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Ghaziabad: CAG रिपोर्ट में खुलासा, पहले वास्तुशिल्पी को किया भुगतान...फिर योजना हुई बंद
Ghaziabad News: CAG ने रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे किए। रिपोर्ट में सामने आया है कि पहले ही वास्तुशिल्पी को 20.13 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया। बाद में योजना बंद हो गई।
Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास निगम यानी यूपीसीडा (UPSIDA) ने बाधा मुक्त जमीन और उचित मांग के निर्धारण के अभाव में इंटीग्रेटेड मिनी टाउनशिप (Integrated Mini Township) और बहुमंजिला आवासीय परिसर की वास्तु सेवाओं (Architectural Services) के लिए 20.13 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। इतना ही नहीं भवन बनाने की योजना ख़ारिज कर दी गई। इस प्रकार ये मोटी रकम यूं ही व्यर्थ चला गया। ये खुलासा CAG की रिपोर्ट में हुआ है।
गाजियाबाद की ट्रॉनिका सिटी (Tronica City) के लिए यूपीसीडा ने वास्तुशिल्पी सेवाओं पर 20.13 करोड़ रुपए फालतू में खर्च कर दिए। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की जांच में सामने आया कि 2015 में टाउनशिप की डिजाइन बनाने के लिए वास्तुशिल्पी फर्म को 3.92 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। मगर, अचानक ही बिना कारण इसे रोक दिया गया। इसी तरह बहुमंजिला आवासीय परिसर निर्माण के लिए वास्तुशिल्पी फर्म को 16.21 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया।
CAG ने रिपोर्ट में क्या कहा?
CAG ने जांच में पाया कि, दिसंबर 2021 तक परिसर का निर्माण शुरू नहीं हुआ। क्योंकि, टाउनशिप के लिए भूमि का अधिग्रहण तो किया गया, लेकिन अधिकारी किसानों से जमीन का कब्ज़ा नहीं ले सके। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, कि सार्वजनिक धन को खर्च किए जाने में उतनी ही सर्तकता बरतने की जरूरत है जितना एक सामान्य विवेक वाला व्यक्ति अपने पैसे के संबंध में करता है। CAG ने ये भी कहा, बिना विवाद के जमीन उपलब्ध होने पर ही कार्य मंजूर होना चाहिए था। आपको बता दें ये मामला गाजियाबाद के ट्रोनिक सिटी में दो परियोजनाओं से जुड़ा है।
वास्तुशिल्पी को टाउनशिप की डिजाइन के लिए पहले ही 3.92 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया था। बाद में इस योजना को रोक दिया गया। इसी तरह, हाउसिंग सोसायटी के लिए 16.21 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। हद तो ये है कि मांग का आंकलन किए बिना दो परियोजनाओं का कोई सर्वे नहीं किया गया।