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LDA की आवास योजना को नहीं मिल रहे खरीदार, ये हैं कारण

एलडीए 3 जनवरी से ने 3281 फ्लैट देने के लिए नई स्कीम शुरू की है। इसके फॉर्म ऑनलाइन भी भरे जा रहे हैं और ऑफलाइन भी उपलब्ध हैं। लेकिन विज्ञापन निकलने के 20 दिन बाद भी इस योजना के लिए खरीदारों का टोटा ही दिख रहा है। इनमे सैकड़ों फ्लैट पहले आओ पहले पाओ के आधार पर भी उपलब्ध हैं, लेकिन लोगों की कम रुचि को देखकर एलडीए अधिकारीयों को मायूस होना पड़ रहा है।

priyankajoshi
Published on: 20 Jan 2018 4:06 PM IST
LDA की आवास योजना को नहीं मिल रहे खरीदार, ये हैं कारण
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लखनऊ: एलडीए 3 जनवरी से ने 3281 फ्लैट देने के लिए नई स्कीम शुरू की है। इसके फॉर्म ऑनलाइन भी भरे जा रहे हैं और ऑफलाइन भी उपलब्ध हैं। लेकिन विज्ञापन निकलने के 20 दिन बाद भी इस योजना के लिए खरीदारों का टोटा ही दिख रहा है।

इनमे सैकड़ों फ्लैट पहले आओ पहले पाओ के आधार पर भी उपलब्ध हैं, लेकिन लोगों की कम रुचि को देखकर एलडीए अधिकारीयों को मायूस होना पड़ रहा है।

2 हजार लोगों ने किया आवेदन

जानकारी के अनुसार, 20 जनवरी तक करीब 2 हजार लोगों ने ही इस योजना के लिए आवेदन किया है। यही हाल ऑफलाइन का भी है और लगभग 600 लोगों ने बैंकों से फॉर्म लिए हैं। इसमें भी ज्यादातर लोगों ने एलडीए की फीस अभी जमा नहीं की है।

एलडीए ने जताई आशा

एलडीए के एक अधिकारी ने बताया कि यह बहुत ही कम होता है कि एलडीए की योजना को इतना ठंडा रिस्पॉन्स मिले लेकिन इस बार ऐसा हो रहा है। इसके पीछे का कारण बताते हुए वे कहते हैं पहले आओ पहले पाओ श्रेणी के मकानों की कीमत ज्यादा होने की वजह से खरीदार कम मिल रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की इसकी अंतिम डेट 5 फरवरी है और उससे पहले लोग जरूर आवेदन करेंगे।

इसलिए हो रहा क्रेज कम

सूत्रों की मानें तो एलडीए से मिलने वाले फ्लैट की गुणवत्ता के बारे में लोगों को भ्रम है और निजी बिल्डर तरह-तरह से विज्ञापन करते हैं, जिससे लोग निजी बिल्डरों से फ्लैट लेना ज्यादा आसान समझते हैं। एलडीए की योजना में फ्लैट मिलने में होने वाली देरी भी इसका एक कारण है। हालांकि अधिकारीयों ने बताया कि एलडीए की सस्ती योजनाएं कामयाब होती हैं और खूब खरीदार मिलते हैं जबकि महंगे फ्लैट के खरीदार कम ही मिलते हैं.



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priyankajoshi

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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