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प्रदेश अध्यक्ष पर तथ्यहीन मुकदमा हुआ दर्ज: कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल
पहले तो अधिकारियों ने अजय कुमार लल्लू से लगातार झूठ बोला लेकिन बाद में बिना कोई कारण बताये बीती 19 मई को प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष के साथ प्रदीप माथुर तथा विवेक बंसल को अमानवीय और असम्मान ढंग से गिरफ्तार कर लिया गया।
लखनऊ। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की गिरफ्तारी के विरोध में यूपी कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मिला और उनसे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ तथ्यहीन मुकदमा दर्ज करा कर गिरफ्तार किए जाने के संबंध में बताया।
प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ दर्ज किया गया मुकदमा तत्काल वापस लिया जाए और उन्हें ससम्मान रिहा किया जाए तथा उन अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए, जिन्होंने आगरा में और लखनऊ में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को अमानवीय व असम्मान ढंग से गिरफ्तार और प्रताड़ित किया। राज्यपाल ने कांग्रेस प्रतिनिधि मण्डल को मामले पर गंभीरतापूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।
राज्यपाल से मिलने पहुंचे कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मिलने बुधवार सुबह पहुंचे कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने उन्हे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की अमानवीय व असम्मानित ढंग से की गयी गिरफ्तारी और उनको आगरा तथा लखनऊ में अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित करने व जिला कारागार लखनऊ मे निरुद्ध करने की स्थिति से अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल में कांगे्रस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी, एमएलसी नसीमुद्दीन सिद्दीकी, नेता कांग्रेस विधान परिषद दल दीपक सिंह, विधायक सोहिल अंसारी, पूर्व मंत्री आरके. चैधरी, प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेन्द्र चैधरी तथा यूपी कांग्रेस के प्रशासन प्रभारी अनूप गुप्ता, शामिल थे।
आपको बता दे कि इससे पूर्व नेता कांग्रेस विधानमंडल दल आराधना मिश्रा ने बीते सोमवार को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को एक पत्र भी लिखा था। जिसमे उन्होंने कहा कि जब कांगे्रस महासचिव प्रियंका गांधी ने 1000 बसों को नोएडा और गाजियाबाद से चलाने के लिए बीती 16 मई को मुख्यमन्त्री को पत्र लिखा था तो मुख्यमन्त्री कार्यालय द्वारा उसे स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद आगरा- राजस्थान सीमा पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को उन बसों को यूपी के अधिकारियों को सौंपने के लिये कहा गया।
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मजिस्ट्रेट के सामने किया पेश
उन्होंने लिखा है कि पहले तो अधिकारियों ने अजय कुमार लल्लू से लगातार झूठ बोला लेकिन बाद में बिना कोई कारण बताये बीती 19 मई को प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष के साथ प्रदीप माथुर तथा विवेक बंसल को अमानवीय और असम्मान ढंग से गिरफ्तार कर लिया गया। अगले दिन उन्हें न्यायालय के सामने समय से पेश नहीं किया गया, और लखनऊ से पुलिस आने का इंतजार किया गया।
तथ्यों से परे उन पर दफायें लगायी गयी थी अतः जैसे ही उन्हें आगरा से जमानत मिली, लखनऊ से गई पुलिस बलपूर्वक अमानवीय ढंग से रात में ही उन्हें लखनऊ ले आयी, और सबकी नजरों से बचाकर उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और सिचांई विभाग के गेस्ट हाउस लाया गया, उन्हें वकील से भी नहीं मिलने दिया। दूसरे दिन उन्हें लखनऊ जेल भेज दिया गया, जहां उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है, किसी ने मिलने नहीं दिया जा रहा है।
गिरफ्तारी के ऊपर की बात
आराधना मिश्रा ने पत्र में कहा कि कांगे्रस प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ अगर कोई मुकदमा दर्ज था तो उन्हें अवसर दिया जाना चाहिए था कि वे दर्ज एफआईआर के खिलाफ न्यायालय से न्याय ले सकें। वे कोई अपराधी नहीं थे, वे विदेश नहीं भाग जाते। अगर वह जांच में असहयोग करते, और प्रकरण में दोषी होते तो उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए था लेकिन उन्हें कोई अवसर नहीं दिया गया, यह न्याय और विधानसभा सदस्य के अधिकारों का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को लखनऊ के जिस मुकदमें में गिरफ्तार किया गया है उसके किसी भी प्रपत्र या सूची में उनके कहीं भी हस्ताक्षर नहीं है, और न ही कही मौखिक रूप से उनके संवाद ही हैं, उन्हें एक षड़यंत्र के तहत गिरफ्तार किया गया है, जो पूरी तरह से अनुचित और अन्यायपूर्ण है ।
रिपोर्टर - मनीष श्रीवास्तव लखनऊ
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