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Russia Ukraine War: यूक्रेन से वापस लौटें दो छात्र, अभी भी कई भारतीय फंसे, परिजन सकुशल वापसी की कर रहे मन्नतें
Russia Ukraine War: यूक्रेन में रूस के हमले के बाद से भारत के तमाम छात्र और नागरिक में यूक्रेन में फंसे हुए हैं। उनकी सलामती और वापसी को लेकर देश मे जगह-जगह प्रार्थनाओं का दौर जारी है।
Mahoba: महोबा जनपद के पनवाड़ी क्षेत्र का एक छात्र जिंदगी और मौत की जंग के बीच यूक्रेन में फंसा हुआ है। छात्र के परिजन उसकी सलामती की ईश्वर से प्रार्थना कर रहे है वहीं दूसरी तरफ दो छात्र ऐसे भी हैं जो सही सलामत अपने घर आ गए हैं और वहां के हालातों को बताते हुए उनके रोंगटे खड़े हो जाते है।
यूक्रेन में रूस के हमले के बाद से भारत के तमाम छात्र और नागरिक में यूक्रेन में फंसे हुए हैं। उनकी सलामती और वापसी को लेकर देश मे जगह-जगह प्रार्थनाओं का दौर जारी है। तो वहीं बुंदेलखंड के महोबा जनपद के पनवाड़ी क्षेत्र के तीन छात्रों में से दो छात्र तरुण सिंह और अंकुश महान सकुशल अपने घर आ चुके हैं। जबकि इसी गांव के प्रधान का पुत्र अभी भी यूक्रेन के बंकर में जिंदगी और मौत के मुहाने पर खड़ा है और घर वापसी को लेकर परेशान हैं।
वतन वापसी की राह देख रहा राज परेशान
मोबाइल पर अपने पिता संजय द्विवेदी, माता अखिलेश और अपने दादा-दादी से बात कर रहा यह यूक्रेन में फंसा राज द्विवेदी है। राज यूक्रेन की राजधानी क्यूप में संचालित बोगोमोलेट्स नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी का छात्र है। राज द्विवेदी पिछले 5 वर्षों से अध्यनरत है लेकिन अचानक यूक्रेन में बिगड़े हालात के बाद से वतन वापसी की राह देख रहा राज परेशान हैं।
वह अपनी परेशानियों को फोन से परिवार को बता रहा है तो उसके माता-पिता भी अपने हौसला दें रहे है। यूक्रेन से लौटे तरुण और अंकुश बताते हैं कि उनके सामने ही हालात बिगड़ने लगे थे ऐसे में तरुण 19 तारीख को वापस आ गया जबकि अंकुश सरकार की पहली फ्लाइट में 22 तारीख को वापस लौटा है।
वह बताता है कि उन्हें इसके लिए उसे महंगा टिकट दिया गया। दोनों छात्र बताते हैं कि अभी भी उनके सहपाठियों से जब बात होती है तो वह बताते है कि वहां के हालात सामान्य नही है जगह जगह बम गिरने की आवाज, बजते सायरन और लोगों में दहशत देखी जा रही है। बड़ी बात यह है कि यहां फंसे छात्रों के लिए खाने की भी कोई बेहतर व्यवस्था नहीं है। बमुश्किल अपनी जिंदगी बचाने के लिए छात्र बंकर में रहने के लिए मजबूर है।
छात्रों द्वारा सरकार की कोशिशों को नाकाफी बताया है और कहा गया कि सरकार ने बड़ी देरी से संज्ञान लिया है सरकार को और जल्दी इसके लिए पहल करनी चाहिए थी। छात्रों ने सरकार से अपील की सरकार वहां तमाम फंसे छात्रों को सकुशल वापस लाने के लिए सार्थक प्रयास करें। यूक्रेन से लौटे छात्रों से हमारे संवाददाता ने खास बातचीत कर यूक्रेन के हालातों के बारे में जाना।
पनवाड़ी के ग्राम प्रधान तिवारी संजय द्विवेदी और उसका परिवार अपने पुत्र राज द्विवेदी की सलामती की प्रार्थना कर रहा है। पुत्र सही सलामत लौटे उसको लेकर उनके परिवार द्वारा प्रधानमंत्री से अपील भी की गई है।
यूक्रेन से घर लौटे छात्र का पिता बोला,जैसे मेरा बेटा सकुशल लौटा है ऐसे ही सभी के बेटे सकुशल लौटें
मेरठ: यूक्रेन मेडिकल की पढ़ाई करने गए मेरठ के आधार रस्तौगी यूक्रेन से अपने घर लौट आए है। मेरठ के आदर्शनगर निवासी आधार रस्तोगी ने एक साल पहले इवानो फ्रेंकविस के नेशनल मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन कराया था।
आधार के पिता विवेक रस्तौगी की आंखों में आज खुशी के आंसू थे। वें बार-बार ईश्वर को धन्यवाद दे रहे हैं कि उनका बेटा आधार रस्तोगी सकुशल घर पहुंच गया है। सीडीए में कार्यरत विवेक रस्तोगी कहते हैं,जिस दिन से रुस- यूक्रेन के बीत तनातनी शुरु हुई थी उसी दिन से उनका दिन का चैन और रातों की नींद उड़ी हुई थी।
बकौल विवेक रस्तौगी,जिस दिन मेरे बेटे ने यह बताया कि रूस के हमले को देखते हुए मेडिकल कॉलेज में ऑफलाइन कक्षाएं बंद कर दी गई। हैं। तो मैने बेटे को तुरंत टिकट बुक करा कर घर आने के लिए कहा। मीडिया से बातचीत में वें ऊपर की तरफ देखते हुए बस इतना कहते हैं कि हे भगवान जैसे मेरा बेटा सकुशल लौटा है ऐसे ही सभी के बेटे सकुशल लौटें।
वहीं रस्तौगी ने बताया कि हमारे निकलते ही यूक्रेन में हमला हुआ। उन्होंने कहा सभी भारतीय छात्र सुरक्षित रहें। रस्तौगी ने कहा कि छात्रों को देश में वापस लाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए।
आधार रस्तोगी का कहना है कि उनके साथ इंडिया के 15 छात्र- छात्राएं यूक्रेन से दिल्ली आए। इसमें से वह अकेले मेरठ के थे। यूक्रेन से नई दिल्ली आने वाली उनकी आखिरी फ्लाइट थी इसके बाद से वहां की फ्लाइट बंद कर दी गई। इसलिए वह अपने आप को भाग्यशाली समझ रहे हैं कि वह सुरक्षित अपने घर आ गए।
आधार रस्तोगी मेडिकल कॉलेज के जिस हॉस्टल में रहते हैं। उनके रूम पार्टनर परीक्षा होने की वजह से नहीं आ पाए हैं। आज सुबह हुई बात में उनके रूम पार्टनर स्नेहाशीष ने बताया की हॉस्टल से 400 मीटर की दूरी पर बम गिरा है। बकौल,आधार रस्तोगी उनके हॉस्टल में मौजूद अलग-अलग देशों के छात्र काफी भयभीत हैं। वह इस संघर्ष को रोकने के लिए ऊपर वाले से प्रार्थना कर रहे हैं।
बता दें कि यूक्रेन के लवीव शहर में मेरठ मंडल के 300 से अधिक छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें से कुछ ही छात्र वापस लौट सके हैं। मेरठ के रक्षापुरम निवासी मनोज कुमार भी उन भाग्यशाली अभिभावकों में शामिल हैं। मनोज कुमार का बेटा भी यूक्रेन में मेडिकल तृतीय वर्ष का छात्र है।
मनोज कुमार कहते हैं, रुस और यूक्रेन की खबरों को देखते हुए मैने एक सप्ताह पहले ही अपने बेटे का टिकट बुक करवा कर उसे वापस बुलवा लिया था। मनोज कुमार के अनुसार उनके बेटे ने बताया कि अभी भी उसके कई सहपाठी हॉस्टल और फ्लैट में बंद हैं। इन छात्रों ने भारतीय दूतावास के साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय को मेल कर भारत वापसी के लिए गुहार लगाई है।
उधर उम्मीद बताया जा रहा है कि जल्द ही पोलैंड से चार्टर्ड फ्लाइट भारत के लिए रवाना होगी।बताया गया कि छात्र-छात्राएं यूनिवर्सिटी की ओर से सुरक्षित मार्ग से बस द्वारा पोलैंड हवाई अड्डे तक पहुंचेंगे। वहीं इस खबर से तनाव झेल रहे अभिभावकों ने राहत की सांस ली है।
Kanpur Dehat: कानपुर देहात यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे वर्ल्ड वार में फंसे भारतीय नागरिकों में की चिंताएं बढ़ी। जिसके चलते वहां पर पढ़ रहे एमबीबीएस के छात्र छात्राएं यूक्रेन में बने बाकरो में रहने को मजबूर हैं।
अब दोनों देशों के बीच युद्ध अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज इस युद्ध को तीसरा दिन हो चुका है। वहां पर भारतीय छात्र छात्राओं को यूक्रेन की सरकार के द्वारा सेफ रहने की सलाह दी गई है।
वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति के द्वारा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करके युद्ध बंद कराने का आग्रह किया गया है। इसके बाद अब यूक्रेन में फंसे छात्र-छात्राएं यूक्रेन से सोशल मीडिया वीडियो बनाकर सोशल साइट पर पोस्ट कर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से छात्र छात्राओं को सेफ सुरक्षित यूक्रेन से निकालकर हिंदुस्तान लाने की गुहार लगा रहे हैं।
सिकंदरा की रहने वाली जानवी कटियार (Janvi Katiyar, a resident of Sikandra) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है। 1 मिनट के वीडियो में जानवी कटियार ने जो समस्याएं जानवी और उनके साथियों को आ रही हैं उन से अवगत कराते हुए कहा है कि यूक्रेन में वह लोग बॉर्डर के नजदीक में फंसे हुए हैं।
लेकिन दिक्कत यह है कि उनके पास खाने-पीने का राशन अब खत्म होने वाला है और उन्हें यह डर भी है कि उनके साथ कहीं किसी प्रकार की अनहोनी ना हो जाए। जिसको लेकर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मदद की गुहार लगा रही हैं।
अब देखना यह है कि इन परिस्थितियों को देखकर भारत सरकार इन भारतीय छात्र छात्राओं को सुरक्षित निकालने के लिए कितने जल्दी युद्ध की आग में सुलग रहे यूक्रेन से सुरक्षित हिंदुस्तान उनके घर पहुंचाने का काम करती है।
कोईथर गांव का रहने वाला मेडिकल छात्र यूक्रेन में फंसा, परिजन बेहाल
उन्नाव। उन्नाव शहर के दही थाना क्षेत्र के कोईथर गांव के रहने वाले जगन्नाथ वर्मा (Jagannath Verma, a resident of Koithar village) का बेटा कुलदीप यूक्रेन में डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए गया हुआ था। परिजनों के मुताबिक वहां के एयरपोर्ट पर रूसी सैनिकों का कब्जा हो गया हे। जिसके चलते बेटा वतन वापसी के लिए परेशान है।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच यूक्रेन में पढ़ाई करने गया बेटा कुलदीप भी फंस गया है। जिसको लेकर परिवार का रो रो कर बेहाल है। पिता जगदीश वर्मा के मुताबिक बेटे की पढ़ाई का चौथा साल चल रहा है। कुलदीप जनवरी 2021 में अपने गांव आया था और अगस्त में पढ़ाई की वजह से यूक्रेन वापस चला गया था।
पिता किसानी के साथ गांव में दवाखाना चलाते है। बड़ा भाई जगदीश भी गांव में दवाखाना चलते है। बेटे के यूके्रन में फंसे होने से मां धन्नो रो रोकर बेहाल है। पिता जगन्नाथ ने बताया कि बेटे के वापस भारत आने के लिए सांसद साक्षी महाराज से कहा गया है।