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Mahoba News: कुतिया का कुआं पूजन, दिल्लगी नहीं ये है पशु प्रेम की अनूठी मिसाल

महोबा जिले में एक कुतिया को बच्चे होने पर उसका सोलह श्रृंगार कर कुआं पूजन कराया गया।

Imran Khan
Published on: 10 Sep 2021 12:33 PM GMT
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कुतिया का कुआं पूजन कराते लोग (फोटो-न्यूजट्रैक)

Mahoba News: महोबा जिले में आज अनोखा नजारा देखने को मिला, जहां एक कुतिया को बच्चे होने पर उसका सोलह श्रृंगार कर कुआं पूजन कर पूरे गांव को भोजन कराया गया। कुआं पूजन की रस्म के दौरान ढोल, भांगड़ा और डीजे की धुन पर ग्रामीणों ने जम कर ठुमके लगाए। कानों में बालियां, पैरों में महावर के साथ सजी धजी गांव के जगभान कुशवाहा की पालतू कुतिया सबके आकर्षण को केंद्र मनी।

पालतू कुतिया को बच्चे होने पर गांव वालों ने इसकी कुआं पूजन की रस्म को धूमधाम से मनाकर अनोखी परंपरा कायम की है। महोबा जिले के अंतर्गत आने वाले सालट गांव में ग्रमीणों ने एक कुतिया का कुआं पूजन बड़ी धूमधाम से किया। आपने अभी तक औरतों के कुआं पूजन देखे होंगे पर महोबा जिले में एक गांव ऐसा भी है जहां पर ग्रामीणों ने एक कुतिया का कुआं पूजन बड़ी धूमधाम से कराया। कुआं पूजन में कुतिया को कानों में बाली पहनाई गयी व पैरों में माहौर लगाया गया। इसके साथ ही इंसानों में जो भी रस्मे होती है वह सारी रस्में हुईं।


इस कुआं पूजन में पूरे गांव के लोगों को भोजन कराया गया। इसके लिए सुबह से ही पकवान बनना चालू हो गए थे, डीजे, भांगड़ा, बैंड पर बच्चों ने व बड़ों ने जमकर ठुमके लगाए। एक तरफ तो लोग जानवरों को मारते है, वहीं दूसरी तरफ सालट गांव के लोगों ने इस कार्यक्रम से सभी का दिल जीत लिया। इस कार्यक्रम के जरिये लोगों को एक संदेश भी दिया गया कि जानवरों को मारना नहीं, बल्कि उनसे प्यार करना चाहिए।

गौरतलब है ​कि हमारी परंपराएं हमें एक दूसरे से बांधे हुए हैं। आधुनिकता की दौर में लोगों ने परंपराओं को हाशिए पर रख दिया। मगर कुछ लोगों में आज भी इंसानियत रह रह कर हिलोरे लेती रहती हैं और इसी का नतीजा है कि इस तरह की नई परंपराएं हमारे सामने आनी लगी हैं। परंपराएं वहीं हैं, केवल तरीका बदल गया है।

Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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