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Chitrakoot: तपोबन में विकास की रफ्तार बढ़ाएगा बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, अब तक 80 फीसदी काम पूरा

Chitrakoot: चित्रकूट के भरतकूप से शुरू होने वाला यह एक्सप्रेस वे बुंदेलखंड के जनपदों से होते हुए इटावा के पास आगरा एक्सप्रेस वे में जुड़ेगा।

Vidushi Mishra
Published By Vidushi Mishra
Published on: 16 Feb 2022 12:36 PM GMT
Bundelkhand Expressway
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बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे (फोटो-सोशल मीडिया)

Chitrakoot: धर्मनगरी चित्रकूट को देश की राजधानी दिल्ली से जोड़ने के लिए बन रहे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे तपोवन के विकास की रफ्तार भरने का काम करेगा। यह बात अलग रही कि कोरोनाकाल में लॉकडाउन के चलते निर्माण की गति मंद पड़ी, फिर भी मौजूदा समय में लगभग 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। एक्सप्रेस में पुल व पुलियों का ही काम अधूरा है, जिसे तेजी से पूर्ण किया जा रहा है।

चित्रकूट के भरतकूप से शुरू होने वाला यह एक्सप्रेस वे बुंदेलखंड के जनपदों से होते हुए इटावा के पास आगरा एक्सप्रेस वे में जुड़ेगा। 15 हजार करोड़ की लागत से बन रहे इस एक्सप्रेस वे की नींव खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आकर बीते 29 मई 2019 को भरतकूप के गोंडा में आकर रखी थी। हालांकि इसके कई माह पहले से ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया था।

रोजगार के हजारों अवसर खुलेंगे

प्रधानमंत्री ने नींव रखते हुए कहा था कि इसके निर्माण से बुंदेलखंड के विकास में एक्सप्रेस वे गति पकड़ेगी। रोजगार के हजारों अवसर भी खुलेंगे। बुंदेलखंड के लोगो को सीधे दिल्ली के लिए सफर करने का आसान मौका मिलेगा। दो वर्ष के भीतर इसका निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य भी केन्द्र सरकार से निर्धारित है।

प्रधानमंत्री के नींव रखने के बाद निर्माण की गति ने भी तेजी पकड़ी। कार्यदाई एजेंसियों ने मशीनें उतारकर रात-दिन काम शुरू कराया। लेकिन कोरोनाकाल में करीब दो माह तक लॉकडाउन के दौरान बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का निर्माण प्रभावित रहा है। चित्रकूट जिले में एक्सप्रेस वे का निर्माण करीब 10.5 किमी. होना है।

1200 किसानों से 65 करोड़ में खरीदी थी जमीन

बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के निर्माण को लेकर जिले के 1200 किसानों की जमीन अधिगृहीत की गई थी। जिसमें मुआवजे के तौर पर किसानों को करीब 65 करोड़ का भुगतान किया गया है। यूपीडा से बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का निर्माण कराया जा रहा है।

खास बात यह है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के निर्माण से धर्मनगरी चित्रकूट में विकास की रफ्तार निश्चित तौर पर तेजी पकड़ेगी। मौजूदा समय पर यहां के लोगों को दिल्ली आवागमन के लिए सिर्फ दो ही ट्रेनों का सहारा है। ट्रेन से सफर करने में करीब 14 घंटे का समय लग जाता है। जबकि एक्सप्रेस वे से महज सात घंटे में ही लोग सफर कर सकेंगे।

आगरा एक्सप्रेस वे में इटावा के पास जुडेगा

बुंदेलखंड एक्सप्रेस गोंडा भरतकूप(चित्रकूट) से शुरू होकर ताखा इटावा में लखनऊ आगरा एक्सपे्रस वे से मिलेगा। 2021 तक इस बनकर तैयार होना है। बांदा, महोबा होते हुए जालौन में झांसी जिले के बार्डर से होकर औरैया से होकर इटावा के ताखा में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे कुल लागत 14716.26 करोड रूपए है। इसमें सात जिलों की 17 तहसीलों के 182 गांव जुड़ेगे। सीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए 21095 किसानों से 3643.64हेक्टेअर भूमि खरीदने का लक्ष्य रहा है।

इन जिलों से होकर गुजरेगा बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे -

चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, उरई, आरैया और इटावा

इन नदियों से गुजरेगा

केन, बागै, चंदावल, बिरमा, यमुना, श्यामा, बेतवा और सेंगर

इनका भी होगा निर्माण

आरओबी -4

बड़े ब्रिज -14

टॉल प्लाजा -6

रैंप प्लाजा- 7

छोटे पुल -266

फ्लाईओवर -18


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