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Jhansi News: बुन्देलखण्ड के पर्यटन स्थलों को सवाँरने की तैयारी

बुन्देलखण्ड की प्राकृतिक व ऐतिहासिक सम्पदा इतनी समृद्ध है कि यदि इसे व्यवस्थित तरीके से विकसित कर विश्व पटल पर रखा जाये..

B.K Kushwaha
Report B.K KushwahaPublished By Deepak Raj
Published on: 18 Aug 2021 6:20 PM GMT (Updated on: 18 Aug 2021 6:22 PM GMT)
Officer do meeting
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बैठक करते अधिकारी

Jhansi News: बुन्देलखण्ड की प्राकृतिक व ऐतिहासिक सम्पदा इतनी समृद्ध है कि यदि इसे व्यवस्थित तरीके से विकसित कर विश्व पटल पर रखा जाये तो यहाँ पर्यटकों का न सिर्फ आकर्षण बढ़ेगा बल्कि विलुप्त हो रहीं ऐतिहासिक इमारतों को नवजीवन मिलेगा। उक्त बातें बुन्देलखण्ड पर्यटन विकास एवं संरक्षण समिति की बैठक में मण्डलायुक्त झाँसी डा. अजय शंकर पाण्डेय ने कहीं। उन्होंने कहा कि झाँसी मण्डल में अनेक ऐसी ऐतिहासिक स्मारक व रमणीक स्थान है जो किसी भी स्तर से संरक्षित नहीं है, इन स्थानों को स्थानीय व्यक्तियों के सहयोग से संरक्षित कराये जाने की आवश्यकता है।

पुरातत्व अधिकारी ऐसे सभी स्थलों की सूची तत्काल संस्थान को उपलब्ध कराएं

ऐसे स्थानों की भौगौलिक एवं ऐतिहासिक जानकारियों को संकलित कर अलग-अलग प्रस्ताव तैयार कराते हुए वित्तीय स्त्रोतों को खोजने के प्रयास किये जायेंगे ताकि इन स्थानों को संरक्षित कराया जा सके। उन्होंने कहा कि इन सभी स्मारकों को एक ऐसे सूत्र में पिरोया जाये जिससे एक खूबसूरत 'बुन्देली पर्यटन माला' का निर्माण हो सके। बैठक में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के ट्यूरिजम एवं होटल मैनेजमेन्ट संस्थान के प्रोफेसर प्रतीक अग्रवाल ने प्रस्ताव रखा कि शोध छात्रों के माध्यम से चिन्हित स्थलों के ऐतिहासिक महत्व की जानकारियों को संकलित कराया जा सकता है, उक्त पर आयुक्त ने निर्देश दिये कि पुरातत्व अधिकारी ऐसे सभी स्थलों की सूची तत्काल संस्थान को उपलब्ध करायें।

इसी प्रकार ललितपुर जनपद में एक पर्यटन विकास की संभावनाओं पर भी गहन चर्चा की गई, जिसमें बंदरगुड़ा-देवगढ़-चाँदपुर-जहाजपुर-रणछोर धाम-नीलकंठेश्वर नामक एक पर्यटन सर्किट बनाये जाने का प्रस्ताव रखा गया, आयुक्त ने इस पर एक विस्तृत परियोजना प्रस्ताव बनाये जाने हेतु उप निदेशक पर्यटन को निर्देश दिये। अनेक पुरात्तव स्थलों की ऐतिहासिक जानकारियाँ लिपिबद्ध न होने या पांडु लिपियाँ संरक्षित न होने के कारण लुप्त होती जा रही हैं, उक्त पर आयुक्त ने निर्देश दिये हैं कि झाँसी विकास प्राधिकरण के माध्यम से पांडुलिपियों को संरक्षित कराया जाये।

मण्डलायुक्त ने अडॉप्ट हेरिटेज अभियान के अन्तर्गत स्मारकों को गोद लेने के लिए विभिन्न संस्थाओं/संगठनों से अपील की है। इस बैठक का संचालन मंडलीय परियोजना प्रबंधक एन.एच.एम. आनंद चौबे ने किया। बैठक में उपाध्यक्ष-जे.डी.ए., पुरातत्व अधिकारी एसके दुबे, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के डॉ प्रतीक अग्रवाल, उप निदेशक पर्यटन आर.के. रावत, आर.टी.ओ. आर.आर. सोनी, पर्यटन सलाहकार प्रदीप कुमार तिवारी, फिरोज इकबाल, सुनील काविया, डा. संजय, राहुल मिश्रा, इतिहासकार रामप्रकाश गुप्ता, डा. चित्रगुप्त आदि उपस्थित रहे।

यह कार्य किए जाएंगे

पर्यटन शोध छात्रों के सहयोग से इतिहास की जानकारी का संकलन।

ललितपुर जनपद बंदरगुड़ा-देवगढ़-चाँदपुर-जहाजपुर-रणछोर धाम-नीलकंठेश्वर नामक एक पर्यटन सर्किट बनाने की योजना पर कार्य।

बुंदेलखंड (झांसी मंडल) के ऐतिहासिक स्थलों की खोज।

स्थानीय लोगों की सहभागिता से पर्यटन विकास की होगी पहल।

अडॉप्ट हेरिटेज अभियान के अन्तर्गत स्मारकों को गोद लेने का कार्य।

सभी होटलों में बुन्देलखण्ड के पर्यटन स्थलों का जानाकारी का प्रदर्शन।

Deepak Raj

Deepak Raj

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