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Jhansi Railway Station: रानी ने बोला था, मैं अपनी झाँसी नहीं दूंगी, 133 साल बाद झांसी के गायब होने से भड़का रोष
Jhansi Railway Station : यूपी सरकार ने झाँसी रेलवे स्टेशन का नाम बदल दिया है। अब झाँसी रेलवे स्टेशन वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाएगा।
Jhansi Railway Station New Name: ऐसा नामकरण कैसा? 133 साल बाद अब झाँसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन नाम रख दिया है। इस तरह के नाम पर लोगों ने खुशी तो जाहिर की है मगर झाँसी जैसे नाम गायब कर देने पर लोगों ने काफी नाराजगी जताई हैं। लोगों का कहना है कि रानी ने बोला था कि मैं अपनी झाँसी नहीं दूंगी। इसके बावजूद भाजपा सरकार ने झाँसी का नाम ही गायब कर दिया। वहीं, सरकार के इस कदम का कभी 'आप' ने कड़ा विरोध किया था। कुछ भी कह लीजिए। कोई कितना भी विरोध कर लें। नारे लगा लें। अपने प्रतिरोध और रोष को जगजाहिर कर लें, लेकिन यूपी सरकार द्वारा ऐतिहासिक स्थलों का नामकरण व नए नाम बदलने का सिलसिला जारी हैं। सूबे की योगी सरकार का अपना मानना है कि ऐसा करने से देश की मूल संस्कृति को बहाल करने की दिशा में मार्ग प्रशस्त किया जाएगा। इसी कड़ी में कालांतर में योगी सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐतिहासिक स्थलों के नाम बदलकर अपनी झोली में कभी प्रशंसा तो कभी आलोचनाएं लीं।
वीरांगना लक्ष्मीबाई के नाम से जाना जाएगा
अब इसी कड़ी में खबर है कि यूपी सरकार ने झाँसी रेलवे स्टेशन का नाम बदल दिया है। अब झाँसी रेलवे स्टेशन वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाएगा। विगत दिनों प्रदेश सरकार की तरफ से इस संदर्भ में गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया, जिस पर अब सहमति जताते हुए उक्त रेलवे स्टेशन का नाम परिवर्तित कर दिया है। शायद आपको याद हो कि जब प्रदेश सरकार की तरफ से उक्त रेलवे स्टेशन के नाम बदलने का प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजा गया था, तो आम आदमी पार्टी ने इसका विरोध किया था। आप का कहना था कि प्रदेश सरकार ने विकास से संबंधित कामों पर ध्यान देने के बजाए नाम बदलने जैसी गतिविधियों में जुटकर जनमानस के हितों को तवज्जों नहीं दे रही है। उधर. झाँसी के स्थानीय लोगों ने सरकार के इस पहल का स्वागत किया था। उन्होंने कहा था कि ये अच्छा रहेगा कि अब झाँसी रेलवे स्टेशन प्रख्यात वीरांगना लक्ष्मीबाई के नाम से जाना जाए। वहीं, वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन के नाम पर लोगों ने काफी नाराजगी जताई हैं। लोगों का कहना है कि झाँसी नाम गायब करना झाँसी वासियों के साथ धोखा हैं। लोगों का कहना है कि रानी ने खुद कहा था कि वह अपनी झाँसी नहीं दूंगी, मगर यूपी सरकार ने झाँसी का नाम ही गायब कर दिया हैं। देश व विदेश के लोग रानी झाँसी के नाम से जानते हैं, जब झाँसी जैसा नाम ही गायब हो गया तो लोग भी धीरे-धीरे झाँसी के नाम भी भूल जाएंगे।
लक्ष्मीबाई का इतिहास ही बदल दिया
सिविल लाईन निवासी मृदुला अग्रवाल स्वयंसेविका का कहना है कि वीरांगना लक्ष्मीबाई के नाम से स्टेशन का नाम सुनकर अच्छा तो लगा लेकिन बहुत अच्छा नहीं क्योंकि इससे तो लक्ष्मी बाई की हिस्ट्री ही बदल गई। भविष्य में चलकर हमारी वीरांगना का यह कथन प्रूफ करना मुश्किल होगा कि मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी। भविष्य में यह सवाल खड़ा होगा की झांसी कौन सी जगह थी हमारे तथाकथित राजनीति से ओतप्रोत शिक्षाविद कहने लगेंगे की झांसी कहां थी ओर कहां पर है आदि अनेकों प्रश्न कटघरे में खड़े हो जाएंगे जैसे जन्मदिन के बारे में अनेकों इतिहासकारों के अनेक मत हैं उसी तरह से झांसी के लिए भी हो जाएंगे। अतः सरकार से अनुरोध है स्टेशन के नाम में झांसी का नाम तो रहना ही चाहिए।
133 साल बाद झाँसी स्टेशन को मिला वीरांगना लक्ष्मीबाई का नाम
स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई से लेकर आजादी तक गवा झाँसी रेलवे स्टेशन का नाम 133 साल बाद बदलकर वीरांगना लक्ष्मीबाई कर दिया गया है। बताते हैं कि झाँसी स्टेशन का उद्घाटन एक जनवरी वर्ष 1889 का हुआ था। इंडियन मिडलैंड रेलवे जिसका मुख्यालय झाँसी था। इसके द्वारा झाँसी से कानपुर, ग्वालियर तक लाइन डलवाई गई। सन 1878 से 1881 के मध्य में ग्वालियर आगरा खंड का निर्माण सिंधिया स्टेट ने किया।
झाँसी रेलवे स्टेशन का नाम अब वीरांगना लक्ष्मी बाई के नाम से जाना जायेगा
सांसद अनुराग शर्मा हमेशा झांसीवासियों के मन की बात सुनते हैं और उसे पूरा भी करते हैं इसका एक उदाहरण हाल ही में हम सबके सामने आया हैं। झाँसी वासी लम्बे समय से झाँसी रेलवे स्टेशन का नाम महारानी लक्ष्मीबाई पर करने की मांग कर रहे थे । 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम अंग्रेजों से लोहा लेने वाली वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई ही थी , इनके गौरवशाली इतिहास को देखते हुये एवं पर्यटन की दृष्टि से 19 सितंबर 2019 को झाँसी मण्डल में उत्तर मध्य रेल के झांसी मण्डल के द्वारा सेवित क्षेत्र के संसद सदस्यों के साथ सम्पन्न हुई बैठक में सर्व सम्मति से यह प्रस्ताव पारित हुआ था कि झाँसी स्टेशन का नाम महारानी लक्ष्मी बाई के नाम पर होना चाहिए। इसके सन्दर्भ में सांसद अनुराग शर्मा ने मुख्यमंत्री उ.प्र. सरकार योगी आदित्यनाथ, गृहमंत्री भारत सरकार अमित शाह को पत्र लिख करके झाँसी रेलवे स्टेशन का नाम रानी लक्ष्मी बाई के नाम पर लिखने की मांग की थी। 28 दिसम्बर 2021 को प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन नितिन रमेश गोकर्ण ने अधिसूचना के माध्यम से झाँसी रेलवे स्टेशन का नाम वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन किए जाने की जानकारी दी। झाँसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलना न केवल झाँसीवासियों के लिए बल्कि पूरे बुंदेलखंडवासियों के लिए हर्ष का विषय हैं। इस कार्य के लिए सांसद अनुराग शर्मा ने समस्त संसदीय क्षेत्र की ओर से प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रेलमंत्री, भारत सरकार मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया।
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