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अब यूपी में टीचर भर्ती के लिए देश भर से कर सकते हैं आवेदन

Rishi
Published on: 6 Feb 2018 10:14 PM IST
अब यूपी में टीचर भर्ती के लिए देश भर से कर सकते हैं आवेदन
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लखनऊ : योगी सरकार गांव में रोजगार व स्वरोजगार की बेहतरी के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग विकास एवं सतत स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति लेकर आई है। कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गई। राज्य सरकार के प्रवक्ता प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया की राज्य की जीडीपी में ग्रामीण उद्योगों का बहुत बड़ा योगदान है। इस नीति के तहत एक लाख रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे सभी उत्पादकों का डाटा बैंक बनेगा। ऑनलाइन मार्केटिंग का पोर्टल बनेगा। उद्यमियों को लोन पर 5 साल तक 5% ब्याज की छूट दी जाएगी। अब तक किसी भी राज्य ने इस तरह की नीति नहीं बनाई है। ऐसी पालिसी बनाने वाला यूपी पहला राज्य है। एक जनपद, एक उत्पाद योजना को जन सामान्य तक पहुंचाने के लिए यह नीति लायी गई है।

रूरल बैकयार्ड पोल्ट्री डेवलपमेंट योजना: SECC-2011 के बीपीएल परिवारों को भी लाभ

कैबिनेट ने नेशनल लाइवस्टॉक मिशन के तहत रूरल बैकयार्ड पोल्ट्री डेवलपमेंट प्रोग्राम योजना के लिए निकाली गई गाइडलाइन के संशोधन को भी मंजूरी दी है। मुख्य रूप से इसमें दो संशोधन किए गए हैं। पहले संशोधन के मुताबिक यूपी में 251 मदर यूनिट बननी हैं। एक यूनिट में 300 बीपीएल लाभार्थियों को लाभ मिलना है। इस गाइडलाइन को सन 2016—17 की कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई थी। इसके मुताबिक इसमें सिर्फ बीपीएल परिवारों को ही शामिल करना था। पर इंटरनेट पर जो सूची उपलब्ध है। वह 15 साल पुरानी है। इससे लाभार्थियों के चयन में दिक्कत हो रही थी। इसको देखते हुए सरकार ने सन 2011 के SOCIO ECONOMIC CASTE CENSUS (SECC—2011) की सूची में उपलब्ध बीपीएल परिवारों को भी लाभ दिए जाने का प्रस्ताव भी कैबिनेट की बैठक में पेश किया गया। यानि की अब सन 2002 के डाटा के साथ 2011 के SECC के डाटा को भी जोड़ दिया जाएगा। दूसरे संशोधन में विकसित शहरों जैसे गाजियाबाद गौतम बुद्ध नगर और बागपत में लगने वाली 10—10 मदर यूनिटों की संख्या को कम किया गया है। अब गाजियाबाद में एक भी मदर यूनिट नहीं लगेगी जबकि गौतम बुद्ध नगर में तीन और बागपत में पांच मदर यूनिट लगाई जाएंगी बाकी बची मदर यूनिटों को दूसरे शहर में लगाया जाएगा।

मनोरंजन कर विभाग के कर्मी वाणिज्यकर विभाग में नियुक्त होंगे

यूपी के मनोरंजन कर विभाग के कर्मियों को उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर अधिनियम 2017 के तहत वाणिज्य कर विभाग में नियुक्त किए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।

सैन्य पेंशनरों की बढ़ी पेंशन राशि को हरी झंडी

कैबिनेट की बैठक में सेवानिवृत्त सैन्य पेंशनर को राज्य सरकार के सिविल पदों पर नियोजित किया जाता है। अब उनके वेतन निर्धारण और पेंशन की राशि को लेकर एक संशोधन का प्रस्ताव बैठक में रखा गया था। जिसे कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। छठें पे कमीशन के मुताबिक रिटायर सैनिकों की पेंशन राशि 4000 रूपये थी। एक मई 2017 को जब सातवां पे कमीशन प्रभाव में आया। तब पेंशन की यही राशि 4000 से बढ़कर 15000 रूपये हो गई। पेश किए गए प्रस्ताव में कैबिनेट ने इसी संशोधन को मंजूरी दी है। यह व्यवस्था एक जनवरी 2016 से लागू होगी।

यूपी में अब तक 98 लाख स्वेटर बंटे

कैबिनेट की बैठक में यूपी के बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को दिए जाने वाले निशुल्क स्वेटर से जुड़े प्रस्ताव रखे गए थे। अनुपूरक बजट में स्वेटर के लिए 390 करोड़ का प्रावधान रखा गया था। कैबिनेट मंत्री डा सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि अब तक 98 लाख स्वेटर बंट चुके हैं।

यूपी में टीचर भर्ती के लिए देश भर से कर सकते हैं आवेदन

अब तक यूपी के परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति होती थी जिनकी डिग्री प्रदेश के मान्यता प्राप्त संस्थानों से अनुमन्य होती थी पर अब ऐसा नहीं होगा अब पूरे देश भर से कोई भी यूपी के रिक्त शिक्षकों के पद के लिए आवेदन कर सकता है अब राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटी) से प्रशिक्षण अर्हता भी मान्य होगी। साफ है कि यूपी में किसी भी राज्य का व्यक्ति टीचर की नौकरी के लिए आवेदन कर सकता है।

आबकारी में ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम लागू होगा

प्रदेश में मदिरा की तस्करी रोकने और राजस्व में बढोत्तरी के लिए सन 2000—2001 में हर मदिरा बोतल पर होलोग्राम लगाने का प्रावधान किया गया था। कैबिनेट की बैठक में होलोग्राम लगाने के प्रावधान को निरस्त किया गया है। इसकी जगह अब ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम लागू होगी। सरकार का मानना है कि इससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी। यह व्यवस्था पहले से ही पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य में लागू है।

निर्माण कामों के लिए खनन के पट्टो के साथ जरूरी मिट्टी की भी मंजूरी

कैबिनेट बैठक में निर्माण कामों से जुड़ी मिट्टी के खनन व परिवहन नीति को मंजूरी दे दी गई है। इसके पहले सरकार ने कहा था कि काम करने वाली जितनी पीएसयू है उनको माइनिंग के पट्टे दे दी जाए ताकि उन्हें निर्माण काम में दिक्कत ना हो पर सबसे ज्यादा अड़चन मिट्टी के कामो की वजह से आ रही थी। इस समय प्रदेश में निर्माण से जुड़े तमाम काम चल रहे हैं जैसे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, PWD आदि के काम है। इनके लिए पहले चरण में मिट्टी की जरूरत पड़ती है अब व्यवस्था की गई है यह संस्थाएं अपना डीपीआर बनाते समय DM को अपनी आवश्यकता बताएंगे प्रस्ताव में वाहनों की डिटेल भी दी जाएगी। उन्हें एक साथ सभी तरह के जरूरतों के लिए अप्रूवल मिल जाएगा।

किसानों के नुकसान की भरपाई करेगी योगी सरकार

अब तक किसानों के 15 से 25% फसलों का नुकसान तमाम तरह के रोग और कीटो की वजह से होता है इसके लिए योगी सरकार एक नई नीति लेकर आई है इसके तहत बायो पेस्टीसाइड, कृषि रक्षा यंत्र और कृषि रक्षा रसायनों पर सब्सिडी की व्यवस्था की गई है इसमें कुल 155.90 करोड़ का खर्चा आएगा।

उद्यमियों को सहूलियत के लिए राजस्व संहिता में संशोधन

योगी सरकार ने उद्यमियों की सहूलियत के लिए राजस्व संहिता में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। जैसे यदि किसी जमीन का अधिग्रहण किया जाता था और उनके बीच में कोई सार्वजनिक जमीन आ जाती थी तो उसके अधिग्रहण में परेशानी का सामना करना पड़ता था। इसके अलावा जमीन के अधिग्रहण से जुड़े अन्य मसलो की वजह से कामों में देरी होती थी। संहिता में संशोधन करके ऐसे प्रकरणों को सरल बनाने की कोशिश की गई है। इसके अलावा संहिता में एक नया प्रावधान लाया गया है इसके मुताबिक अविवाहित पुत्री को भी अपने परिवार में संपत्ति का हक मिल सकेगा।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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