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'जब तक सूरज चांद रहेगा, रॉबिन तेरा नाम रहेगा', नारों के बीच शहीद कैप्टन रॉबिन सिंह पंचतत्व में विलीन

Bulandshahr News: खानपुर थाने के एसएचओ अंतिम शव यात्रा में शामिल हुए। खानपुर के एसएचओ में बताया कि, परिजनों अथवा किसी भी व्यक्ति द्वारा उच्च अधिकारियों को रोबिन सिंह के शहीद होने की जानकारी नहीं दी गई थी।

Sandeep Tayal
Published on: 13 Dec 2023 3:11 PM GMT
Bulandshahr News
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कैप्टन रॉबिन सिंह (Social Media)

Bulandshahr News: यूपी के बुलंदशहर के जवान कैप्टन रोबिन (Captain Robin) की लेह-लद्दाख में तैनाती के दौरान बुखार से मौत हो गई। सैनिक का शव गांव पहुंचा तो नजारा बेहद गमगीन हो गया। वहां मौजूद भाकियू महाशक्ति के कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने जवान रोबिन का पूर्ण सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया। हालांकि, भाकियू महाशक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर धर्मेंद्र सिंह ने मृत सैनिक को गार्ड ऑफ ऑनर देकर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार न कराए जाने की बात भी कही।

बीमारी के चलते ऑन ड्यूटी रॉबिन की गई जान

जिला बुलंदशहर के थाना खानपुर के गांव मनिया टिकरी निवासी रोबिन सिंह भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर तैनात थे। बताया जाता है कि, कैप्टन रोबिन की लेह लद्दाख में तैनाती थी। वहां बीमारी के चलते ऑन ड्यूटी रॉबिन सिंह शहीद हो गए। बुधवार (13 दिसंबर) को कैप्टन रोबिन का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा। जवान का पार्थिव शरीर गांव मनिया टिकरी कुछ सैनिक लेकर पहुंचे थे।

पार्थिव शरीर पहुंचते ही मचा कोहराम

गांव में जैसे ही रोबिन सिंह का पार्थिव शरीर पहुंचा लोग गमगीन हो गए। गांव में रोबिन सिंह की शहादत की चर्चा है। ग्रामीण और भारतीय किसान यूनियन महाशक्ति के कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए। 'जब तक सूरज चांद रहेगा, रॉबिन तेरा नाम रहेगा' जैसे नारे गूंजने लगे। रॉबिन के शव को देख परिवार में कोहराम मच गया। परिजन शव से लिपटकर विलाप करते रहे।

जिले के उच्च अधिकारियों को नहीं थी जानकारी !

भारतीय किसान यूनियन महाशक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर धर्मेंद्र सिंह का आरोप है कि, 'कैप्टन रोबिन के पार्थिव शरीर को सलामी देने के लिए कोई फोर्स की व्यवस्था नहीं की गई। ना ही अधिकारी पहुंचे। हालांकि, खानपुर थाने के एसएचओ अंतिम शव यात्रा में शामिल हुए। खानपुर के एसएचओ में बताया कि, परिजनों अथवा किसी भी व्यक्ति द्वारा उच्च अधिकारियों को रोबिन सिंह के शहीद होने की जानकारी नहीं दी गई थी। उन्हें भी ग्राम प्रधान ने फोन पर कैप्टन रोबिन सिंह के बारे में बताया था। कैप्टन रॉबिन का परिजनों ने गांव में ही अंतिम संस्कार किया। रोबिन अब पंचतत्व में विलीन हो गए।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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