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बुंदेलखंड: बंजर जमीन पर किसानों ने की इस फसल की खेती, पढ़ आप भी रह जाएंगे दंग

किसान भूपेन्द्र ने हौसलों को उड़ान देते हुए हिम्मत जुटाई और अपने डेढ़ बीघा खेत में अमेरिकन केसर पैदा करने की ठानी और फिर केसर का आधा किलो बीज खरीदा जो इनको 20 हज़ार रूपये का मिला

Newstrack
Published on: 23 March 2021 10:06 AM GMT
बुंदेलखंड: बंजर जमीन पर किसानों ने की इस फसल की खेती, पढ़ आप भी रह जाएंगे दंग
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बुंदेलखंड: बंजर जमीन पर किसानों ने की इस फसल की खेती, पढ़ आप भी रह जाएंगे दंग (PC: social media)

बुंदेलखंड: उत्तरप्रदेश का सबसे पिछड़ा इलाका बुंदेलखंड, जहाँ पानी का श्रोत ना होने की वजह से साल में एक फसल पैदा करना दूभर होता है, उस इलाके के कुछ किसानों ने पारंपरिक खेती को छोड़ कर कुछ अलग करने की ठानी है, और इस इलाके में ऐसी फसल पैदा कर रहे हैं जो ठंढे इलाकों में होती है।

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यह तस्वीर किसी तराई के इलाके की नहीं है बल्कि यह तस्वीर उत्तरप्रदेश में सबसे पिछड़े इलाके बुंदेलखंड की है, जहाँ इस वक़्त आपके सामने केसर की फसल लहलहाती हुई दिखाई दे रही है, पड़ गए ना आप भी आश्चर्य में, यह सोंचते हुए की जहाँ पानी के आभाव में साल में एक फसल पैदा करना मुश्किल होता है वहां केसर की फसल कैसे पैदा हो रही है, तो इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है बल्कि यह हौसले की बात है, यहाँ हमीरपुर में बिवांर थाना क्षेत्र के रहने वाले किसान भूपेन्द्र ने हौसला रखते हुए कुछ अलग हट के करने की ठानी और हिम्मत करते हुए केसर की खेती कर डाली जो आपके सामने है।

भूपेन्द्र - किसान

किसान भूपेन्द्र ने हौसलों को उड़ान देते हुए हिम्मत जुटाई और अपने डेढ़ बीघा खेत में अमेरिकन केसर पैदा करने की ठानी और फिर केसर का आधा किलो बीज खरीदा जो इनको 20 हज़ार रूपये का मिला, उसकी बुवाई कर डाली, यह सोंचते हुए की जो होगा देखा जाएगा, और फिर रात दिन मेहनत करनी शुरू की कभी सिंचाई कर के तो कभी केसर की खेती की निराई गुड़ाई कर के, और आज इनके हौसले उड़ान भरने को हैं जो आपके सामने हैं, भूपेन्द्र के अनुसार उनकी यह फसल लगभग तैयार है, और जब इसकी कटाई होगी तो इसका फूल 50 हज़ार से डेढ़ लाख रूपये किलो बिकेगा, साथ ही इसका बीज 40 हज़ार रूपये किलो बिकेगा।

भूपेन्द्र - किसान

किसान भूपेन्द्र के हौसले सलाम करते हुए हमीरपुर में बिवांर थाना क्षेत्र के तमाम किसानों ने भी अब मन बनाया है की अगले साल से वह भी थोड़ी बहुत केसर की खेती करते हुए अपनी किसमत भी आजमाएंगे, और अगर कुछ बेहतर हुआ तो परंपरागत खेती को छोड़ कर कुछ अच्छा करेंगे जैसा किसान भूपेन्द्र ने किया है।

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रोहित - किसान

बिना महंगी खाद के जैविक विधि से पैदा होने वाली केसर की खेती, जिसका रिज़ल्ट अब हमारे सामने है, उसको देखते हुए यह लगता है, सरकार को इस इलाके में कुछ कैम्प लगवा कर किसानों को जागरूक करना चाहिए और भूपेन्द्र जैसे जागरूक किसानों के माध्यम से इस खेती के बारे में लोगों को बताना चाहिए ताकि इस इलाके का ज़्यादातर किसान सरसब्ज़ हो सके।

रिपोर्ट- रविंद्र सिंह

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