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Chitrakoot Mela: बिक गए 'सलमान' सात और 'शाहरुख़  खान' दस लाख में, इनकी भी लगी बोली

Chitrakoot Mela: उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी चित्रकूट (Chitrakoot) में हर साल लगने वाले गधे के मेले में दस हजार से लेकर दस लाख तक के गधे बेचे और खरीदे जाते हैं।

Shreedhar Agnihotri
Published on: 5 Nov 2021 7:51 PM IST (Updated on: 5 Nov 2021 8:03 PM IST)
Chitrakoot news Salman sold for seven and Shahrukh Khan for ten lakhs, their bid too
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चित्रकूट मेला: डिजाईन फोटो- सोशल मीडिया   

Chitrakoot Mela: देश और दुनिया के अनूठे गधे के मेले में (donkey fair) आज खूब रौनक रही। पूरे दिन शोर शराबे के साथ सौदेबाजी होती रही है। सलमान खान, (Salman Khan) शाहरुख खान(shahrukh khan) से लेकर रणवीर कपूर (Rnveer kapoor) दीपिका (Deepika Padukon) से लेकर आलिया भट्ट (Aliya Bhatt) तक की बोली लगी।

बता दें कि सलमान खान (Salman Khan) सात लाख में तो शाहरुख खान (Shahrukh Khan) 10 लाख में बिका। जबकि दीपिका को एक खरीदार ने सवा लाख में खरीदा। रितिक रोशन व रणबीर सिंह को भी ठीक ठाक कीमत मिल गई। इन्हें 5-5 लाख रुपये में खरीदा गया।

चित्रकूट में लगता है मेला

जी हां, यहां बात हो रही है यूपी की धार्मिक नगरी चित्रकूट (Chitrakoot) में हर साल लगने वाले गधे मेले की। जो पिछले सौ साल से दीपावली के आसपास लगता आ रहा है। यहां पर पूरे प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश और अन्य सीमावर्ती राज्यों से लोग गधा खरीदने आते हैं। यहां तक कि इन गधों को खरीदने के लिए पड़ोसी देश नेपाल से भी लोग आते हैं।

मेले में दस हजार से लेकर दस लाख तक के गधे बेचे और खरीदे जाते हैं

मंदाकिनी नदी (Mandakini River) के किनारे लगते आ रहे इस मेले में दस हजार से लेकर दस लाख तक के गधे बेचे और खरीदे जाते हैं। अलग-अलग नस्लो और कद काठी के हिसाब से इनकी बोली लगाई जाती है। मजेदार बात यह कि इन गधों के नाम फिल्म स्टार्स और नेताओं के नाम पर रखे जाते हैं।

मुगल बादशाह औरंगजेब ने शुरू किया था ये मेला

आज पूरे दिन चले इस मेले में गधों की अनेक नस्ले देखने को मिली। पूरे दिन लगभग 15 से 20 करोड का व्यापार हुआ। यह मेला दो से चार दिन तक चलता है। यहां के आसपास के लोग बताते हैं कि वह अपने बचपन से इस मेले को देखते चले आ रहे हैं । उनके बुजुर्ग बताते हैं कि इस मेले की शुरुआत मुगल बादशाह औरंगजेब (Badshah Aurangzeb) ने की थी। उन्होंने ही अपनी सेना के बेडे में गधो और घोड़ो को शामिल किया था। तब से यह परम्परा शुरू हो गयी जो लगातार चली आ रही है। अब इस मेले की देखभाल जिला पंचायत चित्रकूट की तरफ से की जाती है।

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Shashi kant gautam

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