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Jhansi News: भिखारियों और आवारा कुत्तों का अड्डा बना झांसी का रेलवे स्टेशन
Jhnasi News: झाँसी इस समय भिखारियों और आवारा कुत्तों का अड्डा बनता जा रहा है। इससे रेलवे स्टेशन की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है।
Jhansi News: झाँसी का रेलवे स्टेशन यात्रियों से कम बल्कि भीख मांगने वालों और आवारा जानवरों से ज्यादा भरा रहता है। जिससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। एक तो उनसे फैली स्टेशन पर गंदगी तो वहीं कुत्तों के कांटने का डर। लेकिन रेलवे प्रशासन इस मामले पर कोई ठोस कदन नहीं उठा रहा है।
बता दें कि देश का महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन झाँसी इस समय आवारा कुत्तों का अड्डा बनता जा रहा है। इससे रेलवे स्टेशन की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। स्टेशन परिसर में जहां देखो भिखारी अपना पक्का अड्डा बनाकर काफी समय से रह रहे हैं। स्टेशन की सुरक्षा के लिए तैनात रेलवे सुरक्षा बल व जीआरपी रेलवे कर्मचारी व अधिकारी रोजाना कई बार स्टेशन परिसर व प्लेटफार्म में चक्कर लगाते हैं। परंतु इन अधिकारियों व कर्मचारियों की नजर इन पर ना पड़ने के कारण स्टेशन के प्रबंधों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है।
प्लेटफार्म को ही बना लिया घर
झाँसी रेलवे स्टेशन पर कुछ प्लेटफार्म महत्वपूर्ण है। इनमें प्लेटफार्म नंबर एक, दो, तीन, चार व पांच शामिल है। इन प्लेटफार्मों पर अनेक जगहों पर अब रेलयात्री की जगह आवारा कुत्ते नजर आते हैं। कुर्सी के नीचे कुत्ते के साथ भिखारी आराम फरमाते हैं। साथ ही उनके पास आवारा कुत्ता बैठा नजर आता है। इसके अलावा यह भी देखने को आई कि कई मानसिक तौर पर कमजोर महिलाएं भी पिछले काफी दिनों से स्टेशन में रह कर ही जीवन व्यतीत कर रही हैं। इसके अलावा छोटे बच्चे भी प्लेटफार्म व स्टेशन परिसर में भीख मांगते हुए दिखाई देते हैं। रात के समय स्टेशन परिसर में काफी संख्या में भिखारियों का जमघट लग जाता है। वह रात स्टेशन में सो जाते हैं और सुबह स्टेशन में गंदगी भरा वातावरण बनाने में लगे रहते हैं।
कुत्तों और आवारा जानवरों से दहशत में मुसाफिर
जरा संभलकर, कुत्ता बैठे हुए हैं। यह आवाज प्लेटफार्म नंबर चार पर बैठी महिला ने कॉफी लेकर जा रही युवती को आगाह करते हुए लगाई। क्योंकि सवाल वाजिब है। युवती के फूड ट्रैक से कॉफी लेकर निकलते ही दो कुत्ते पीछे लग गए। किसी प्रकार से वह यात्री अपनी जान बचाकर भागी।
प्लेटफार्म 3-4 हो या 1-6 लगभग हर प्लेटफार्म पर घूमते कुत्ते अधिकारियों के दावे की पोल खोलने को काफी थे। इसकी वजह से मुसाफिर दहशत में रहते हैं लेकिम समस्या से निजात दिलाने वाला कोई नहीं। यह हाल तब है जब स्टेशन के प्लेटफार्मों पर गंदगी और आवारा जानवरों को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। स्टेशन डायरेक्टर ने सफाई सुपरवाइजरों के साथ बैठक कर साफ कहा था कि अब जानवर या गंदगी दिखा तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह दीगर बात है कि हजार दावों के बाद भी प्लेटफार्म पर यात्रियों की स्थिति बेजार दिखाई देती है।
दो करोड़ का ठेका, दो लाख का बिल पास
रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। प्लेटफार्म नंबर तीन व चार पर रखे सफाई के डिब्बों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। हफ्ते तक डिब्बों में खान-पान की सामग्री पड़ी रहती है। इन डिब्बों के अंदर फैली प्लास्टिक भी काफी पुरानी लगी है। जबकि नियम यह है कि रोजाना प्लास्टिक को बदली जाए मगर ठेकेदार की मनमानी के चलते यह व्यवस्था चरमरा गई है। प्लेटफार्म पर लगे डिब्बों से बदबू तक आ रही है जिससे रेलयात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चर्चा यह है कि ठेका दो करोड़ का हुआ है जबकि बिल हर माह दो लाख पास हो रहा है। इन बिलों की गोपनीय स्तर से जांच होना जरुरी है। इसमें स्टेशन की स्टॉफ की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध नजर आ रही है।