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Hamirpur News: न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से मासूमों ने जीती जंग, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हुई मुफ्त सर्जरी
Hamirpur News: मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एके रावत ने बताया कि 11 जन्मजात विकारों सहित शून्य से 18 साल के किशोर-किशोरियों के 44 स्वास्थ्य दशाओं पर आरबीएसके टीम काम करती है। जिले के सभी प्रसव केंद्रों में जन्म लेने वाले नवजातों में किसी किस्म का विकार मिलने पर परीक्षण कराया जाता है।
Hamirpur News: सुमेरपुर ब्लाक (Sumerpur Block) के विदोखर गांव निवासी वृंदावन के घर पुत्री के जन्म से लोगों में खुशी थी। उनकी यह खुशी उस वक्त पीड़ा में बदल गई जब जन्म के कुछ देर बाद ही पता चला कि बच्ची जन्मजात गंभीर बीमारी से ग्रसित है। पारिवारिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह बच्ची का निजी अस्पताल में महंगा इलाज करा पाते, लेकिन जब पता चला कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (National Child Health Program) के तहत बच्ची का नि:शुल्क उपचार हो सकता है तो उनको राहत मिली।
हालांकि मासूम बच्ची को ब्रेन की जटिल सर्जरी से गुजरना पड़ा। एक माह दस दिन तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद बच्ची अब पूरी तरह सामान्य हो चुकी है। परिवार के लोग खुश हैं। यही कहानी मुस्करा ब्लाक के मजदूर हरी सिंह की है। उनके भी दुधमुंहे पुत्र को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट की शिकायत के बाद जटिल सर्जरी से गुजरना पड़ा, लेकिन अब वह भी पूरी तरह से स्वस्थ है।
वृंदावन का कहना है कि 21 जुलाई 2021 को पहली संतान के रूप में बेटी का जन्म हुआ। बेटी के सिर में फोड़े जैसा उभार था। चिकित्सीय भाषा में इसे न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (Neural Tube Defect) नाम की बीमारी कहा जाता है, जो कि गंभीर होती है और बिना सर्जरी के उपचार संभव नहीं है। प्राइवेट नौकरी करके परिवार चलाने वाले वृंदावन के पास इतना पैसा नहीं था कि बच्ची का उपचार प्राइवेट अस्पताल में करा पाते। उन्हें पता चला कि आरबीएसके के तहत बच्ची का मुफ्त उपचार हो सकता है।
इन आरबीएसके की बी टीम ने की मदद
उन्होंने सुमेरपुर ब्लाक (Sumerpur Block) की आरबीएसके की बी टीम से संपर्क किया। टीम के डॉ. दिलीप श्रीवास्तव, आप्टोमैट्रिस्ट नूतन शर्मा, डॉ. पुष्पांजलि वर्मा और स्टाफ नर्स माही बानो ने उनकी मदद की। बच्ची की मेडिकल कॉलेज झांसी (Medical College Jhansi) में ब्रेन की दो सर्जरी हुई। एक माह दस दिन तक बच्ची झांसी में भर्ती रही। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है। सुमेरपुर ब्लाक (Sumerpur Block) की ही आरबीएसके टीम बी (RBSK Team B) के मेडिकल ऑफिसर डॉ.नीरज वर्मा (Medical Officer Dr. Neeraj Verma) की अगुवाई वाली टीम ने सहुरापुर गांव की 11 वर्षीय बच्ची के कटे हुए तालू की बीते माह चार जनवरी को सर्जरी करवाई। लगातार निगरानी और उपचार के बाद से बच्ची बोलने में सक्षम होने लगी है।
आरबीएसके बना सहारा तो मिला नि:शुल्क इलाज
मुस्करा के हरी सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी ने 21 जुलाई 2021 को मुस्करा सीएचसी में पुत्र को जन्म दिया है। उसके गर्दन के पिछले हिस्से में फोड़े जैसा उभार था। हरी सिंह बताते हैं कि वह मजदूरी करके परिवार चलते हैं। इलाज के लिए पैसा नहीं था, लेकिन मुस्करा ब्लाक की आरबीएसके टीम के डॉ.महेंद्र, आप्टोमैट्रिस्ट अखण्ड ज्योति पाण्डेय की मदद से उनके पुत्र अंकित की झांसी मेडिकल कॉलेज में 12 नवंबर 2021 को सफल सर्जरी हुई, जिससे उसकी जान बच गई। बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है।
जन्मजात विकारों को लेकर अलर्ट है आरबीएसके
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एके रावत (Chief Medical Officer Dr. AK Rawat) ने बताया कि 11 जन्मजात विकारों सहित शून्य से 18 साल के किशोर-किशोरियों के 44 स्वास्थ्य दशाओं पर आरबीएसके टीम काम करती है। जिले के सभी प्रसव केंद्रों में जन्म लेने वाले नवजातों में किसी किस्म का विकार मिलने पर परीक्षण कराया जाता है। इसके बाद आरबीएसके के माध्यम से ऐसे बच्चों का नि:शुल्क उपचार कराया जाता है। बांदा में पैर के टेढ़े पंजों, कानपुर के न्यू लीलामणि में कटे होंठ-तालू और झांसी मेडिकल कॉलेज में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट की सर्जरी कराई जाती है।
कटे होंठ-तालू के 10 बच्चों की हुई सर्जरी
आरबीएसके के डीईआईसी मैनेजर गौरीश राज पाल (RBSK DEIC Manager Gaurish Raj Pal) ने बताया कि अप्रैल 2021 से लेकर जनवरी 2022 तक आरबीएसके की टीमों ने जनपद के प्रसव केंद्रों में जन्मजात विकारों के साथ जन्म लेने वाले बच्चों को चिन्हित कर उनके उपचार कराए। इस अवधि में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से ग्रसित दो बच्चों की सफलता पूर्वक सर्जरी करवाई गई। कटे होंठ-तालू के 10 बच्चों में आठ की सर्जरी हो चुकी है। पैर के टेढ़े पंजों के साथ जन्म लेने वाले 11 बच्चे चिन्हित किए गए, जिसमें सात का उपचार हो चुका है। एक मूकबधिर बच्चे का उपचार हुआ है।
फोलिक एसिड और आयरन की कमी से होता है न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट
जिला महिला अस्पताल के नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.आशुतोष निरंजन (Neonatal and Pediatrician Dr.Ashutosh Niranjan) ने बताया कि न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट गंभीर बीमारी है। यह बीमारी गर्भस्थ शिशु में फोलिक एसिड और आयरन की कमी की वजह से होती है। इसलिए गर्भावस्था का पता चलते ही महिलाओं को कम से कम सौ दिनों तक फोलिक एसिड और आयरन की टेबलेट खानी चाहिए और नियमित तौर पर डॉक्टर के संपर्क में रहकर परामर्श लेते रहना चाहिए ताकि जन्म लेने वाले बच्चे न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट जैसी गंभीर बीमारी का शिकार न हो सकें।
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