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Bulandshahr: हत्यारी पत्नी और उसके प्रेमी सहित 3 को उम्रकैद की सजा, अर्थदंड भी लगा
Bulandshahr: अपर सत्र न्यायालय न्याय कक्ष संख्या 15 के न्यायाधीश हेमंत कुमार ने पति योगेंद्र की हत्या की दोषी पत्नी मंजू और उसके प्रेमी मनोज सहित तीन हत्यारों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
Bulandshahr News: जिले में पुलिस का ऑपरेशन कनविक्शन जारी है। मंगलवार को बुलंदशहर के अपर सत्र न्यायालय न्याय कक्ष संख्या 15 के न्यायाधीश हेमंत कुमार ने पति योगेंद्र की हत्या की दोषी पत्नी मंजू और उसके प्रेमी मनोज सहित तीन हत्यारों को उम्रकैद और 7-7 रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई है।
पत्नी ने प्रेमी संग रची थी हत्या की साजिश
अपर सत्र न्यायालय न्याय कक्ष संख्या 15 के विशेष लोक अभियोजक प्रवेंद्र सिंह लोधी और देवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि रतन सिंह पुत्र प्यारेलाल निवासी ग्राम जवां थाना जहांगीरपुर में अप्रैल 2017 को जहांगीरपुर थाना पर दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा था कि उसका पुत्र योगेंद्र खाना खाकर खेत पर गया था, गांव के ही तीन लोगों से रंजिश मानते थे, जिन पर हत्या का शक जताया था, योगेंद्र की फावड़े से काटकर हत्या की गई थी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 201, 120 बी आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया था। विशेष लोक अभियोजक प्रवेंद्र सिंह लोधी और देवेंद्र कुमार सिंह ने बताया पुलिस ने मामले में आरोप पत्र दाखिल कर दो आरोपियों को गहन विवेचन के बाद कोर्ट में पेश किया। जबकि रूपेश ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था।
ऑपरेशन कनविक्शन में हुआ था वाद चिन्हित
बुलंदशहर के एसपी श्लोक कुमार ने बताया कि योगेंद्र सिंह हत्याकांड को जघन्य अपराध मानते हुए ऑपरेशन कनविक्शन के तहत चिन्हित किया गया और वाद प्रक्रिया में तीव्रता लाई गई, जिसके बाद मंगलवार को कोर्ट द्वारा दोषियों को सजा मुकर्रर की जा सकी।
कोर्ट ने की ये कार्रवाई
विशेष लोक अभियोजक प्रवेंद्र सिंह लोधी और देवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार को अपर सत्र न्यायालय न्याय कक्ष संख्या 15 के न्यायाधीश हेमंत कुमार ने योगेंद्र सिंह हत्याकांड में न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत साक्ष्यों, गवाहों के बयानों और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद मृतक योगेंद्र सिंह की पत्नी मंजू देवी उसके प्रेमी मनोज उर्फ चौटाला पुत्र ओमवीर सिंह निवासी जवां जहांगीरपुर और मनोज के साथी रूपेश पुत्र चेतराम निवासी उदयपुर थाना खैर अलीगढ़ को दोषी करार दे आजीवन कारावास और 7-7 हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई है।