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यात्रीगण ध्यान दें! इन ट्रेनों में सफर के दौरान रहें सावधान, रेल रुकी तो होगा बहुत बुरा
इंदौर-पटना एक्सप्रेस में लूट के बाद पुष्पक एक्सप्रेस में भी लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया गया...
झाँसी। उरई के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस में लूट का खुलासा अभी हुआ नहीं था की, पारीछा आउटर के पास फिर पुष्पक एक्सप्रेस में लूटपाट की वारदात को अंजाम दे दिया गया। लूटपाट की इस घटना को अंजाम देने के लिए लूटेरों ने ट्रैक में सिक्का फंसाकर ट्रेनों को रोककर की है।लगातार दो दिनों से ट्रेनों में हो रही लूटपाट की वारदातों को लेकर सफर करने वाले रेलयात्री अपने को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। ट्रेनों में हो रही लूटपाट को लेकर सिविल, जीआरपी और आरपीएफ के अफसर भी परेशान नजर आ रहे हैं।
महिला के गले से छीन लिया मंगलसूत्र
बताया जा रहा है कि पुष्पक एक्सप्रेस लखनऊ से चलकर मुंबई की ओर जा रही थी। ट्रेन में माधुरी चौधरी नामक एक महिला भी सवार थी। लाल सिंग्नल पर जैसे ही ट्रेन रुकी, तभी झाड़ियों में छिपे चार-पांच बदमाश ट्रेन में घुस आए और महिला के गले से मंगलसूत्र छीन लिया। वहीं, दूसरे बदमाशों ने दूसरी महिलाओं के गले से सोने की चैन छीनने का प्रयास किया। रेलयात्रियों को शोर मचाने पर ट्रेन में चल रहा जीआरपी स्क्वाएड भी वहां पहुंचा, तब तक बदमाश वहां से रफूचक्कर हो गए। इधर, इंजन से बाहर निकलकर चालक ने देखा, तो ट्रैक पर सिक्का रखा हुआ था, जबकि सिग्नल को कपड़े से बांध दिया था। साथ ही मिट्टी भी लगाई गई थी।
घटना के बाद यात्रियों का हंगामा
इस घटना से आक्रोशित रेलयात्रियों ने हंगामा शुरु कर दिया। जैसे ही ट्रेन स्थानीय रेलवे स्टेशन पर खड़ी हुई, तो GRP व RPF फोर्स ने पीड़ित रेलयात्रियों से बात की। इस मामले में माधुरी चौधरी ने लिखित शिकायत जीआरपी को दी। जीआरपी ने मुकदमा दर्ज कर लिया। लगातार दो दिनों से ट्रेनों में हो रही लूटपाट से जीआरपी और आरपीएफ के अफसरों की नींद हराम हो गई।
आरोपी अपनाते हैं यह ट्रिक
स्टेशन मास्टर के मुताबिक ट्रैक पर सिक्का फंसाकर ट्रेन रोकी गई थी। लुटेरे इसी ट्रिक का इस्तेमाल करते हैं। जानकारों का कहना है कि इलेक्ट्रानिक सिग्नल का चलन बढ़ने के कारण ऐसी कोई भी ट्रिक अब नाकाम रहती हैं। आशंका ये भी जताई जा रही है कि बदमाशों ने वारदात से पहले सिग्नल में कोई ट्रेक्निकल छेड़ की होगी। स्थितियां कुछ भी हों, लेकिन ये स्पष्ट हो चुका है कि वारदात में कोई ऐसा शख्स भी शामिल है, जिसे परिचालन की तकनीक का गहरा ज्ञान है।
ऐसे देते हैं घटना को अंजाम
सूत्र बताते हैं कि आरोपी पहले से ट्रेनों का टाइमिंग पता कर रखते हैं। स्टेशन के बीच ऐसे ट्रैक सर्किट खोज कर रखते है, जहां सिग्नल लगे होते हैं। साथ ही नेट पर विभिन्न एप के जरिए लाइव रनिंग स्टेटस से ट्रेन को ट्रैक करते रहते हैं। ट्रेन के आने से पहले ही अपने द्वारा चुने ट्रैक सर्किट सिग्नलिंग पॉइंट पर खड़े रहते हैं। ट्रैक सर्किट ऑटोमैटिक रेड हो जाता है, ताकि इसके पिछे आने वाली ट्रेन के बीच में गैप मेंटेन रहे।