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Bulandshahr: गुलावठी में 15 साल की किशोरी से रेप, वारदात के बाद आरोपी फरार, 5 दिन बाद भी नहीं हुआ मेडिकल परीक्षण

Bulandshahr rape case: बुलंदशहर पॉक्सो कोर्ट के ADGC वरुण कौशिक ने बताया कि, 'रेप पीड़िता का 24 घंटे में मेडिकल परीक्षण होना चाहिए था। विलम्ब होने पर साइंटिफिक एविडेंस समाप्त होने की स्थिति में FSL रिपोर्ट प्रभावित होती है।

Sandeep Tayal
Published on: 14 Nov 2023 2:08 PM GMT
Bulandshahr rape case
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Bulandshahr rape case (Social Media)

Bulandshahr News: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के गुलावठी कोतवाली क्षेत्र में किशोरी को नशे की गोली खिलाकर रेप करने का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस ने घटना के 4 दिन बाद एफआईआर तो दर्ज कर ली, मगर आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।

नशे की दवा खिलाकर किया रेप

बुलंदशहर के गुलावठी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी 15 साल की किशोरी को 35 साल के एक शख्स ने अपनी हवस का शिकार बनाया। पीड़िता के पिता ने बताया कि, वह हरियाणा में काम करता है। उसका परिवार गुलावठी क्षेत्र में रहता है। 9 नवंबर को गांव का ही युवक आलम पुत्र खेरू ने सिर दर्द की दवा के बहाने नाबालिग बेटी को नशे की दवाई खिला दी और उसके साथ रेप किया। दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गया। पीड़िता को जब होश आया तो गुमसुम थी। बेटी ने आपबीती अपनी मां को बताई।

4 दिन बाद दर्ज हुई FIR

पीड़िता के पिता ने बताया कि 11 नवंबर को मामले को रिपोर्ट दर्ज कराने बेटी को लेकर कोतवाली गए। लेकिन, रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। घटना के 4 दिन बाद 13 नवंबर को रिपोर्ट दर्ज की गई। पुलिस अभी तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।

रेप पीड़िता के पिता बोले- मिल रही धमकियां

पीड़िता के पिता ने बताया कि, आरोपी 3 बच्चों का बाप है। फोन पर धमकी भरे कॉल आ रहे हैं। एएसपी सुरेंद्र नाथ त्रिपाठी (ASP Surendra Nath Tripathi) ने बताया कि, प्राप्त तहरीर के आधार पर गुलावठी थाने में आरोपी आलम खिलाफ धारा- 328, 376(3), 506 आईपीसी और पोक्सो एक्ट की धारा 3,4 के तहत एफआईआर दर्ज कर अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है। नारी अपराध करने वालों खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी करने के SHO को निर्देश दिए गए हैं।

छुट्टी है, इसीलिए रेप पीड़िता का नहीं हो सका मेडिकल परीक्षण !

आपको बता दें कि, 9 नवंबर को हुई रेप की वारदात रिपोर्ट 13 नवंबर को दर्ज हुई। समाचार लिखे जाने तक पीड़िता का मेडिकल परीक्षण भी नहीं हो सका है। पीड़िता के पिता ने बताया कि थाना पुलिस ने दीपावली और गोवर्धन की छुट्टी पर जिला महिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण न होने की बात बताई है। मंगलवार तक मेडिकल नहीं हो सका।

मेडिकल में देरी से साइंटिफिक रिपोर्ट होती है प्रभावित- ADGC

बुलंदशहर पॉक्सो कोर्ट के ADGC वरुण कौशिक ने बताया कि, 'रेप पीड़िता का 24 घंटे में मेडिकल परीक्षण होना चाहिए था। विलम्ब होने पर साइंटिफिक एविडेंस समाप्त होने की स्थिति में FSL रिपोर्ट प्रभावित होती है। इसका मुलजिम को लाभ मिलने की संभावना रहती है। वरुण कौशिक ने बताया कि, अस्पताल में EMO तैनात रहते हैं। छुट्टी होने से आपातकालीन मेडिकल सेवाएं चालू रहती है। रेप जैसे गंभीर मामले में पुलिस को संज्ञानित होते ही पीड़िता का अविलम्ब मैडिकल परीक्षण करना चाहिए।'

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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