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Bulandshahr News: सट्टा माफिया त्रलोकी भतीजे सहित गिरफ्तार, बोलीं एसपी गैंगस्टर एक्ट के तहत होगी कार्यवाही
Bulandshahr News: एसपी अनुकृति शर्मा ने बताया कि सत्ता किंग संगठित अपराध को कारित कर रहा था। जिसके चलते अब इसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्यवाही की जाएगी।
सट्टा माफिया त्रलोकी भतीजे सहित गिरफ्तार, बोलीं एसपी गैंगस्टर एक्ट के तहत होगी कार्यवाही: Photo-Newstrack
Bulandshahr News: यूपी के बुलन्दशहर में पुलिस को अपने सफेदपोश और वर्दीधारी आकाओं के संरक्षण के चलते बार-बार चकमा देने वाले बुलंदशहर के सट्टा माफिया त्रिलोकी और उसके भतीजे को कोतवाली नगर पुलिस की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने सट्टा माफिया के कब्जे से 101400 रुपए की नगदी, 2 लैपटॉप, 8 मोबाइल फोन, 2 प्रिंटर, डायरी पर्चियां और 17 पैन आदि बरामद किए हैं। पुलिस की माने तो सट्टा माफिया ऑनलाइन सट्टे का बड़ा कारोबार करता है जिसका नेटवर्क दिल्ली से जुड़ा है और बाकायदा ऑनलाइन बैटिंग कराते हैं, हर बैटिंग पर अपना 10 प्रतिशत कमीशन वसूलते हैं।
मकान से चल रहा था ऑनलाइन सट्टा पकड़ा गया-
संगठित अपराध के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार की महिम के तहत बुलंदशहर पुलिस ने आज वर्षों से पुलिस को झप्पी दे रहे सट्टा माफिया त्रिलोकचंद उर्फ त्रिलोकी को उसके भतीजे सोनू के साथ गिरफ्तार कर लिया। ऑनलाइन सट्टा किंग के नाम से प्रख्यात त्रिलोकी से पूछताछ के बाद बुलंदशहर की एसपी अनुकृति शर्मा ने बताया कि थाना कोतवाली नगर पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर देवीपुरा प्रथम में एक मकान में छापा मार कार्रवाई की, जहां से ऑनलाइन सट्टा संचालित किया जा रहा था।
बुलंदशहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सुभाष सिंह की टीम ने घेराबंदी कर सट्टा माफिया त्रिलोक चन्द उर्फ त्रिलोकी पुत्र बीधा सिंह और उसके भतीजे विजय गिरी उर्फ सोनू पुत्र गंगाराम निवासी मो0 देवीपुरा प्रथम बुलन्दशहर को गिरफ्तार कर लिया। मौके से 1,01,400 रुपये नकद, 02 लैपटॉप, 08 मोबाइल फोन, 02 प्रिंटर आदि बरामद किए। एसपी अनुकृति शर्मा ने बताया कि सत्ता किंग संगठित अपराध को कारित कर रहा था। जिसके चलते अब इसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्यवाही की जाएगी।
ऐसे करते थे ऑनलाइन बैटिंग-
बुलंदशहर की एएसपी अनुकृति शर्मा ने गिरफ्तार सट्टा माफिया से पूछताछ के बाद बताया कि वह अपने एजेंट के साथ मिलकर दिसावर व सट्टा किंग नाम की वेबसाइट के माध्यम से जनपद में ऑनलाइन बैटिंग कराता था तथा नंबर आने पर लगाए गए रुपयों का 9 गुना वापस करता था। प्रत्येक बैटिंग पर उसका कमीशन फिक्स होता था चाहे कोई हारे या जीते। सट्टा माफिया त्रिलोकी का दिल्ली से लिंक था। बाकायदा गली और दिसावर नाम की वेबसाइट पर घड़ियां चलती थी जिनमें टाइम सेट होता था और उन टीमों के आधार पर नंबर लगाया जाता था जब घड़ी रुक जाती थी तो वही नंबर माना जाता था।