TRENDING TAGS :
Bulandshahr News: दिवाली पर नहीं दी शराब पार्टी, दोस्तों ने ही कर दिया कत्ल..पटाखों में दब गई आवाज़
Bulandshahr Crime News: आशंका जताई जा रही है कि, दिवाली की आतिशबाजी के शोर में किसी ने बंटी के चीखने-चिल्लाने की आवाज़ नहीं सुनी।
Bulandshahr Crime News: यूपी के बुलन्दशहर में दीपावली पर घर आए दोस्तों को पार्टी नहीं दी तो दोस्तों ने ही नुकीले हथियार से गर्दन पर वार कर मित्र को मौत के घाट उतार दिया। इस वारदात के बाद कोतवाली देहात पुलिस ने 6 हत्यारोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर शव पोस्टमार्टम को भेज दिया है।
महज 500 रुपए के लिए मर्डर
बुलन्दशहर कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव ताजपुर निवासी राजाराम का पुत्र बंटी दिल्ली में फल बेचने का काम करता था। दिवाली मनाने के लिए बंटी रविवार को अपने गांव आया था। बंटी के परिजनों की मानें तो उसके दोस्तों ने उसे दिवाली पर शराब पार्टी की डिमांड की थी। शराब पार्टी न देने पर उसके साथ मारपीट और झगड़ा किया। फिर, शरीर पर नुकीली चीज से वार किया। गर्दन में नुकीला हथियार घुसा कर अधमरा कर फरार हो गए। बंटी के चाचा वीरपाल ने बताया कि, लहूलुहान हालत में बंटी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
क्या कहा एसपी सिटी ने?
बुलंदशहर के एसपी सिटी सुरेंद्र नाथ त्रिपाठी (Bulandshahr SP City Surendra Nath Tripathi) ने बताया, 'बंटी के चाचा वीरपाल की तहरीर पर गांव के ही 6 हत्यारोपियों के खिलाफ बुलंदशहर कोतवाली देहात में रिपोर्ट दर्ज की गई है। वीरपाल ने गांव के ही अरविंद, परविंदर, संजीव, अंकित, अंशुल और संजय पर बंटी के साथ मारपीट कर हत्या का आरोप लगाया है।
हत्यारोपियों को गिरफ्तार करने के आदेश
हत्यारोपियों को गिरफ्तार करने के लिए कोतवाली देहात के प्रभारी निरीक्षक को निर्देश दिए गए हैं। पुलिस हत्यारोपियों की गिरफ्तारी के लिए संभावित स्थानों पर दाबिश दे रही है। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। दोस्तो को शराब के लिए 500 रुपए न देने पर हत्या की बात प्रकाश में आई है।' बता दें कि खबर लिखे जाने तक कोतवाली देहात पुलिस ने किसी भी हत्या आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया था।
पटाखों की आवाज में दब गई बंटी की चीख
एक तरफ दिवाली की आतिशबाजी और शोर दूसरी तरफ, शराब पार्टी न मिलने से नाराज दोस्त की ही दोस्त मिलकर हत्या कर रहे थे। आशंका जताई जा रही है कि पटाखे की आवाज में बंटी की चीख-पुकार डाब गई। किसी को पता नहीं चला। किसी ने बंटी की आवाज भी नहीं सुनी। हमलावर बंटी को अधमरा कर गांव की ही गली में छोड़कर फरार हो गए थे।