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Jhansi News: किसने फेंकी पटरी पर घिसने वाली मशीन, झाँसी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पलटाने की कोशिश तो नहीं ?

Jhansi News: कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं ट्रेन पलटाने की कोशिश तो नहीं? संयुक्त टीम ने सफाई करने वाली कंपनी के ठेकेदार को दोषी माना है।

B.K Kushwaha
Report B.K KushwahaPublished By Shashi kant gautam
Published on: 19 Sept 2021 9:44 PM IST
Who threw the machine on the track, did not try to overturn the train at Jhansi railway station?
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झाँसी रेलवे स्टेशन 

Jhansi News: झाँसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 4/5 पर रात्रि 3.25 बजे घिसने वाली मशीन को रेलवे पटरी पर फेंक कर ट्रेन पलटाने की कोशिश की गई है। इस मामले बनी एक टीम ने संयुक्त जांच में सफाई करने वाली कंपनी के ठेकेदार को दोषी मान लिया गया। हालांकि ठेकेदार के बयान जांच कमेटी ने क्यों नहीं लिए हैं। यह एक जांच का विषय बना हुआ है। सूत्र बताते हैं कि जान बूझकर कंपनी का ठेका निरस्त करने के उद्देश्य से घिसने वाली मशीन को रेलवे पटरी पर फेंकी गई हैं।

बताते हैं कि झाँसी रेलवे स्टेशन पर सफाई का ठेका लखनऊ की किंग कंपनी का मिला है। इस कंपनी ने 12 सितंबर से झाँसी रेलवे स्टेशन पर कार्य करना शुरु कर दिया है। इस कंपनी के पहले दूसरी कंपनी का सफाई का ठेका था। इस कंपनी का ठेका निरस्त कर रेलवे बोर्ड ने लखनऊ की किंग कंपनी का दिया है। इस कंपनी के स्टॉफ को काम किए हुए मात्र एक सप्ताह होने जा रहा है। इसी सप्ताह के दौरान झाँसी रेलवे स्टेशन पर एक बड़ी वारदात करने की कोशिश की गई। यह कोशिश किसने की हैं, यह जांच का विष? बना हुआ हैं।

सूत्र कहते हैं कि 16 सितंबर की रात 3.25 मिनट पर प्लेटफार्म नंबर 4/5 पर रेलवे पटरी पर घिसने वाली मशीन को फेंका गया है। इस प्रकार की वारदात से झाँसी रेलवे स्टेशन पर किसी भी समय बड़ी वारदात हो सकती हैं। हो सकता है कि इस तरह की वारदात कोई हार्ड क्रिमिनल भी कर सकता है? यह जांच का विषय बना हुआ है। सूत्र कहते हैं कि उक्त कंपनी को प्लेटफार्म नंबर एक पर ही काम करने का ठेका मिला हैं। इस कंपनी ने प्लेटफार्म नंबर 4/5पर काम करना शुरू ही नहीं किया है।

जांच कमेटी में थे तीन सदस्य

बताते हैं कि घिसने वाली मशीन जब रेलवे पटरी पर पड़ी मिली है तो उसके लिए एक जांच कमेटी बनाई गई। इस कमेटी में आरपीएफ, डिप्टी एसएस कॉर्मिशयल और सीएचआई को रखा गया था। इस टीम ने अपनी जांच पूरी की। जांच में किंग कंपनी के ठेकेदार को दोषी ठहरा दिया, जबकि कंपनी के ठेकेदार के जांच कमेटी ने बयान नहीं लिए हैं और न ही उसे जांच के लिए फोन करके बुलाया गया। कमेटी ने बंद कमरे में अपनी रिपोर्ट तैयार कर कंपनी का मनोबल गिराने का प्रयास किया है।

सीसीटीवी के फुटेज क्यों नहीं लिए गए?

सूत्र बताते हैं कि झाँसी रेलवे स्टेशन पर इतनी बड़ी वारदात हो गई। इसके बावजूद सीसीटीवी के फुटेज क्यों नहीं लिए गए?। बंद कमरे में जांच कर ठेकेदार को दोषी ठहरा दिया, यह भी जांच का विषय बना हुआ है। बताते हैं कि घिसने वाली मशीन प्लेटफार्म नंबर एक पर रखी थी। यह मशीन प्लेटफार्म नंबर 4/5 कैसे पहुंची। इस पर जांच कमेटी ने क्यों ध्यान नहीं दिया है। जबकि सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई देता है कि 16 सितंबर की रात 3.25 मिनट पर घिसने वाली मशीन कैसे पहुंची है। फुटेज से मशीन ले जाने वाले व्यक्ति का चेहरा सामने आ जाता, लेकिन कमेटी ने ऐसा क्यों नहीं किया है?।

झगड़ा है, मजदूर हमारे काम करेंगे

किंग कंपनी के पहले दूसरी कंपनी के लोग काम करते थे। इस कंपनी के मजदूर को दस हजार प्रतिमाह पेंमेंट दिया था मगर किंग कंपनी ने काम करने वाले मजदूर की वेतन सात हजार रुपया रखी है। इसी बात को लेकर झाँसी स्टेशन कार्यरत अफसर नाराज है क्योंकि कंपनी ने अफसरों के पेंट पर लात मारी है। झाँसी रेलवे स्टेशन पर कई सालों से सफाई का ठेका पर काम किया जा रहा है। इस काम से स्टेशन पर तैनात अफसर लाखों रुपया कमा चुके हैं। इसके बावजूद वह अपनी हठदर्मी के चलते रेलवे के राजस्व को चपत लगाने के मूड में नजर आ रहे हैं।

अगर गोपनीय जांच हुई तो नप सकते हैं स्टेशन पर तैनात अफसर

सूत्र बताते हैं कि अगर मंडल रेल प्रबंधक ने उक्त मामले की गोपनीय जांच करवा ली तो स्टेशन पर वर्षों से तैनात अफसर पर गाज गिर सकती हैं। हालांकि उक्त अफसर कोई न कोई बीमारी का बहाना बनाकर वरिष्ठ अफसरों को गुमराह कर रहा है।

नए स्टेशन डायरेक्टर के आने पर स्टेशन पर क्यों हो रही है वारदातें

बताते हैं कि जब से नीरज भटनागर स्टेशन डायरेक्ट बनकर आए हैं। तब से कोई न कोई रेलवे स्टेशन पर वारदात होती आ रही हैं। सबसे पहले झाँसी रेलवे स्टेशन पर स्टॉल संचालकों के मध्य विवाद ने तूल पकड़ लिया था। बाद में आरपीएफ के समझाने पर मामला शांत हो गया था। कुछ समय बीत पाता कि 16 सितंबर की रात प्लेटफार्म नंबर 4/5 के पास रेलवे पटरी पर घिसने वाली मशीन को फेंक दिया।



Shashi kant gautam

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