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छुट्टा जानवरों को लेकर बड़ा फैसला: सांडों की नसबंदी कराएगी यूपी सरकार

raghvendra
Published on: 14 Nov 2019 8:48 AM GMT
छुट्टा जानवरों को लेकर बड़ा फैसला: सांडों की नसबंदी कराएगी यूपी सरकार
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लखनऊ: यूपी सरकार के लिए सिरदर्द बने छुट्टा पशुओं की तादाद पर अंकुश लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस दिशा में बड़ा फैसला लेते हुए सांडों की नसबंदी कराने का अभियान शुरू कराने का निर्णय लिया है। प्रदेश के सभी जिलों में सडक़ पर घूमने वाले सांडों की गडऩा के लिए प्रमुख सचिव पशुपालन को जिम्मा दिया गया। अध्ययन के अनुसार सडक़ पर घूम रहे सांड और गायों से जन्म ले रहे बछड़े-बछियों के नस्ल में गिरावट को देखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है। गोवंश की संख्या में बेतहासा हो रही वृद्घि से सडक़ दुर्घनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है। नगर निगम लखनऊ कान्हा उपवन में पल रहे एक हजार बछड़ों का बन्धियाकरण होगा।

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योगी सरकार ने गोवंश के संरक्षण के लिए गोशालाओं को निर्माण कराया। लेकिन यह समस्या कम होने की जगह और बढ़ गई। पहले जहां छुट्टा पशुओं के चलते किसानों की फसल बर्बाद हो रही थी वहीं गोशालाओं में में गोवंशों के लिए समुचित प्रबंध न होने की वजह से गायों के मरने का सिलसिला सा शुरू हो गया है। छुट्टा जानवरों के चलते जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चाहे वह खेतों में फसल चौपट होने का मामला हो या सडक़ पर दुर्घटना, हर जगह लोगों को इन छुट्टा पशुओं से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

Cowshed

राजधानी में पल रहे 1000 बछड़ों का होगा बधियाकरण

जानकारी के अनुसार, इसी क्रम में नगर निगम लखनऊ के कान्हा उपवन में पल रहे 1000 बछड़ों का बधियाकरण (नसबंदी) होगा। इसके बाद इनका उपयोग आगे चलकर उपवन की खेती में किया जाएगा। सरकार का मानना है कि गोवंश की संख्या पर नियंत्रण होने के साथ ही नस्ल में भी सुधार होगा।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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