशहर की अध्यक्ष डा. अंशु बंसल ने नाबालिगों का विवाह न करने की अभिभावकों से अपील की है। सीडब्ल्यूसी ने काउंसलिंग के लिए किशोरी और उसके परिजनों को दफ्तर बुलाया है।

Durgesh Sharma

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