Jhansi News: बुविवि के गांधी सभागार में आयोजित हुआ बुन्देलखण्ड विज्ञान महोत्सव

Jhansi News: बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के गाँधी सभागार में प्रेरक संवाद आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में कोलकाता से मोटिवेशनल स्पीकर तुहिन मुख़र्जी एवं मेडिकल कॉलेज झांसी की पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. सुधा शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुई।

B.K Kushwaha
Published on: 24 Feb 2023 2:03 PM GMT
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Jhansi News (Pic: Newstrack)

Jhansi News: बुन्देलखण्ड विज्ञान महोत्सव के अंतर्गत आज बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के गाँधी सभागार में प्रेरक संवाद आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में कोलकाता से मोटिवेशनल स्पीकर तुहिन मुख़र्जी एवं मेडिकल कॉलेज झांसी की पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ सुधा शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुई। इस संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता वित्त अधिकारी वसी मोहम्मद ने की एवं परीक्षा नियंत्रक राज बहादुर विशेष रूप से उपस्थित रहे। संयोजक डॉ संजीव कुमार श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया एवं बुन्देलखण्ड विज्ञान महोत्सव के बारें में बताया।

युवा बहुत ही कम उम्र में एंजायटी व मानसिक बीमारियों से जूझ रहाः डॉ सुधा शर्मा

प्रथम सत्र में तुहिन मुखर्जी ने सभी विद्यार्थियों को उच्च प्रदर्शन और सफलता का मंत्र दिया और कहा कि वास्तव में सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि हम अपने दैनिक जीवन में कैसे निर्णय लेते हैं। हम अतीत पर नियंत्रण नहीं कर सकते हैं और भविष्य को स्वीकार करने की आवश्यकता है क्योंकि इस समय को हमारे पास आना है। लेकिन निश्चित रूप से हम वर्तमान में विवेकपूर्ण निर्णय ले सकते हैं।

हमने अक्सर माता-पिता से ध्यान केंद्रित करने के बारे में सुना। हमें अपने मन से व्याकुलता को दूर करने की जरूरत है। यदि हम अपने मस्तिष्क में सकारात्मक जानकारी संचित करते हैं, तो हम सकारात्मक परिणाम उत्पन्न करेंगे। हमारा मस्तिष्क नकारात्मक शब्दों को संसाधित करना नहीं जानता है और सब कुछ वास्तविकता के रूप में लिया जाता है।

उन्होंने कहा कि हमारा दिमाग तो आभासी और व्यावहारिक घटनाओं में फर्क करना भी नहीं जानता। इसलिए जब हम सपने में होते हैं तो हमें लगता है कि यह सच है। हमारी सफलता तीन कारकों पर निर्भर करती है। जैसे सकारात्मक भावनाएं, उच्च ऊर्जा और जीतने की आदतें। यह हमारे भीतर एक जीत का पैटर्न बनाता है और हम सफलता की दिशा में काम करते हैं। इसी तरह हमारी बुरी आदतें एक ऐसा पैटर्न बना लेती हैं जो हमें जीवन में बड़ी चीजें हासिल नहीं करने देतीं। इसलिए हमें जीत के पैटर्न विकसित करने की जरूरत है और एक नया जीत पैटर्न बनाने के लिए अभ्यास करने में कम से कम 21 दिन लगते हैं और हमारे मस्तिष्क में एक नया तंत्रिका मार्ग बनता है।

दी गईं तमाम जानकारियां

दूसरे सत्र में मेडिकल कॉलेज की सीनियर रेजिडेंट डॉ सुधा शर्मा ने छात्र छात्राओं को सामान्य स्वस्थ्य के प्रति सजग किया और इस बात की जानकारी दी कि जीवन में मुख्यतः नॉन कम्युनिकेबल बिमारी जैसे कि डायबिटीस, हाइपरटेंशन, ह्रदय रोग, कैंसर, मानसिक बीमारियाँ जैसे मानसिक अवसाद, एंजयटी, नशीले पदार्थो के सेवन की लत, महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, सरवाईकाल कैंसर एवं युवाओं की बदलती हुई जीवनशैली के उनके स्वास्थ्य पर किस तरह से प्रभाव पड़ता हैं और किस प्रकार युवा जारूकता एवं अपनी जीवन शैली में बदलाव के साथ अपना भविष्य स्वस्थ एवं सुरक्षित कर सकते हैं।

मानसिक स्वास्थ्य पर जानकारी देते हुए डॉ शर्मा ने बताया आज देश में युवा बहुत ही कम उम्र में एंजयटी, मानसिक अवसाद एवं कई अन्य प्रकार के मानसिक बीमारियों से जूझ रहा है जिसका मुख्य कारण उसकी बदलती हुई जीवन शैली है। शारीरिक स्वास्थ्य पर बात करते हुए बताया कि हमारा खान पान, शरीर के प्रति हमारा आचरण हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को बहुत प्रभावित करता है।

कार्यक्रम में ये रहे उपस्थित

कार्यक्रम के अंत में आभार डॉ बृजेश दीक्षित ने किया और कार्यक्रम का संचालन डॉ अंजिता श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर मण्डलीय परियोजना निदेशक डॉ आनंद चौबे, उप संयोजक डॉ विजय यादव, डॉ अनिरुद्ध रावत, डॉ अनुपम व्यास, डॉ अंजली श्रीवास्तव, डॉ रितु, डॉ सुरेन्द्र, डॉ राजीव, डॉ इकरूप, डॉ रिषी, डॉ आदित्य, प्रीती पाण्डेय, डॉ प्रियंका त्रिपाठी सहित कई शिक्षक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रही।

Durgesh Sharma

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