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मालिकाना हक को लेकर गार्डिनिया बिल्डर के खिलाफ बायर्स ने खोला मोर्चा
गार्डिनिया इंडिया लिमिटेड बिल्डर के खिलाफ अपने हक की लड़ाई के लिए रविवार (14 जनवरी) को बायर्स ने सेक्टर-75 स्थित गार्डिनिया के स्पेक्ट्रम कमर्शियल प्रोजेक्ट के सामने प्रदर्शन किया। बायर्स ने बिल्डर विरोधी नारेबाजी की इसके बाद जुलूस निकाला।
नोएडा: गार्डिनिया इंडिया लिमिटेड बिल्डर के खिलाफ अपने हक की लड़ाई के लिए रविवार (14 जनवरी) को बायर्स ने सेक्टर-75 स्थित गार्डिनिया के स्पेक्ट्रम कमर्शियल प्रोजेक्ट के सामने प्रदर्शन किया। बायर्स ने बिल्डर विरोधी नारेबाजी की इसके बाद जुलूस निकाला।
प्रदर्शन को देख बिल्डर ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। बावजूद इसके बायर्स शांत नहीं हुए। बायर्स ने स्पष्ट कहा कि प्राधिकरण और यूपी सरकार कोई भी हमारी मदद को आगे नहीं आ रहा। आलम यह है कि अभी तक बिल्डर मालिकों ने आवास विकास परिषद में पैसा जमा नहीं किया। जिससे हमारी फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं हो रही है।
दरअसल, यहां प्रदर्शन करने वाले बायर्स वसुंधरा गाजियाबाद के है। जिन्होंने गार्डिनिया के नोएडा स्थित प्रोजेक्ट पर प्रदर्शन किया।
बायर्स ने लगाया आरोप
बायर्स ने आरोप लगाया कि बिल्डर प्रबंधन बता रहा है कि उसका कॉरपोरेशन बैंक का 12 करोड़ बकाया है। लेकिन असल में बैंक का 32 करोड़ बकाया है। गार्डिनिया ग्लैमर प्रोजेक्ट पर लगभग 100 करोड़ की देनदारी है। बायर्स का वह पूरा पैसा बिल्डर ने स्पेक्ट्रम कमर्शियल सेक्टर- 75 नोएडा में लगा दिया है इससे लोग बहुत उत्तेजित और नाराज हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी, आवास एवं विकास परिषद् में भी शिकायत की है। लेकिन बिल्डर, बैंक और अथॉरिटी की मिली भगत होने के कारण बॉयर्स कोई मदद मिलती प्रतीत नहीं हो रही।
64 करोड़ बकाया
बताते चले कि फ्युटेक शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जिसके निदेशक संजीव शर्मा और मनोज राय हैं, को आवास एवं विकास परिषद से बहुमंजिला इमारत बनाने के लिए भूखंड अलॉट हुआ। उस पर गार्डिनिया इंडिया लिमिटेड, जिसमें अभी दोनों संजीव शर्मा और मनोज राय निदेशकों ने निर्माण शुरू किया। फ्लैट्स दिसंबर 2012 तक ग्राहकों को रहने के लिए दे दिए जाने थे। लेकिन बिल्डर समय पर प्रोजेक्ट पूरा नहीं कर पाया। चार साल बाद पजेशन दिया गया। बायर्स ने सूचना के अधिकार के अंतर्गत आवास एवं विकास परिषद से जानकारी एकत्र की है कि फ्युटेक शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड पर आवास एवं विकास परिषद की 64 करोड़ बकाया है। यह राशि बिल्डर नहीं जमा कर रहा है। ऐसे में प्लाट का रजिस्ट्रेशन बिल्डर के पक्ष में आवास एवं विकास परिषद के द्वारा हस्तानांतरण नहीं हुआ है। इसकी वजह से फ्लैटस की रजिस्ट्री नहीं हो सकी है।
प्रिमिया समूह के खिलाफ प्रदर्शन
प्रिमिया समूह के मालिक की दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही दर्जनों बायर्स सेक्टर-27 स्थित जिला अधिकारी कार्यालय पर एकत्रित हो गए। यहां उन्होंने जमकर नारेबाजी करते हुए अपना डूबा हुआ पैसा वापस करने की मांग की।
आंदोलन करने की तैयारी
बताते चले कि प्रिमिया समूह पर कोतवाली सेक्टर-20 में दर्जनों मुकदमे दर्ज है। नोएडा पुलिस को भी समूह के मालिक की तलाश थी। बताया गया कि समूह ने सेक्टर-9 और 62 में कार्यालय खोलकर बायर्स को ठगा। उसने व्यवसायिक दुकाने एलाट करने के नाम पर लोगों से लाखों रुपए एठ लिए। इसके बाद से वह फरार था। फिलहाल बायर्स को उनका पैसा चाहिए। इसके लिए वह सड़क पर उतरकर आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं।