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Jhansi News: साइबर अपराध रोकने के लिए पुलिस की पहल, लोगों को किया जाएगा जागरुक

Jhansi News: यह देखा गया है कि जागरुकता की कमी के कारण आम जन साइबर क्राइम से ग्रसित हो रहा है, साइबर क्राइम से पीड़ित व्यक्ति अपने साथ हुई घटना के सम्बन्ध में शिकायत दर्ज कराने में परेशान हो रहा है।

B.K Kushwaha
Report B.K KushwahaPublished By Shweta
Published on: 17 Sep 2021 4:44 PM GMT
जागरुकता की कमी के कारण बढ़ रहा हैं साइबर क्राइम बोले- नोडल अधिकारी
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जागरुकता की कमी के कारण बढ़ रहा हैं साइबर क्राइम बोले- नोडल अधिकारी

Jhansi News: पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश लखनऊ के निर्देश पर सभी जिलों के थानों पर साइबर क्राइम (cyber crime) से बचाव एवं शिकायत पंजीकरण कराने सम्बन्धी हेल्पलाइन नम्बर की जानकारी के लिए फ्लैक्स बोर्ड लगवाने एवं साइबर नोडल अधिकारी की नियुक्ति के क्रम में दिशा निर्देश जारी किया गया है। अक्सर यह देखा गया है कि जागरुकता की कमी के कारण आम जन साइबर क्राइम से ग्रसित हो रहा है तथा साइबर क्राइम से पीड़ित व्यक्ति अपने साथ हुई घटना के सम्बन्ध में शिकायत दर्ज कराने में परेशान हो रहा है। इस समस्या को देखते हुए पुलिस उपमहानिरीक्षक जोगेन्द्र कुमार द्वारा वरिष्ठ / पुलिस अधीक्षक झांसी, जालौन एवं ललितपुर को अपने-अपने जनपद के प्रत्येक थानों में आवश्यक कार्यवाही कराने हेतु निर्देश दिए गये हैं।

जनपद के प्रत्येक थाने पर साइबर अपराध की रोक सदृश्य स्थान पर एक फ्लैक्स बोर्ड लगवाया जाए जिसमें साइबर क्राइम की रोकथाम सम्बन्धी बिन्दु व पीड़ित व्यक्ति के साथ साइबर अपराध घटित होने के पश्चात उसे क्या कार्यवाही करनी चाहिए अंकित करें। फ्लैक्स बोर्ड में साइबर अपराध दर्ज कराने हेतु साइबर हेल्प लाइन नम्बर 155260, 112, वेबसाइट www.cybercrime.gov.in के प्रयोग के सम्बन्ध में विवरण अंकित किया जाए तथा साइबर अपराधों से बचाव हेतु बैंक की गोपनीय जानकारी जैसे- ओ.टी.पी., सी.वी.वी. नम्बर, बैंक कार्ड नम्बर, इन्टरनेट बैंकिग का आई.डी. एवं पासवर्ड साझा न करने व किसी अज्ञात के कहने पर एनीडेस्क एवं क्यूएस एप्प को डाउनलोड न करने हेतु सचेत करें।

इन बिन्दुओं पर जनता को जागरुक होना पड़ेगा

साइबर वित्तीय धोखाधड़ी की सूचना तत्काल हेल्पलाइन नं0- 155260 / 112 पर दें जिससे धनराशि खाते में होल्ड कराई जा सके, साइबर अपराध , एन.सी.सी.आर.पी. पोर्टल की वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर दर्ज करें, खाते में के.वाई.सी. अपडेट कराने के लिए बैंकों द्वारा कभी भी किसी से व्यक्तिगत जानकारी / ओ.टी.पी. / सी.वी.वी. / पिन नम्बर नही मांगी जाती, किसी के कहने से कोई भी एप्प डाउनलोड न करें, किसी भी वेबसाइट पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से पहले अच्छी तरह जांच लें, ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करने वाली कम्पनियों व सरकारी विभाग / कम्पनियों के कस्टमर केयर का नम्बर आधिकारिक वेबसाइट से ही प्राप्त करें, अज्ञात व्यक्ति / अज्ञात मोबाइल नम्बर द्वारा भेजी गयी लिंक को क्लिक न करें, सरकारी उपक्रम , वेबसाइट या फण्ड की आधिकारिक वेबसाइट से ही वित्तीय लेन-देन करें, किसी से पैसा प्राप्त करते समय अपनी यू.पी.आई.-आई.डी. / पासवर्ड न डालें, पैसा प्राप्त करते समय इसकी कोई आवश्यकता नहीं होती है, वॉलेट अपडेट और के.वाई.सी. नज़दीकी ऑथराइज्ड सेंटर पर जा कर ही कराएं, अपने सोशल एकाउण्ट व बैंक खातों का पासवर्ड स्ट्रांग बनाए , जिसमें नम्बर, अक्षर व चिन्ह तीनो हों साथ ही टू-स्टेप-वेरीफिकेशन लगाए रखें।

सभी थानों में बनेगी साइबर क्राइम टीम: डीआईजी

पुलिस उपमहानिरीक्षक जोगेन्द्र कुमार ने बताया है कि परिक्षेत्र के सभी थानों पर पुलिस महानिदेशक उ0प्र0, लखनऊ के द्वारा साइबर अपराध को नियंत्रण करने हेतु साइबर क्राइम टीम (CCT) बनाये जाने हेतु निर्देशित किया जा चुका है। टीम में नियुक्त मुख्य आरक्षी/आरक्षी को साइबर अपराध से पीड़ित व्यक्ति की सहायता व First Responder के रूप में साइबर नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे । साइबर नोडल अधिकारी द्वारा साइबर अपराध पीड़ित व्यक्ति के थाने आने पर अविलम्ब उसकी समस्या सुनी जाएगी । तत्पश्चात वित्तीय साइबर धोखा-धीड़ी से सम्बन्धित प्रकरणों में साइबर हेल्पलाइन नं0 155260 या पुलिस हेल्पलाइन नं0 112 पर अविलम्ब पीड़ित से फोन कराकर उसकी शिकायत नियमानुसार दर्ज कराने में सहायता की जाएगी। नोडल अधिकारी द्वारा साइबर पीड़ित व्यक्ति की शिकायत ऑनलाइन एन.सी.सी.आर.पी.की वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर भी कराई जाएगी तथा सी.सी.टी.वी. प्रभारी व थाना प्रभारी को सूचित किया जाएगा ।

समय -समय पर बदलते रहें इंटरनेट मीडिया पर अपने पासवर्ड

साइबर अपराधियों से निपटने के लिए यूपी पुलिस ने अब जिले के हर थाने पर पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित करने का अभिान शुरु किया है। बीते रोज जिले के प्रत्येक थाने पर साइबर क्राइम को लेकर ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जूम एप के जरिये डीजीपी मुकुल गोयल व एडीजी साइबर क्राइम रामकुमार और साइबर पीस फाउंडेशन के रचित टंडन सूबे के लिए पुलिस कर्मियों से जुड़े। ऑनलाइन प्रशिक्षण में हर थाने से उपनिरीक्षक, आरक्षी, एक कंप्यूटर ऑपरेटर और महिला हेल्पडेस्क पर तैनात सभी महिला पुलिस कर्मियों ने हिस्सा लिया। साइबर विशेषज्ञों ने बताया कि लूट, डकैती, हत्या से अधिक अब साइबर क्राइम के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में सभी को सचेत रहने की आवश्यकता है। फेसबुक, बाट्सएप जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से अधिक साइबर अपराध हो रहे हैं। डीआईजी जोगेन्द्र कुमार ने बताया कि ऐसे में यूजर्स को जागरुक किया जाना चाहिए कि वह समय-समय पर इंटरनेट मीडिया पर अपने पासवर्ड बदलते रहें। मोबाइल नंबर, जन्मतिथि जैसे क़ॉमन पासवर्ड न रखे जाएं। इसके अतिरिक्कत इंटरनेट मीडिया पर किसी अंजान व्यक्ति से हुई दोस्ती के बाद उसे व्यक्तिगत जानकारियां साझा न की जाएं। वाट्सएप पर किसी अज्ञात नंबर से आई वीडियो कॉल रिसीव करने से बचना चाहिए। ऐसे प्रकरणों में प्राय: देखा गया है कि कॉलर फोन रिसीव करने वाले को झाँसे में लेकर उसका आपत्तिजनक वीडियो बनाकर भयादोहन करते हैं। इसी क्रम में साइबर थाना टीम की ओर से स्कूली छात्र-छात्राओं को साइबर क्राइम के बारे में जागरुक किया जा रहा है।

Shweta

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