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Bundelkhand Expressway Route: ऐसा है बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, 12 घंटे का सफर सिर्फ 7 घंटे में
Bundelkhand Expressway: बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे सिर्फ 28 महीने में बनकर तैयार हुआ है। साथ ही चित्रकूट से देश की राजधानी नई दिल्ली तक का सफर केवल 7 से 8 घंटे में पूरा हो सकेगा।
Bundelkhand Expressway : उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड को जहां अब तक पिछड़े इलाकों में गिना जाता था, वहीं अब यही बुंदेलखंड नई गाथा लिखने के लिए तैयार हो गया है। जीं हां उत्तर प्रदेश सरकार के विकास कार्य के तहत अब बुंदेलखंड एक्सप्रेस के उद्घाटन की ही सिर्फ देरी है, फिर इस पर गाड़ियां दौड़ेगीं। इस एक्सप्रेस वे का उद्घाटन (bundelkhand expressway inauguration) आज 16 जुलाई को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया है। उत्तर प्रदेश का सबसे कम समय मे बनकर तैयार हुए एक एक्सप्रेस वे सिर्फ 28 महीनों में बना हैं।
सबसे ज्यादा गौरवान्वित करने वाली बात ये है कि उत्तर प्रदेश भारत का ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है जहां एक ही प्रदेश में 4 एक्सप्रेस वे है। उनके नाम इस प्रकार हैं-
यमुना एक्सप्रेसवे
आगरा एक्सप्रेसवे
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 जुलाई को जालौन जिले के कैठारी गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। जहां से इस 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद जनसभा को आयोजित करेंगे।
हैरानी की बात ये है कि यूपी के ये एक्सप्रेसवे सिर्फ 28 महीने में बनकर तैयार हुआ है। साथ ही चित्रकूट से देश की राजधानी नई दिल्ली तक का सफर केवल 7 से 8 घंटे में पूरा हो सकेगा। 4 लेन चौड़े बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को लेकर ऐसी संभावनाएं हैं कि ये बाद 6 लेन तक फैल सकता है।
इन एक्सप्रेसवे का रूट (Bundelkhand Expressway Route)
यूपी का ये बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महोबा, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरेगा। इन जिलों को कवर करते है प्रदेश और देश की राजधानी तक पहुंचने तक के समय में काफी बचत होगी। जानकारी के अनुसार, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर यूपी और निकासी के लिए कुल 13 जगहों पर इंटरचेंज की सुविधा है।
एक्सप्रेस पर इतनी दूर पर होंगे टोल व रैंप प्लाजा
4 किलोमीटर : भरतकूप, चित्रकूट
24 किलोमीटर : बिसंडा, बांदा
43 किलोमीटर : बांदा
50 किलोमीटर : बांदा
55 किलोमीटर : बांदा
86 किलोमीटर : कबरई, महोबा
125 किलोमीटर : जखेड़ी, हमीरपुर
164 किलोमीटर : डकोर, जालौन
174 किलोमीटर : उरई, जालौन
201 किलोमीटर : छिरिया, जालौन
243 किलोमीटर : करमपुर, औरैया
280 किलोमीटर : ककराही, इटावा
287 किलोमीटर : ताखा, इटावा
इस एक्सप्रेस-वे के आरओडब्ल्यू(ROWU) के अंतर्गत करीब 7 लाख वृक्षों का रोपण किया जा रहा है। साथ ही इस एक्सप्रेस-वे निर्माण के अंतर्गत 4 रेलवे ओवर ब्रिज, 14 दीर्घ सेतु का निर्माण किया गया है। वहीं 6 टोल प्लाजा, 7 रैंप प्लाजा, 293 लघु सेतु, 19 फ्लाई ओवर औऱ 224 अंडरपास का निर्माण हुआ है।
एक्सप्रेस के बारे में यूपीडा के सहायक अभियंता समीर कुमार यादव कहते हैं, बुंदेलखंड की ऐतिहासिक इमारतों की अलग पहचान है। यहां के झांसी, ओरछा और कालिंजर के किला के साथ तमाम ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासतें हैं, जिन्हें लोगों को देखना चाहिए। एक्सप्रेस-वे का निर्माण क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस एक्सप्रेस-वे से बुंदेली माटी में कदम रखने वालों को उसकी झलक पहले से दिखाने का प्रयास यूपीडा ने किया है। चित्रकूट से इटावा तक 13 टोल व रैंप प्लाजा में किले जैसे द्वार, खिड़की व दीवारों में उसी तरह की नक्काशी भी की जा रही है। गेटों में गुंबद बनाए जा रहे हैं।