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Ayushman Yojana: आयुष्मान गोल्डन कार्ड धारकों की संख्या में हुआ इजाफा, दो लाख से अधिक लोगों ने बनवाया कार्ड

Ayushman Yojana: आयुष्मान प्रोग्राम के अंतर्गत झांसी में अब तक दो लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान गोल्डन कार्ड बन चुके हैं। गोल्डन कार्ड से लोगों को बड़ी बीमारियों के इलाज़ में भी काफी सहायता प्राप्त हो रही है।

B.K Kushwaha
Report B.K KushwahaPublished By Shashi kant gautam
Published on: 2 Jan 2022 1:20 PM GMT
Ayushman Yojana: Increase in the number of Ayushman Golden Card holders, more than two lakh people got the card made
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झाँसी: दो लाख से अधिक लोगों ने बनवाया आयुष्मान गोल्डन कार्ड:photo - social media 

Jhansi News: बीते साल के अंत एवं नए साल की शुरुआत के साथ आयुष्मान गोल्डन कार्ड (ayushman golden card) बनवाने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। इसके साथ ही हिप (कूल्हा) और नी (घुटना) रिप्लेसमेंट वाले मरीजों को आयुष्मान गोल्डन कार्ड से काफी रहत मिली है।

अब तक दो लाख से अधिक लोगों के बन चुके हैं गोल्डन कार्ड

आयुष्मान प्रोग्राम (ayushman program) के नोडल अधिकारी डॉ. सुमित मिसुरिया (Dr. Sumit Misuria) ने बताया कि जनपद में अभी तक कुल 2 लाख से अधिक लोगों के गोल्डन कार्ड बनाये जा चुके हैं जिससे लोगों को बड़ी बीमारियों के इलाज़ में भी काफी सहायता प्राप्त हो रही है। गत वर्ष आयुष्मान गोल्डन कार्ड के अंतर्गत लगभग 100 हिप और नी रिप्लेसमेंट जैसी बड़ी सर्जरी की गयीं। इसके अतिरिक्त बीमारियों के इलाज के लिए भी लोगों द्वारा आयुष्मान गोल्डन कार्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है।

आयुष्मान गोल्डन कार्ड धारकों की संख्या में हुआ इजाफा

डॉ. सुमित बताते हैं कि पिछले एक माह में गोल्डन कार्ड धारकों की संख्या में लगभग 24 हजार का इजाफा हुआ है। इसके अतिरिक्त वह बताते हैं कि अब तक जनपद में सरकार द्वारा कुल 6758 मरीजों को क्लेम से लाभान्वित किया जा चुका है।

कूल्हा और घुटना प्रतिरोपण वाले मरीजों को गोल्डन कार्ड से मिली बड़ी मदद

जनपद निवासी कैलाश जी बताते हैं कि वह पिछले कई सालों से गठिया की समस्या से ग्रसित थे जिसके चलते उनके पैरों में तकलीफ काफी बढ़ गयी थी। प्राइवेट नौकरी होने की वजह से उतने पैसे नहीं थे कि इसका ऑपरेशन करा पाते तब उन्हें आयुष्मान प्रोग्राम में अपने नाम के बारे में पता लगा। बिना देरी किये घर के निकट लगे कैंप से आयुष्मान कार्ड बनवा लिया। जुलाई 2019 में झाँसी ओर्थोपेडिक अस्पताल में उन्होंने आयुष्मान गोल्डन कार्ड के अंतर्गत नी रिप्लेसमेंट सर्जरी करायी जिससे उन्हें अब काफी आराम है और अब वह बिना दर्द के चल फिर पा रहे हैं।

नी -रिप्लेसमेंट करवाने वाली खोया मंडी झाँसी निवासी शशि देवी अग्रवाल ने बताया अपना अनुभव

इसी तरह खोया मंडी झाँसी निवासी शशि देवी अग्रवाल बताती हैं कि वह भी पिछले 10 सालों से घुटने में दर्द की समस्या से परेशान थीं। डॉक्टर ने उन्हें ऑपरेशन कराने की सलाह दी आयुष्मान कार्ड होने की वजह से बिना किसी अतिरिक्त आर्थिक भार के साल 2019 में वह अपने एक पैर का नी रिप्लेसमेंट (knee replacement) का ऑपरेशन आसानी से करा पायीं जिससे अब उन्हें काफी आराम है। शशि जी बताती हैं कि जल्द ही वह अपने दूसरे पैर का ऑपरेशन भी आयुष्मान गोल्डन कार्ड के अंतर्गत ही कराने का विचार कर रही हैं।

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Shashi kant gautam

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