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Jhansi News: अब कंट्रोल रूम की बजी घंटी तो नपेंगे थानेदार, जानिए पूरी बात

लोगों की सुविधा के लिए DIG ने स्पेशल कंट्रोल रुम बनाने की पहल की है। उन्होंने कहा कि इसे जल्द ही शुरु किया जाएगा।

B.K Kushwaha
Report B.K KushwahaPublished By Ashiki
Published on: 14 July 2021 9:57 PM IST
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यूपी पुलिस (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Jhansi News: परिक्षेत्रीय थानों पर पब्लिक की बात सुनी जा रही है या नहीं, इसकी जानकारी सीधे पुलिस उपमहानिरीक्षक तक पहुंच सकेगी। थाने पर पब्लिक के साथ होने वाले व्यवहार की सूचना भी डीआईजी कैंप आफिस तक पहुंच सकेगी। किस थानेदार की क्या शिकायत हुई है। इसकी जानकारी सिर्फ डीआईजी और पीड़ित को होगी। फरियादियों की सुविधा के लिए डीआईजी ने स्पेशल कंट्रोल रुम बनाने की पहल की है। डीआईजी ने कहा कि फरियादियों की समस्या और गोपनीयता को बनाए रखने के लिए यह व्यवस्था की जा रही है। डीआईजी ने कहा कि इस व्यवस्था को जल्द ही शुरु कर दिया जाएगा।

घर बैठे मिलेगी व्यवस्था

पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि नई व्यवस्था के तहत हर फरियादी की शिकायत पर डीआईजी की सीधी नजर रखेगी। डीआईजी कार्यालय तक गए बिना ही अपनी फरियाद सुनाई जा सकेगी। शिकायतों के सही पाए जाने पर फैसला आन द स्पॉट किए जाने की व्यवस्था भी बनी है। पीड़ित को तत्काल मदद पहुंचाने के साथ-साथ संबंधित थानेदारों के खिलाफ कार्रवाई हो सकेगी।


जनता को मिलेगा यह फायदा

-कोई भी पीड़ित थाने का कितनी बार चक्कर लगा रहा है। इसकी जानकारी डीआईजी को मिलेगी।

-शिकायत सही होने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। लापरवाही मिलने पर संबंधित थानेदार नपेंगे।

-शिकायतकर्ता घर बैठे ही कंट्रोल रुम के हेल्प लाइन नंबर पर शिकायत दर्ज करा सकेंगे।

-डीआईजी से मिलने के लिए किसी व्यक्ति को डीआईजी आफिस तक नहीं जाना होगा।


अपराधी और अपराध की भी दे सकेंगे सूचना

डीआईजी कैंपस के कंट्रोल रुम के जरिए किसी भी क्रिमिनल और मोहल्ले में होने वाले अपराध की सूचना भी दी जा सकेगी। मोहल्ले में अवैध शराब, जुआखाना और तस्करी सहित अन्य तरह की सूचना कोई भी डीआईजी कंट्रोल रुम को देने में सहूलियत मिलेगी। गोपनीय सूचना देने वालों की जानकारी भी गोपनीय रखी जाएगी।

सोशल मीडिया के जरिए कंट्रोल रुम से जुड़ेंगे लोग

डीआईजी ने कहा कि बीट पुलिस कर्मचारियों से ज्यादा जानकारी जनता को होती है। पुलिस कर्मचारियों के डर से लोग ना तो अपनी बात ठीक से कह पाते हैं। न ही गोपनीयता भंग होने के डर से कोई सूचना दे पाते हैं। इसलिए सूचना देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जाएगा। शिकायत करने के लिए व्हाट्सएप नंबर भी जारी किए जाएंगे।

इनका कहना है

फरियादियों की सूचना की मॉनीटरिंग करने के लिए यह व्यवस्था की जा रही है। किसी तरह की गोपनीय सूचना भी पब्लिक कंट्रोल रुम को दे सकेगें। इससे थानेदारों की कार्यप्रणाली की मॉनीटरिंग भी हो सकेगी। जल्द ही व्यवस्था शुरु हो जाएगी।- जोगेन्द्र कुमार सिंह, पुलिस उपमहानिरीक्षक झाँसी परिक्षेत्र

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