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Jhansi Crime News: रेलवे कर्मचारी बिना काम के लेता रहा वेतन, ऐसे हुआ खुलासा

रेलवे विभाग के कर्मचारी बिना काम के लगभग तीन माह तक वेतन लेता रहा। संबंधित कर्मचारी का अटेंडेस उनके सहयोगी बनाया करते थें।

B.K Kushwaha
Report B.K KushwahaPublished By Deepak Raj
Published on: 20 July 2021 4:06 PM GMT (Updated on: 20 July 2021 4:07 PM GMT)
Symbolic picture taken from social media
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प्रतीकात्मक तस्वीर ( फोटो- सोशल मीडिया) 

Jhansi News: मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में स्थित ट्रैक डिपो में रेलवे के पीडब्ल्यूआई स्टोर की पोल खुल गई है। वह तीन माह से घर पर आराम फरमाकर वेतन ले रहे थे। इस मामले को रेलवे अफसरों ने गंभीरता से लिया और तीन अप्रैल, मई और जून माह का वेतन काटने का फरमान जारी कर दिया है। इस कार्रवाई से स्टोर ट्रैक डिपो में हड़कंप मचा हुआ है। यही नहीं, पीडब्ल्यूआई स्टोर के एक ओर साथी पीडब्ल्यूआई ए के शुक्ला पर भी गाज गिरने की संभावना हैं, क्योंकि उन्होंने खुद अपने साथी की उपस्थिति रजिस्टर में अनुपस्थिति की जगह उपस्थिति का पी मार्क करवा रहे हैं।



मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय ( फोटो- सोशल मीडिया)

इस मामले को रेलवे बोर्ड के अफसरों के संज्ञान में लाया गया है। रेलवे के कच्चे पुल के पास ट्रैक डिपो बना हुआ है। यह विभाग इंजीनियरिंग विभाग के अधीन आता है। ट्रैक डिपो स्टोर का इंचार्ज जे एम त्रिपाठी है। बताते हैं कि जब रेलवे अफसर से लेकर कर्मचारी तक कार्यालय में काम करने जाते हैं तो हाजिरी के रजिस्टर में ड्यूटी आने के लिए हस्ताक्षर करवाए जाते हैं। जो कर्मचारी अनुपस्थिति होता है तो उस रजिस्टर पर ए मार्क दर्ज की जाती हैं। जबकि उपस्थिति (पी मार्क) लिखा जाता है।

बताते हैं कि इन्हीं मार्क के आधार पर कर्मचारियों का वेतन मिलता है। पीडब्ल्यूआई स्टोर जे एम त्रिपाठी 15 अप्रैल 2021 तक ड्यूटी करने आए थे। इसके बाद वह ड्यूटी करने नहीं आए। 16 अप्रैल 2021 से लेकर 25 जून 2021 तक लगातार हाजिरी रजिस्टर में उनके अधीनस्थ पीडब्ल्यूआई ए के शुक्ला द्वारा पी मार्क करवा रहे हैं, क्योंकि जे एम त्रिपाठी के अनुपस्थिति में ए के शुक्ला प्रभारी होते हैं। इन्हीं तारीख पर वेतन तथा अन्य भत्ते भी लिए गए हैं।

सूत्र बताते हैं कि मंडल अभियंता (ट्रैक) महावीर प्रसाद कुशवाहा ने ट्रैक डिपो स्टोर में 25 जून 2021 को आकस्मिक छापा मारा। छापे से वहां हड़कंप मच गया। मौके पर रखे हाजिरी रजिस्टर को चेक किया। वहां स्टॉफ से जानकारी ली तो पता चला कि पीडब्ल्यूआई स्टोर जे एम त्रिपाठी 15 अप्रैल 2021 तक आए थे। इसके बाद वह कार्यालय नहीं आए हैं। अफसर ने पी मार्क के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि उनके अधीन कार्यरत ए के शुक्ला खुद ए की जगह पी मार्क लगवा रहे थे। इस पर अफसर ने नाराजगी जताई और जमकर फटकार भी लगाई है।

अफसरों को भेजा पत्र, वेतन काटने के निर्देश

मंडल अभियंता (ट्रैक) महावीर प्रसाद कुशवाहा ने उच्चाधिकारियों को सूचित किया है। बताया गया है कि जे एम त्रिपाठी 16 अप्रैल 2021 से अब तक बिना किसी सूचना के लगातार अनुपस्थित चल रहे हैं। ए के शुक्ला एसएसई द्वारा लगातार उनकी उपस्थिति रजिस्टर में पी मार्क लगाई जा रही है तथा महीना के अंत में जो पे बिल को भेजी जा रही है। उसमें उपस्थिति दर्शाई जा रही हैं। ये एक प्रकार की गंभीर अनुशासनहीनता का उदाहरण है। अफसर ने जे एम त्रिपाठी का वेतन काटने के निर्देश दिए है। इस आदेश की जानकारी लगते ही जे एम त्रिपाठी व ए के शुक्ला के माथ पर पसीने छुटने लगे।

एसएसई जे एम त्रिपाठी के घर पर लगे हैं दो गैंगमैन?

सूत्र बताते हैं कि एसएसई जे एम त्रिपाठी अपने खुद के आवास में निवास करते हैँ। वह सरकारी आवास नहीं लिए हुए हैं। इसके बावजूद तीन साल से उनके घर पर दो गैंगमैन काम कर रहे हैं। इन गैगमैनों को कार्यालय में हाजिरी रजिस्टर में नाम तक अंकित नहीं है। इस मामले को रेलवे अफसरों ने गंभीरता से लिया है। इसकी सूचना रेलवे बोर्ड को भेजी गई है।

पीडब्ल्यूआई स्टोर जे एम त्रिपाठी हो चुके हैं आदी?

सूत्र बताते हैं कि 15 अप्रैल 2021 तक जे एम त्रिपाठी ड्यूटी पर आए थे। इसके बाद वह घर पर आराम फरमा रहे हैं। हाजिरी रजिस्टर में पी मार्क ए के शुक्ला द्वारा लगवाए जा रहे हैं। यह क्रम जून तक चला हैं जबकि वह 14 अप्रैल से लेकर 25 जून तक 2021 तक अनुपस्थित होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि उनके अधीनस्थ द्वारा पी मार्क लगवाया गया है। इसी तरह जे एम त्रिपाठी पिछले वर्ष 21 मार्च 2020 से लेकर 10 अक्तूबर 2020 तक गायब रहे हैं लेकिन पी मार्क उनकी अधीनस्थ द्वारा लगवाई गई हैं। इस मामले को रेलवे अफसरों ने पकड़ा है। इसकी सूचना रेलवे बोर्ड के अफसरों को भेजी जाने की संभावना है। इसको लेकर ट्रैक डिपो के अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है।

Deepak Raj

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